ब्रिटिश कैबिनेट में तीन भारतीय मूल के नेता मंत्री क्यों बनाये गए?
अब भारतीय करेंगे ब्रिटैन पर राज
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Reference -
जैसा की आपको पता लग गया हो होगा , की इतिहास में पहली बार भारतीय मूल के तीन मंत्रियों को ब्रिटिश कैबिनेट में जगह मिल गयी है.
कहने की जरूरत नहीं है, सबसे ज्यादा चर्चा ब्रिटैन की नयी होम सेक्रेटरी प्रीती पटेल की हो रही है.
हम सभी के लिए यह एक गर्व की बात है, लेकिन हमें याद रखना चाहिए, की वर्ष 1890 में पहली बार किसी भारतीय को हाउस ऑफ़ कॉमन्स में चुना गया था, ब्रिटैन में बसे भारतियों को इस मुकाम तक पहुंचने में 130 सालों का लम्बा समय लगा है.
भारतीय मूल के लोगों की दुनिया में सफलता हम सभी को प्रेरणा देती है, यह सोचना भी अच्छा लगता है, की अब भारतीय मूल के लोग ब्रिटैन को चलाएंगे.
मीडिया में तो यह भी छापा जा रहा है, प्रीती पटेल को होम सेक्रेटरी इसलिए बनाया गया है, क्योकि उनकी मोदी साब से अच्छी दोस्ती है, और ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटैन को इंडिया की जरूरत पड़ेगी, इसलिए उन्हें ब्रिटैन का होम सेक्रेटरी बनाया गया है.
प्रीती पटेल को वैसे भी अपनी प्रशासनिक छमता साबित करनी है, उनकी किसी से दोस्ती है, सिर्फ इसलिए उन्हें यह पद मिला है, यह कहना सही नहीं है. वैसे भी अनुभव की कमी होने के कारण ब्रिटिश मीडिया में उनका मजाक उड़ाया जा रहा है.
आपको पता है, भारतीय मूल के ये तीनो नेता शुरुआत से ब्रेक्सिट का सपोर्ट कर रहे है, और इन्होने Borish जॉनसन को उनकी कैंपेन में मदद की थी.
लेकिन इनके मंत्री बनाये जाने के पीछे जॉनसन साब का भारत के प्रति कोई प्रेम नहीं उमड़ रहा है, आपको तो मालूम है इनके मंत्री बनाये जाने के पीछे ब्रिटैन की अंदरूनी राजनीति काम कर रही है.
ये नेता भारतीय मूल के हैं, लेकिन ये नागरिक तो ब्रिटैन के हैं. इसलिए हमें यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए, की इनके सर्कार में शामिल हो जाने मात्र से, भारत और ब्रिटैन के सम्बन्ध अपने आप और अच्छे होने लगेंगे.
ये नेता भारत के लिए अच्छे हो या नहो, इनको ब्रिटैन के लिए अच्छा होना चाहिए. इनका राजनैतिक भविस्य तभी उज्जवल होगा, जब वह ब्रिटैन का भला करेंगे.
भारतीय मूल का होम सेक्रेट्री क्यों, एक दिन भारतीय मूल के नेता ने ब्रिटैन का प्रधान मंत्री भी बनना चाहिए.
वो तो सदियों से हमारे यहाँ समुद्र यात्रा allow नहीं थी, नहीं तो आज पूरी दुनिया में भारतीय मूल के लोग ही राज कर रहे होते.
आप सभी ने पढ़ा होगा, वर्ष 1757 में प्लासी की लड़ाई जीतकर लार्ड clive ने भारत में British राज की नीव डाली थी.
आज वर्ष 2019 में लार्ड clive अपनी कब्र में बैचेन हो कर करवट ले रहे होंगे, की जिन भारतियों को उन्होंने गुलाम बनाया था, आज उसी भारतीय मूल के लोग ब्रिटैन की सर्कार के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं.
अंतर सिर्फ यह है, लार्ड clive ने साजिस से भारत पर कब्ज़ा किया था, लेकिन भारतीय मूल के लोगों ने अपनी योग्यता की दम पर लोकत्रांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत अपना मुकाम हासिल किया है.
भारतीय मूल के मंत्रियो को हमारी तरफ से बधाई, ब्रिटेन ने भारत की नैया को डुबोया था, आप लोग ब्रिटैन की नैया को पार लगाना.
वैसे भी, हम अंग्रेजो की तरह मक्कार नहीं है, जिन्होंने भारत को लूटकर ब्रिटैन का खजाना भरा था. भारतीय मूल के लोग तभी कामयाब होंगे, जब वह ब्रिटैन को प्रगति की राह में और आगे ले जायेंगे.
आज का आसान सवाल है, भारतीय मूल के कितने लोगों को ब्रिटिश कैबिनेट में शामिल किया गया है?
पिछले वीडियो में पूछे गए सवाल के लिए आज के लकी विनर हैं, संजय चौहान .
Thank you Friends for watching this video.
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