America passes New Law to make Dalai Lama Strong (Freedom for Tibet)


यदि आप हमें प्रोत्साहित और सपोर्ट करना चाहें, तो आप PayTM, Google Pay, Phone Pe नंबर - +917649046884 पर हमें डोनेट (any amount) कर सकते हैं. Thank You!! If you want to support & encourage our creative work, please donate (any amount) on PayTM, Google Pay, Phone Pe number- +917649046884. Thank You!!
यदि आप हमें प्रोत्साहित और सपोर्ट करना चाहें, तो आप PayTM, Google Pay, Phone Pe नंबर - +917649046884 पर हमें डोनेट (any amount) कर सकते हैं. Thank You!! If you want to support & encourage our creative work, please donate (any amount) on PayTM, Google Pay, Phone Pe number- +917649046884. Thank You!! Please join our membership & enjoy special perks. https://www.youtube.com/channel/UCo-l5eRAYHWjQtuhWsb3jEg/join You can support us by being our Patron. In addition, you can suggest interesting topics to us.On selected topics we will make special videos. Please click on below link to become our Patron. कृपया हमारे संरक्षक (Patron) बनकर हमें सपोर्ट कीजिये. साथ ही आप हमें टॉपिक्स सजेस्ट कर सकते हैं. चुनिंदा टॉपिक्स पर हम स्पेशल वीडियो बनायेगे. Patron बनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.patreon.com/Realquickinfo Please click on below link to join us on Facebook इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे फेसबुक पर जुड़ सकते हैं. https://www.facebook.com/realquickinfo/ Please click on below link to join us on Twitter इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे ट्विटर पर जुड़ सकते हैं. https://twitter.com/RealQuickInfo Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/ Congratulations, you are today's lucky winner.😊👊👊😊 Please watch today's video. real quick info latest,real quick info,real quick analysis,rqi latest,trending now in india,trending news in india,study iq latest video,study iq latest current affairs,real quick info hindi, Reference
https://edition.cnn.com/2020/01/28/politics/house-passes-tibet-human-rights-bill/index.html
https://www.scmp.com/news/china/politics/article/3047974/us-house-approves-tibet-bill-latest-human-rights-challenge
https://www.indiatoday.in/world/story/us-house-china-dalai-lama-succession-sanctions-bill-1641211-2020-01-29


84 वर्षीय दलाई लामा को पुनर जन्म लेना है, या नहीं, और अगर लेना भी है, तो कब कैसे और कहाँ लेना है, इसका निर्धारण करने का अधिकार किसको होना चाहिए।



चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को या तिब्बत की बौद्ध कम्युनिटी को? दुनिया के हर किसी समुदाय की तरह क्या तिब्बत के बौद्ध समुदाय को यह अधिकार नहीं है, की वह अपने रिलीजियस लीडर का चुनाव बिना किसी सरकारी हस्तछेप के अपनी परम्परा के अनुसार करे?



भारत में अपराधियों  और देश द्रोहियों के मानव अधिकारों की रक्षा करके करोड़पति बने लोगों को भारत में रहने वाले गरीब तिब्बत समुदाय के मानव अधिकारों का ख्याल कभी नहीं आता है। सायद यही कारण है, हर मुद्दे पर चिल्लाने वाली हमारी इंडियन मीडिया में चीन में चल रहे मानव अधिकारों के दमन को लेकर सन्नाटा पसरा रहता है।



लेकिन इसी बीच अमेरिका से आई एक बेहद अच्छी खबर, अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन यानि की हाउस ने बड़े बहुमत से वर्ष 2002 के तिब्बतन पालिसी एक्ट में बदलाव कर दिया है।



एक दूसरे के खून के प्यासे रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स ने तिब्बत के बौद्ध लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला लिया। और 412 में 392 सदस्यों ने तिब्बतन पालिसी एक्ट में परिवर्तन को दे दिया अप्रूवल।



इस परिवर्तन के अनुसार दलाई लामा के पुनर जन्म अथवा उत्तराधिकारी के चुनाव की प्रक्रिया में जो भी चाइनीस अधिकारी तंग अड़ाएगा, उसकी टांग काट दी जाएगी। इसके लिए  उस पर अमेरिकी प्रतिबन्ध लगा दिए जायेंगे।



साथ ही जब तक चीन  तिब्बत ऑटोनोमस रीजन की राजधानी ल्हासा में अमेरिका को वाणिज्य दुताबास नहीं खोलने देता, तब तक अमेरिकी धरती पर चीन को भी नया वाणिज्य दुताबास नहीं खोलने दिया जायेगा।



बात साफ़ है, दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया में दखलंदाज़ी करने के कारण अब चीन को लेने के देने पढ़ गए है।



आपको भी समझ आ गया होगा, दलाई लामा के उत्तराधिकारी से ज्यादा नुकसान पहुचायेगा, तिब्बत की राजधानी में खुलने वाला अमेरिकी दुताबास।



अगर अमेरिका को लहासा तक पहुंच मिल गयी, तो कम्युनिस्ट पार्टी की कारगुजारियों पर पर्दा डालना बहुत मुश्किल हो जायेगा।



दाव उल्टा पड़ते देख, चीन तिलमिला उठा, और चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ़ कर दिया है, की अमेरिका ने तिब्बत की आजादी की मांग करने वालों को चीन के खिलाफ गलत सन्देश दे दिया है।



आपको भी पता है, तिब्बत की आजादी की आग को जिन्दा रखने के लिए बेहद जरूरी है, की अगले दलाई लामा का चुनाव निष्पक्ष तरीके से किया जाये।



