New Development - India Taiwan Signed Agreements on Industrial Partnership



🔥Special Offer🔥 - अब आप हमारे अगले वीडियो को स्पोंसर भी कर सकते है, इसके लिए आप कमेंट section में अपना नाम शेयर कीजिये 100/- रुपए का आर्थिक सहयोग PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884 पर देकर स्पोंसरशिप लीजिये , ताकि एक वीडियो में हम बता सके, की आपने उसे स्पोंसर किया है! हमे सपोर्ट करने की लिए आपका धन्यवाद!

If you wish to sponsor our next video, you may please contribute only Rs 100/- at PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884. Please provide on your name in the comment section below, so that we can clearly mention in the video, that you have sponsored/funded it. Thank you all for supporting us always!! Please click on below link to join us on Facebook

इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे फेसबुक पर जुड़ सकते हैं. https://www.facebook.com/realquickinfo/ Please click on below link to join us on Twitter इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे ट्विटर पर जुड़ सकते हैं. https://twitter.com/RealQuickInfo Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/

modi latest news today,modi latest news in hindi,modi ji latest news in hindi,real quick analysis,real quick analysis youtube channel,real quick analysis chanel,real quick analysis anchor,real quick info latest,real quick info hindi

References - 

https://focustaiwan.tw/business/202010230012

https://www.wionews.com/india-news/taiwanese-investment-generated-nearly-65000-employment-in-india-taiwans-foreign-minister-joseph-wu-tells-wion-336987

https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/foreign-trade/india-has-no-plans-to-launch-dialogue-on-trade-deal-with-taiwan/articleshow/78795382.cms

https://en.wikipedia.org/wiki/TSMC

https://swarajyamag.com/ideas/how-india-can-make-its-semiconductor-chips-at-home-eliminating-the-need-for-ones-produced-in-china


 आज के इस वीडियो के स्पांसर हैं, श्री कांत जी (Shrikant Marathe), हमें सपोर्ट करने के लिए आपको धन्यवाद.




दो तीन दिन पहले सायद आपने अख़बारों में पढ़ा हो, की चीन के खिलाफ एक और मोर्चा खोलने के लिए भारत ताइवान के साथ ट्रेड डील कर सकता है. और इसके लिए ताइवान के साथ जल्द ही ट्रेड टॉक चालू कर दी जाएगी.




इधर भारत के अख़बारों में यह खबर छपी ही थी , उधर चीन को मिर्ची लग गयी, और उसने आधिकारिक रूप से स्टेटमेंट जारी करके one चाइना की पालिसी को तोड़ते हुए ऐसी किसी भी ट्रेड टॉक अथवा ट्रेड डील का घोर विरोध किया था.




चूँकि चीन One इंडिया की पालिसी के अस्तित्वा तक को स्वीकार नहीं करता है, इसलिए हम सभी इस निष्कर्ष पर कब के पहुंच चुके हैं, की भारत ने भी अपने सर से one चाइना पालिसी का भूत उतार देना चाहिए. साफ़ सब्दो में हम में से अधिकतर लोग ताइवान के साथ भारत की ट्रेड डील का समर्थन करते हैं.




लेकिन फिर भारत सर्कार के अज्ञात सोर्सेज के हवाले से इकनोमिक टाइम्स में खबर छपी, की ताइवान के साथ ट्रेड डील अथवा ट्रेड टॉक के किसी भी प्रस्ताव पर मोदी सर्कार विचार तक नहीं कर रही है.




साफ़ तौर पर जबकि लद्दाख में विवाद अपने चरम पर है, भारत सर्कार ताइवान के मुद्दे को उठाकर आग में घी डालने से बचने की कोसिस कर रही है.




इसी पृष्ठ भूमि में ताइवान के विदेश मंत्री ने कल विऑन को एक इंटरव्यू दिया, जिसमे उन्होंने स्पस्ट कर दिया, की यदि भारत सर्कार इंटरेस्टेड होतो, ताइवान भारत के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो सकता है, जिसके बल पर दोनों देशो के बीच इकनोमिक और ट्रेड रिलेशनशिप को और मजबूत किया जा सकता है.




साथ ही साथ उन्होंने आकंड़े बताते हुए कहा, अभी तक ताइवान ने भारत में 2.3 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जिससे 65 हज़ार भारतीयों को रोजगार मिला है.




जैसा की हम सभी जानते हैं, ताइवान की तीन कंपनियों को भारत सर्कार ने मोबाइल प्रोडक्शन के लिए  सब्सिडी देने का निर्णय लिया है, अब ताइवान के विदेश मंत्री का कहना है, की मित्र देश भारत में ताइवान की हाई टेक कंपनियां सेमि कंडक्टर के उत्पादन पर भी विचार कर सकती है.




आप ही बताएं, जब दुनिया के सबसे valuable सेमीकंडकटर कंपनी TSMC (Taiwan Semiconductor Manufacturing कंपनी) चीन में प्रोडक्शन कर सकती है, तो वह भारत में मैन्युफैक्चरिंग क्यों नहीं कर सकती है??




वैसे भी इस तरह की रिपोर्ट आयी थी, की TSMC चीन से अपनी कैपेसिटी को ट्रांसफर करने के बारे में सोच रही है, पॉइंट सिंपल है, सेमि कंडक्टर फेब्रिकेशन जैसे कई छेत्र हैं, जहाँ भारत और ताइवान मिलकर चीन को करारी चोट दे सकते हैं.




यहाँ पर बड़ा सवाल यह है, ट्रेड डील ताइवान को करना है, लेकिन भारत सर्कार अभी इसके लिए तैया नहीं है, तो आगे कैसे बड़ा जाये.




इस सवाल का जवाब मिला कल, जब Taiwan-India Industrial Collaboration समिट का आयोजन किया गया, जिसमे कोरोना महामारी और US चाइना ट्रेड वॉर के ऊपर चर्चा हुई, और इन दोनों के कारण ग्लोबल सप्लाई चैन में हो रही रिस्ट्रक्चरिंग के ऊपर विचार विमर्श किया गया.




इस समिट में भारत और ताइवान की चार कंपनियों ने आपस में ग्रीन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स की फील्ड में इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन को बढ़ाने के ऊपर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये.




ताइवान को चीन से उखाड़कर फैक्ट्री लगाने के लिए उपयुक्त जगह की तलाश है, तो भारत ग्लोबल फैक्ट्री बनने की कोसिस में लगा हुआ है, इस प्रकार भारत और ताइवान दोनों एक दूसरे के कम्प्लीमेंटरी हैं. इसी का परिणाम हमारे सामने है, जब दोनों देशो की सरकारें एक दूसरे से हाथ नहीं मिला पा रही है, तब दोनों देशो की कंपनियों ने अपने स्तर पर कन्धा से कंधे मिलाना चालू कर दिया है.




जहाँ तक हम समझ सकते हैं, यह बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए की गयी छोटी सी शुरुआत है, इसलिए हमें इसको नजअंदाज़ नहीं करना चाहिए.




आप ही बताएं, यदि ताइवान की कंपनियां  manufacturing plant लगा  कर चीन को ग्लोबल फैक्ट्री बना सकती है, तो भारत सरकार ने क्यों ताइवान की कंपनियों का सर्व सुविधा युक्त स्वागत नहीं करना चाहिए?

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हारी बाजी जीत गए मोदी जी

दर्द में हुई असली मर्द की पहचान

Well Done President Trump - America Stops WHO Funding!!