Good News - Indian Economy gains Massive Momentum of Growth

 🔥Special Offer🔥 - अब आप हमारे अगले वीडियो को स्पोंसर भी कर सकते है, इसके लिए आप 100/- रुपए का आर्थिक सहयोग PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884 पर देकर स्पोंसरशिप लीजिये और कमेंट section में अपना नाम शेयर कीजिये, ताकि एक वीडियो में हम बता सके, की आपने उसे स्पोंसर किया है! हमे सपोर्ट करने की लिए आपका धन्यवाद!

If you wish to sponsor our next video, you may please contribute only Rs 100/- at PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884. Please provide on your name in the comment section below, so that we can clearly mention in the video, that you have sponsored/funded it. Thank you all for supporting us always!! Please click on below link to join us on Facebook इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे फेसबुक पर जुड़ सकते हैं. https://www.facebook.com/realquickinfo/ Please click on below link to join us on Twitter इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे ट्विटर पर जुड़ सकते हैं. https://twitter.com/RealQuickInfo Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/

https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/indicators/gautam-adani-debunks-gdp-rhetoric-says-india-will-be-2nd-largest-economy-by-2050/articleshow/78363145.cms

https://www.livemint.com/news/india/high-frequency-indicators-suggest-india-s-economy-picking-up-pace-11601279142982.html


कोरोना महामारी को काबू में रखने के लिए लगे lockdown के कारण इंडियन इकॉनमी बैठ गयी, इस  बात को हम सभी ने अनुभव किया है.




अप्रैल से जून महीने की तिमाही के दौरान इंडियन इकॉनमी में पिछले चालीस सालों की सबसे अधिक गिरावट को भी नोटिस किया जा चूका है.




और आज भी हर रोज अख़बारों में और मीडिया में दना दन खबरे  और एनालिसिस छापा जाता है, जिसमे दर्शाया जाता है, की इंडियन इकॉनमी की लुटिया डूब चुकी है.




इस बात से तो इंकार है ही नहीं, की इंडियन इकॉनमी एक बेहद कठिन दौर से गुजर रही है, लेकिन बड़ा सवाल उठता है, की इंडियन इकोनॉमी में सुधार का क्या कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहा है.




भारतीय अर्थव्यवस्था की नब्ज का अंदाज़ा लगाने के लिए लाइव मिंट न्यूज़ पेपर 16 संकेतों का लेवल हर महीने देखता है.




अप्रैल महीने में इन 16 संकेतों में से 14 संकेत लाल थे,  और अब जबकि अगस्त महीने का पूरा डेटा आ चूका है, तो 16 में से 10 संकेत अभी भी लाल है.




लेकिन यदि आप सकारात्मक नजरिये से देखे, तो अपने नोटिस कर लिया होगा, अप्रैल महीने के 2 संकेतों के सामने अगस्त महीने में 6 संकेत हरे हो चुके हैं. 




इस प्रकार पहली बार यह देखा जा सकता है, की इंडियन इकोनॉमी में सुधार आना चालू हो गया है.




उदहारण के लिए रेलवे से माल की आवाजाही में पिछले साल के अगस्त महीने की तुलना में 4 फ़ीसदी का इजाफा हुआ है.




विक्री के लिए नए पैसेंजर vehicle के डिस्पैच में साल दर साल इम्प्रूवमेंट नोटिस हुआ है, और ट्रेक्टर की विक्री में तो जबरदस्त उछाल आया है.




अब आप ही बताएं, की क्या तीन इंडीकेटर्स से साफ़ नहीं हो रहा है, की इकोनॉमी करवट बदलने की कोसिस कर रही है.




हाँ यह बात एकदमसही है, की मैन्युफैक्चरिंग और कंस्यूमर एक्टिविटी अभी भी आगे नहीं बढ़ पायी है.  लेकिन उनमे भी अप्रैल और मई महीने की तुलना में सुधार नोटिस किया जा रहा है.




यह बात 100% सच है, की हमारी हालत अभी बेहद खस्ता है, लेकिन यह भी साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा है, की सबसे बुरे वक़्त से हम आगे निकल चुके हैं.




अभी भी चाइनीस महामारी का अंत नहीं हुआ है, सीमा विवाद भी भड़क कर युद्ध में तब्दील हो सकता है. लाख बुरी चीज़े हो सकती है, लेकिन क्या इसका मतलब यह है, की हम निराश होकर बैठ जाएँ.




पॉइंट सिंपल हैं, कोरोना वायरस और यह लॉक डाउन शार्ट टर्म की टेंशन हैं, और इसके कारण भारत के लॉन्ग टर्म फंडामेंटल पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा है.




अब यह आप पर निर्भर करता है, आप निराशावादी होकर आज की बुरी हालत के लिए मोदी जी को कोसना चाहते हैं, अथवा आशावादी होकर उज्जवल भविस्य के लिए प्लांनिग करना चाहते हैं.




हमेसा की तरह एनालिस्ट और एक्सपर्ट लोग भले ही रोते बिलखते रहे, भारत के उद्यमी व्यापारी और किसान अब भविस्य की रचना में लग चुके हैं.




आप चाहें तो विनास के कारण ढूंढ सकते हैं, अथवा आपदा में अवसर तलाश सकते हैं.




जैसा की मासिक संकेतों में दिखना भी चालू हो गया है, एक दो महीने की बात हैं, ज़्यदातर इंडीकेटर्स में जल्द ही हरियाली लौट आएगी.




यह बात और है, की जो एक्सपर्ट कल तक इन्ही संकेतों को हवाला देकर चिंता प्रकट करते थे, अब जबकि वही संकेत सुधरने लगे है, तो ये विद्वान लोग संकेतों की सत्यता पर सवाल खड़ा करने लगेंगे.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हारी बाजी जीत गए मोदी जी

दर्द में हुई असली मर्द की पहचान

Well Done President Trump - America Stops WHO Funding!!