इसलिए अमेरिकी संसद में विचाराधीन इस बदलाव का महत्वा बहुत अधिक बढ़ जाता है।



अब जबकितिब्बतन पालिसी एक्ट में अमेंडमेंट को हाउस ने अप्रूवल दे दिया है, अब यह प्रस्ताव जायेगा, अमेरिकन सीनेट में, जो अभी राष्ट्रपति ट्रम्प के महाभियोग के फर्जीबाड़े में फसी  हुई है।



इसलिए सीनेट से इस अमेंडमेंट के पास होने में थोड़ा सा समय लग सकता है, लेकिन जिस शक्ति से हाउस ने इस अमेंडमेंट पर ठप्पा लगाया है, इस बात को लगभग तय माना जाना चाहिए, की सीनेट भी इस अमेंडमेंट को हरी झंडी जल्द ही दिखा देगी।



फिर यह अमेंडमेंट राष्ट्रपति ट्रम्प की टेबल पर जायेगा। जैसा की आपको भी अंदाज़ा होगा, यह अमेंडमेंट सीनेट से भी पास होगा, और प्रेजिडेंट ट्रम्प भी इस पर साइन करेंगे, सवाल सिर्फ यही है, की इस विधायी प्रक्रिया में कितना समय लगता है।



चूँकि दलाई लामा की आयु हो रही है, 84 वर्ष और हम सभी उनकी लम्बी आयु की कामना भी करते हैं, लेकिन अच्छा होगा, की जल्द से जल्द यह अमेंडमेंट कानून का हिस्सा बन जाये।



जबकि अमेरिकी संसद चीन के खिलाफ दना दन कठोर कानून बना रही है,हर कानून को लागु करने का काम होता है, कार्यपालिका का ।



और यही पर ठील छोड़ी जा रही है। example के तौर पर reciprocal एक्सेस to तिब्बत एक्ट के अनुसार यदि कोई चाइनीस अधिकारी अमेरिकी पत्रकारों की तिब्बत यात्रा में अड़ंगे लगाता है, तो अमेरिका उस अधिकारी के खिलाफ प्रतिबन्ध लगा सकता है।



इस कानून को बने 1 साल से भी ऊपर हो गया, पिछले साल अक्टूबर में ट्रम्प सर्कार ने उन चाइनीस अधिकारियो के नाम अमेरिकी संसद को बताने थे, लेकिन अभी तक ट्रम्प प्रशासन आनाकानी कर रहा है। इसलिए अमेरिकी संसद में ट्रम्प सर्कार के खिलाफ असंतोष भी बढ़ रहा है ।



इस देरी और लापरवाही का कारण कोई भी हो, ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन से ऐसी उम्मीद नहीं है, की वह खुले में तो चीन को खरी खोटी सुनाये, लेकिन कागजी कारवाही करते समय सो जाये।



सायद इसी लिए इस बार अमेरिकी संसद ने स्मार्ट होते हुए, चाइनीस अधिकारियो पर प्रतिबन्ध के साथ अमेरिका में नई चाइनीस कांसुलेट पर ही रोक लगा दी है।



हम सिर्फ यह कहना चाह रहे हैं, चाइनीस राजा के पैरो में घुंगरू बांधने के लिए अमेरिकी संसद और अमेरिकी सर्कार को एक साथ हाथ आगे बढ़ाना होगा।



नहीं तो संसद के द्वारा बनाये गए कानूनों का कोई मतलब नहीं, अगर उन पर अमल ही ना कराया जाये।



लेकिन फिर भी यह तारीफ के काबिल है, की अमेरिका ने चीन के खिलाफ एक और कड़ा कानूनी बदलाव करने की हिम्मत दिखाई है।



दलाई लामा रहते तो हैं, भारत में, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है, की दलाई लामा के बाद कौन उनकी जगह लेगा, इस सवाल का उत्तर ढूडने में भारत सर्कार ने कोई रूचि नहीं दिखाई है।



पिछले साल चेन्नई में चीन के तानाशाह ने पिया था नारियल पानी, लेकिन उसका नशा अभी तक भारत सरकार के सर पर चढ़ा हुआ है।



तभी तो आज तक भारत सरकार चीन का तुस्टीकरण की नीति करने में लगी हुई है।



मोदी साहब ने हाल ही में कहा था, की अब समस्याओ को ना तो पाला जाता है, और ना ही लटकाया जाता है, उन्हें केवल निपटाया जाता है।

 हमें पता है, एक परिवार के द्वारा खोदे गए गड्ढों को भरने में ही मोदी जी का सारा समय निकल गया।



इसलिए आप सभी की तरह हमें भी पूरा विस्वास है, की देर सवेर मोदी जी चीन को ऐसा मजा चखाएंगे, की चाइनीस ड्रैगन को छठी  का दूध याद आ जायेगा।



लेकिन फिर भी अच्छा होगा, की जल्द से जल्द मोदी सरकार दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर अपना रुख स्पस्ट करे, और इंडियन 5G  के दूध में पड़ी चाइनीस मक्खी हुआवे को भी बहार निकाल फेंके।



मोदी सरकार ये दो कदम जब उठाएगी, तब उठाएगी, लेकिन उसके पहले जनता को इन दोनों मुद्दों पर एक राय कायम करनी होगी, क्योकि जब जनता चिल्लाती है, तभी बड़े नेताओं के कानो तक आवाज पहुँचती है।

Tags
Tibetan Policy act Amendment,US house Pass amendment in Tibetan Act,US Congress on Tibet Act,Tibetan Act Amendment,dalai lama india news,dalai lama incarnation,tibet latest news,tibet freedom movement,tibet freedom,US house Support Tibet Freedom,China Tibet latest news,india tibet relations,india tibet latest border news,Tibet Freedom Struggle,Trump On Tibet

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हारी बाजी जीत गए मोदी जी

दर्द में हुई असली मर्द की पहचान

Well Done President Trump - America Stops WHO Funding!!