Super Strategy - India provides Help to Palestine
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https://www.middleeastmonitor.com/20200930-palestine-india-sign-deals-worth-36m/
https://timesofindia.indiatimes.com/india/india-gave-72-1-million-to-palestine-as-project-assistance-mea/articleshow/67353076.cms
https://english.wafa.ps/Pages/Details/120382
https://www.indiatoday.in/india/story/diplomatic-advisor-palestine-president-majdi-khaldi-exclusive-palestinians-israelis-1723451-2020-09-19
https://en.wikipedia.org/wiki/India%E2%80%93Palestine_relations
https://www.outlookindia.com/newsscroll/india-gave-usd-721-million-to-palestine-as-project-assistance-mea/1450715
https://www.aljazeera.com/news/2018/02/10/modi-visits-ramallah-backs-independent-palestine-state/
https://indianexpress.com/article/india/palestine-calls-back-envoy-to-pakistan-for-attending-hafiz-saeed-event-after-india-protests-5005060/
आज के इस वीडियो के स्पांसर हैं नीलेश जी, हमें सपोर्ट करने के लिए आपको धन्यवाद.
सायद आपको याद हो, साल 2017 की बात है, जेरुसलम को इसराइल की राजधानी के रूप में अमेरिका ने स्वीकार किया, तब इसराइल के पक्ष में उठाये गए इस कदम के विरोध में प्रस्ताव पेश किया गया था यूनाइटेड नेशंस में, जिसका भारत ने समर्थन किया था.
इसराइल और अमेरिका के खिलाफ और फिलिस्तीन के सपोर्ट में उठाये गए इस भारतीय कदम को पचा पाना हम सभी के लिए बेहद मुश्किल था, हम सभी को और भी बुरा तब लगा, जब कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान में फिलिस्तीन के राजदूत ने हाफिज सईद के साथ मंच साझा किया.
स्वाभाविक था, भारत को फिलिस्तीन की यह हरकत नागवार गुजरी और फिलिस्तीन ने अपनी गलती तुरंत सुधार कर पाकिस्तान में अपने राजदूत को दंड देते हुए उन्हें वापस बुला लिया.
बाद में फिर वर्ष 2018 में मोदी साहेब फिलिस्तीन की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधान मंत्री बने.
हाई लाइट करने वाली बात यह है, की भारत यदि फिलिस्तीन का सपोर्ट कर रहा है, तो बदले में फिलिस्तीन से भी यह अपेक्षा है, की वह भारतीय हितों का ख्याल रखे.
वैसे भी ताली दो हाथों से बजती है, और कूटनिति तो होती ही है शक्ति संतुलन स्थापित करने की कला.
इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए, अभी हाल ही में भारत ने इसराइल और UAE के बीच डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप की स्थापना का स्वागत किया, साथ में इसराइल और फिलिस्तीन के बीच two स्टेट सोलुशन की वकालत भी की.
और कल की ही बात है, जब भारत ने फिलिस्तीन के साथ 36.1 मिलियन डॉलर के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये.
इसमें से 29 मिलियन डॉलर खर्च करके वेस्ट बैंक में इंडियन हॉस्पिटल का निर्माड किया जायेगा, और २.१ मिलियन डॉलर का प्रयोग स्कूल्ज के लिए बिल्डिंग बनाने में किया जायेगा.
साथ ही साथ और 5 मिलियन डॉलर भारत फिलिस्तीन को देगा, जिससे उसकी नेशनल प्रिंटिंग प्रेस के लिए इक्विपमेंट और मशीने ख़रीदे जायेंगे.
यहाँ पर गौर करने वाली बात यह है, की मोदी साहेब की वर्ष 2018 की फिलिस्तीन यात्रा के दौरान भारत ने इस टोटल 42.1 मिलियन डॉलर की प्रोजेक्ट असिस्टेंस का वादा किया था.
इसलिए कल भारत केवल अपने दो साल पुराने वादे पर खरा उतरा है.
जाहिर है, फिलिस्तीन के प्रधान मंत्री ने भारत को इस सपोर्ट के लिए थैंक यू दिया, साथ ही साथ भारत को रामल्लाह में जमीं आल्लोट कर दी गयी है, जहाँ पर भारत अपना दूतावास बनाएगा.
अब हमारे मन में सवाल उठ सकता है, की आखिर क्यों भारत फिलिस्तीन पर अपना पैसा बर्बाद कर रहा है.
हम सभी ने अच्छे से देखा है, मोदी जी ने भारत के इसराइल और फिलिस्तीन के साथ सम्बन्धो को अलग अलग करने की कोसिस की है.
हम सभी भारत और इसराइल के बीच की दोस्ती के महत्व को स्वीकार करते हैं, इसलिए आप ही बताएं, इंडिया इसराइल की दोस्ती के कारण क्या इसराइल और चीन की दोस्ती और बढ़ते सम्बन्धो पर कोई प्रभाव आज तक पड़ा है??
हम नेपाल की कम्युनिस्ट सर्कार की मदद के खिलाफ है, क्योकि वह एक हाथ से मदद तो ले लेती है, थैंक यू बोलना तो छोड़िये जनाब, उल्टा दूसरे हाथ से भारत की पीठ पर चाइनीस वार करने से भी नहीं चूकती है.
इसके ठीक विपरीत फिलिस्तीन जब तक भारतीय हितों का ध्यान रखता है, तब तक उसके साथ दोस्ती बनाये रखने की कोसिस की जानी चाहिए.
पॉइंट सिंपल है, स्मार्ट डिप्लोमेटिक गेम खेलते हुए, हमने अपने दोस्तों की संख्या बढ़ानी चाहिए. क्या पता कब कौन सा देश काम आ जाये.
हम सभी को पता है, की मिडिल ईस्ट में भारत के खिलाफ माहौल बनाने का कोई मौका पाकिस्तान छोड़ता नहीं है, इसलिए फिलिस्तीन की मदद करके पाकिस्तान को उसी की महफ़िल में तनहा करने के लिए मोदी सर्कार लगातार काम में लगी हुई है.
आप सभी ने नोटिस किया होगा, आज पुरे के पुरे मिडिल ईस्ट में टर्की के अलावा कोई और देश पाकिस्तान की आवाज का साथ नहीं देता हैं. इसलिए हमने अपनी सफल रणनीति पर अमल करते रहना चाहिए.
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