Indian Message to Nepal is Loud & Clear !!

   🔥Special Offer🔥 - अब आप हमारे अगले वीडियो को स्पोंसर भी कर सकते है, इसके लिए आप 100/- रुपए का आर्थिक सहयोग PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884 पर देकर स्पोंसरशिप लीजिये और कमेंट section में अपना नाम शेयर कीजिये, ताकि एक वीडियो में हम बता सके, की आपने उसे स्पोंसर किया है! हमे सपोर्ट करने की लिए आपका धन्यवाद!

If you wish to sponsor our next video, you may please contribute only Rs 100/- at PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884. Please provide on your name in the comment section below, so that we can clearly mention in the video, that you have sponsored/funded it. Thank you all for supporting us always!! Please click on below link to join us on Facebook इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे फेसबुक पर जुड़ सकते हैं. https://www.facebook.com/realquickinfo/ Please click on below link to join us on Twitter इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे ट्विटर पर जुड़ सकते हैं. https://twitter.com/RealQuickInfo Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/



https://www.republicworld.com/india-news/general-news/india-hands-over-cheques-worth-rs-96-crore-to-nepal-as-post-earthquake.html

https://www.ndtv.com/india-news/india-hands-over-rs-96-crore-to-nepal-for-post-earthquake-assistance-2300389

https://www.timesnownews.com/international/article/back-off-china-protests-echo-in-nepal-as-beijing-scales-new-peaks-of-intrusion-in-himalayan-nation-details/656789

https://www.indembkathmandu.gov.in/docs/1557839851Final%20-%20Flyer%20Reconstruction.pdf

https://economictimes.indiatimes.com/news/international/world-news/ruling-nepal-communist-party-and-opposition-at-loggerheads-over-chinas-encroachment/articleshow/78283015.cms

https://timesofindia.indiatimes.com/city/dehradun/nepal-plans-to-conduct-census-in-kalapani-areas-indian-side-says-wont-allow/articleshow/78282903.cms

https://www.timesnownews.com/india/article/nepal-wants-to-conduct-census-in-kalapani-areas-locals-say-we-are-citizens-of-india/657501


आज के इस वीडियो के स्पांसर है, प्रदीप (Pradeep) जी. हमें सपोर्ट करने के लिए आपको धन्यवाद्.




जैसा की हम सभी को पता है, हाल ही में रिपोर्ट आयी हैं, की चालबाज़ चीन ने अपने दोस्त को दोखा देते हुए, नेपाल की जमीं पर गैर कानूनी कंसट्रक्शन करके 9 इमारते खड़ी कर दी हैं.




जब चीन अतिक्रमण कर रहा था, तब नेपाल की ओली सर्कार चाइनीस गोद में घोड़े बेचकर सो रही थी. लेकिन जैसे ही इस खबर का जिन्न बोतल के बहार आया, नेपाल के विपक्ष और जनता ने सडको पर विरोध प्रदर्शन चालू कर दिया, तो अब नेपाल सर्कार के विदेश मंत्रालय ने अपने चाइनीस मास्टर का बचाव करते हुए कह दिया है, की चीन ने जो भी कंस्ट्रक्शन किया है, वह चाइनीस साइड में किया गया है.




इसी बैकग्राउंड में सायद आपको याद हो, कुछ ही दिनों पहले भारत  ने नेपाल को कोरोना के खिलाफ कारगर रेमडिस्विर दवा के 2000 इंजेक्शन गिफ्ट के रूप में दिए.




तब आप सभी ने इस भारतीय सहायता का विरोध भी किया था, क्योकि जहाँ एक तरफ हम नेपाल को मदद दे रहे थे, तो वहीँ दूसरी तरफ नेपाल चाइनीस पैसे से कालापानी के गावों में रहने वाले भारतीयों की नागरिकता खरीदने की कोसिस कर रहा था.




और तो और फिर खबरें आयी, की अगले साल नेपाल भारत की जमीं पर जनगड़ना भी करना चाहता है, जाहिर है, भारत में नेपाल को जनगड़ना नहीं करने दी जाएगी, वैसे भी नेपाली झूठे दावे वाले इलाको में रहने वाले लोगों को अपने भारतीय होने पर गर्व है.




लेकिन नेपाल की वर्तमान सर्कार के ऐटिटूड से साफ़ दिखाई देता है, की उस पर चाइनीस नशा सर चढ़ कर बोल रहा है.




फिर भी भारत है, की नेपाल की मदद करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है.




साल 2015 में नेपाल में आया था भयंकर भूकंप. जिसके बाद ऑपरेशन मैत्री के अंतर्गत भारत ने ना सिर्फ नेपाल को मदद पहुंचाई, बल्कि नेपाल में पुनर निर्माड़ को बल देने के लिए १ बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता मुहैया करवाई थी.




जिसमे से 250 मिलियन डॉलर तो केवल दान था, जो कभी लौटकर भारत नहीं आना था. और कल अपने वादे पर खरा उतरते हुए उसी ग्रांट में से भारत ने नेपाल को 96 करोड़ रुपये दान में दे दिए, जिनका प्रयोग करके नेपाल में घरो का रिकंस्ट्रक्शन किया गया है.




और भविस्य में भी भारत ग्रांट अमाउंट को रिलीज़ करता रहेगा.




अब आप स्वयं देख लीजिये, की पिछले पांच सालों में भारत की पीठ पर चाइनीस छुरा घोंपने का नेपाल की सर्कार ने कोई मौका नहीं छोड़ा. फिर भी भारत आज भी नेपाल की मदद किये जा रहा है.




यहाँ पर साफ़ करना जरूरी है, की संकट के समय नेपाली नागरिको की मदद करने का हम सभी को गर्व और खुसी है, लेकिन हमें दुःख है, की भारत की मदद को भारत की मजबूरी समझने की लत वर्तमान नेपाल की सर्कार को लग गयी है.




इसलिए बड़ा सवाल उठता है, की जब भारत नेपाल सम्बन्धो में इतनी खटास आ चुकी है, तो भला भारत सर्कार क्यों नेपाल पर इंडियन टैक्स पयेर्स का पैसा बर्बाद कर रही है??




पहले तो जब तक नेपाल सर्कार के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आता, तब तक उसकी मदद करने का कोई मतलब नहीं बनता, और यदि हेल्प करना ही है, तो हमारा यह अपेक्छा रखना जायज है, की नेपाल की सर्कार मौन ना रहते हुए कम से कम एक ट्वीट करके भारत को थैंक यू बोले.




यह बात हम सभी की समझ के बहार है, आखिर कब तक हम अहसान फरामोश नेपाल की कम्युनिस्ट सर्कार पर चुपचाप अहसान करते रहेंगे. 




दुर्भाग्य यह भी है, की भारत एक के बाद एक लगातार नेपाल की मदद कर रहा है, नेपाली मीडिया इन खबरों को कवर करना नहीं चाहती, और भारतीय मीडिया के पास इन खबरों को कवर करने का समय नहीं है.




जहाँ तक उन विद्वानों का सवाल है, जिन्होंने नेपाल के साथ अच्छे सम्बन्ध स्थापित करने का ठेका अकेला भारत को दे रखा है, ऐसी खबरें पढ़कर उन्हें भी चाइनीस सांप सूंघ जाता है.




आप ही बताएं, आखिर कब तक भारत नेकी करके नेपाली दरिया में इंडियन taxpayers  का पैसा बहता रहेगा??

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हारी बाजी जीत गए मोदी जी

दर्द में हुई असली मर्द की पहचान

Well Done President Trump - America Stops WHO Funding!!