Now, India can Donate Ventilators to Israel, France & America
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https://www.businesstoday.in/current/economy-politics/36-433-ventilators-delivered-to-govt-hospitals-amid-coronavirus-healthmin/story/426613.html
https://timesofindia.indiatimes.com/india/over-36000-ventilators-delivered-to-government-hospitals-amid-covid-government/articleshow/80044878.cms
https://timesofindia.indiatimes.com/india/after-israel-france-to-give-india-ventilators/articleshow/77210303.cms
https://timesofindia.indiatimes.com/india/us-to-donate-200-ventilators-to-india-first-tranche-of-50-to-arrive-soon/articleshow/75826358.cms
आज के पाजिटिविटी पार्टनर हैं, मुकुल गर्ग जी (Mukul Garg). स्पॉन्सरशिप के लिए आपको धन्यवाद. कोई बहुत पुरानी बात नहीं है, दोस्तों, इसलिए आपको अच्छे से याद होगा, इस साल 2020 की शुरुआत में आतंकी कोरोना वायरस ने हम सभी को हमारे ही घरों में कैद कर दिया था. उस समय अचानक से सबको पता लगा, की कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित रोगियों को वेंटीलेटर की सख्त जरूरत पड़ती है. कोरोना की ठोकर खाने पर हम सभी को अकल आयी, की भारत में तो वेंटीलेटर बनते ही नहीं है, इसलिए हम पूरी तरह से इम्पोर्ट पर डिपेंडेंट हैं. चूँकि दुनिया भर में वेंटीलेटर की डिमांड ने अचानक से आसमान छु लिया था, इसलिए वेंटीलेटर की हो गयी थी किल्लत. सायद आप भूले नहीं होंगे, की जून जुलाई महीने में इसराइल अमेरिका और फ्रांस ने वेंटीलेटर भारत को डोनेट किये थे. और हमने इस घटनाक्रम के ऊपर वीडियो भी बनाया था. हालाँकि संकट के समय सहायता देने के लिए हम सभी मित्र देशो के आज भी आभारी है, लेकिन फिर भी यह कस्ट हम सभी को था, की आखिर क्यों हम सभी इतने अधिक इम्पोर्ट पर डिपेंडेंट हो गए?? वैसे हमें अच्छे से याद है, कोरोना वायरस के हमले के सालों पहले से आप सभी यह कहते आ रहे थे, की इम्पोर्ट पर हमारी निर्भरता एक ना एक दिन हमारे ही शोषण को जन्म देगी. यह बात और थी, आप सभी की बातों को सुनकर भी सब अनसुना कर देते थे. कोई बात नहीं, जो स्वयं नहीं सीखते हैं, उन्हें सिखाने का ठेका समय ने ले रखा है. इस बैकग्राउंड में जब घर में आग लगी हुई थी, तभी भारत ने लिया कुआ खोदने का निर्णय. जी हाँ दोस्तों, आजादी के बाद इस साल तक भारत में कुल 16 हज़ार वेंटिलेटर्स हुआ करते थे, लेकिन एक ही साल में भारत ने उत्पादन करके दिखा दिया, 36 हज़ार वेंटिलेटर्स का . हेल्थ मिनिस्ट्री ने स्वयं कन्फर्म किया है, की इस मेक इन इंडिया चैलेंज को इंडियन मेडिकल इंडस्ट्री ने एक अवसर के रूप में लिया, और आज परिणाम हमारे सामने है. एक समय भारत ने वेंटिलेटर्स के एक्सपोर्ट पर लगा रखी थी, पूरी तरह से रोक, लेकिन अब भारत ने उनके एक्सपोर्ट को भी बे रोक टोक allow कर दिया है. पॉइंट सिंपल है, इम्पोर्टर भी एक्सपोर्टर बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए चाहिए इच्छा शक्ति और सुनहरा मौका. देख लीजिये जनाब, 6 महीने पहले हम वेंटिलेटर्स को दान में स्वीकार कर रहे थे, और आज हम वेंटिलेटर्स दान में देने के काबिल हो गए है. वैसे वेंटिलेटर्स में जो अभी हो रहा है, वह N95 मास्क और PPE कीटस के छेत्र में पहले ही अचीव कर लिया गया है, एक समय यह प्रोडक्ट हमारे देश में ना के बराबर बनते थे, लेकिन आज हम इनके दुनिया में दूसरे सबसे बड़े सप्लायर के रूप में उभरे हैं. यहाँ क्लियर करना जरूरी है, जब हम इस एक्सपोर्ट capability के विकास की बात कर रहे हैं, तो स्वाभाविक है, इसके कारण ना सिर्फ इंडियन इंडस्ट्री को पैसा कमाने का मौका मिला होगा, बल्कि रोजगार के भी नए अवसर पक्के से पैदा हुए होंगे. पहले PPE कीटस और अब वेंटिलेटर्स ने साबित कर दिया है, की यदि मौका मिले तो भारत मैन्युफैक्चरिंग की फील्ड में चौका भी लगा सकता है. जितने आभार के साथ तब भारत को वेंटिलेटर्स डोनेट करने के लिए हमने इसराइल फ्रांस और अमेरिका को धन्यवाद बोला था, उतनी ही आज हम सराहना करते हैं, इंडियन मेडिकल इंडस्ट्री के अथक प्रयासों की. अब जबकि इस उपलब्धि के साथ हम साल 2020 समाप्त कर रहे हैं, हम उम्मीद करते हैं, की मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट की रफ़्तार और बड़े, ताकि जल्दी से जल्दी भारत ग्लोबल फैक्ट्री के रूप में नया रूप लेकर उभरे. आप सभी को नए साल की शुभ कामनाएं, और अंत में वीडियो पार्टनर मुकुल गर्ग जी को धन्यवाद देते हुए हम यह वीडियो समाप्त करते हैं.
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