मोदी योगी ने दी अमेरिकन मीडिया को करारी शिकस्त
जैसा की अभी तक क्रिस्टल क्लियर हो चूका है, उत्तर प्रदेश ने बाबाजी का कमंडल अगले पांच सालों के लिए भर दिया है.
जितना इस विधान सभा चुनाव की चर्चा भारत में थी, उससे कहीं ज्यादा इसमें दखल देने की कोसिस की जा रही है, अमेरिकन प्रसाशन और लेफ्ट लिबरल मीडिया के द्वारा.
कोरोना के हाथों ट्रम्प को धूल चटवाने के बाद, अमेरिकन प्रशाशन ने इस बार हिजाब बैन में डायरेक्ट टीका टिपण्णी करके मोदी जी के खिलाफ माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
रिलीजियस फ्रीडम के ठेकेदारों से लेकर बड़े बड़े अर्थ शास्त्रियों ने भारत को गलियां देने का कोई मौका नहीं छोड़ा. अरे इस चुनाव की चर्चा तो वाशिंगटन पोस्ट और न्यू यॉर्क टाइम्स तक में हो रही थी. इस प्रकार अमेरिका में बैठी हुई लेफ्ट लिबरल मीडिया डेली भारत में बैठे अपने टट्टुओं को मसालेदार कंटेंट सप्लाई कर रही थी.
यह बात हम सभी से छिपी नहीं है, की जो अमेरिका लेफ्ट लिबरल मीडिया बाइडेन को सर पर उठाये घूमती है, उसी मीडिया को मोदी जी फूटी आँख तक नहीं सुहाते हैं.
एक अमेरिकन अधिकारी ने तो यह तक कह दिया था, की इंडिया अमेरिका फ्रेंडशिप की जो आधारशिला ओबामा ने रखी थी, मोदी जी उसी पर चोट कर रहे हैं. इस प्रकार क्लियर था, की बाइडेन के मन की बात उनके कर्मचारी और पत्रकार के मुँह से निकल रही थी.
सबको बड़ी बेसब्री से इंतजार था, की बस एक बार मोदी UP में हार जाये, अरे उन्होंने तो बिग सेट बैक, मोदी गेम फिनिश्ड जैसी हेड लाइन भी पहले से लिख ली थी.
लेकिन अब सब का सब धरा का धरा रह गया. और वाइट हाउस में बैठे बाइडेन जो अभी उक्रैन की घावों पर मलहम लगवा रहे थे, अब ॐ स्वाहा कहते हुए योगी जी ने उन पर नमक मिर्ची डाल दी है.
भले ही लेफ्ट लिबरल मीडिया और पप्पू पुजारियों के हाथों से उत्तर प्रदेश तो निकल गया, लेकिन फिर भी पूरी की पूरी अमेरिकन मीडिया और बाइडेन प्रशासन मोदी जी को लोकसभा चुनाव में हराने में जी जान से लग जायेंगे.
लेकिन बाइडेन और उनके चमचे कान खोलकर सुन लें, भारत में मोदी जी हैं, ट्रम्प नहीं, इस दौरान जबकि अमेरिकन मीडिया का मोदी जी पर अटैक बढ़ने वाला है, तब हमने मोदी जी के साथ चट्टान की तरह खड़े रहना है. तभी अमेरिका में बाइडेन की जलती रहेगी और इंडिया में मोदी जी की चलती रहेगी.
साथ में यह सवाल पूछते रहिएगा, की हिन्दू सिक्ख अफ़ग़ानिस्तान से भागकर हिंदुस्तान तो आ गए, लेकिन मोदी योगी जी नहीं रहे, तो हिंदुस्तान छोड़कर कहाँ जाओगे?? आर्थिक प्रगति तो यूक्रेन ने भी कर ली थी. लेकिन कमजोर और ना समझ नेतृत्वा की कीमत आज पूरी यूक्रेनियन जनता भुगत रही है.
देश रहेगा, तभी महंगा रोजगार और सस्ता सामान मिलेगा, इसलिए याद रखियेगा, भगवा कमल निशान है, मजबूती मोदी की पहचान है.
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