Super News - Massive Recovery observed at lower levels of Indian Economy



🔥Special Offer🔥 - अब आप हमारे अगले वीडियो को स्पोंसर भी कर सकते है, इसके लिए आप कमेंट section में अपना नाम शेयर कीजिये 100/- रुपए का आर्थिक सहयोग PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884 पर देकर स्पोंसरशिप लीजिये , ताकि एक वीडियो में हम बता सके, की आपने उसे स्पोंसर किया है! हमे सपोर्ट करने की लिए आपका धन्यवाद!

If you wish to sponsor our next video, you may please contribute only Rs 100/- at PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884. Please provide on your name in the comment section below, so that we can clearly mention in the video, that you have sponsored/funded it. Thank you all for supporting us always!! Please click on below link to join us on Facebook

इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे फेसबुक पर जुड़ सकते हैं. https://www.facebook.com/realquickinfo/ Please click on below link to join us on Twitter इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे ट्विटर पर जुड़ सकते हैं. https://twitter.com/RealQuickInfo Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/

modi latest news today,modi latest news in hindi,modi ji latest news in hindi,real quick analysis,real quick analysis youtube channel,real quick analysis chanel,real quick analysis anchor,real quick info latest,real quick info hindi

References - 

https://www.indiatoday.in/business/story/labour-remittances-jump-september-first-time-payroll-jobs-rise-1735492-2020-10-27

https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/indicators/spike-in-internal-remittance-new-epfo-registrations-indicate-recovery-report/articleshow/78892938.cms

https://www.financialexpress.com/industry/banking-finance/massive-jump-in-jan-dhan-accounts-during-pandemic-labour-remittances-touch-pre-covid-levels/2114671/

 इस वीडियो को स्पांसर किया है, भारत (Bharat Tiwari) जी ने, हमें सपोर्ट करने के लिए आपको धन्यवाद.




कोरोना वायरस के कारण जब lockdown लगा, तो हम सभी ने देखा की बहुत बड़ी संख्या में मजदूरों और कामगारों ने शहरों से गावों को लौटना चालू कर दिया था.




जबकि यह सब घटना क्रम देखना हम में से किसी को अच्छा नहीं लग रहा था, लेकिन उस दौरान लेफ्ट लिबरल मीडिया और एक्सपर्ट लोगों ने जम के घड़ियाली आंसू बहाये. जाहिर था, इस बुरी हालत का पूरा का पूरा दोस सिर्फ एक आदमी के सर पर धर दिया गया.




कई बार तो ऐसे दिखाया गया, मानो की कोरोना वायरस चीन में नहीं बल्कि मोदी साहब के ऑफिस में पैदा किया गया हो.




फिर धीरे धीरे अगस्त और सितम्बर महीने में जैसे जैसे जीवन की गाड़ी पटरी पर लौटी, इकनोमिक इंडीकेटर्स में शुरुआती तौर पर साफ़ साफ़ दिखने लगा, की भारतीय अर्थव्यवस्था करवट बदलने लगी है.




जबकि भारत के लिए यह संकेत शुभ थे, हमारे कुछ दर्शको को यह बड़े अशुभ लगे, उनका कहना था, की अभी भी रोजगार पैदा नहीं हो रहे हैं, मजदूरों और कामगारों की हालत बेहद खस्ता है.




लेकिन अब SBI की रिसर्च रिपोर्ट में साफ़ निकल कर आया है, की इस साल अप्रैल से सितम्बर महीने के बीच पिछले साल की तुलना में 60 प्रतिशत नए जन धन अकाउंट खुले हैं.




मतलब जहाँ अप्रैल सितम्बर 2019 के बीच 1.9 करोड़ नए जन धन अकाउंट खुले थे, वही अप्रैल सितम्बर 2020 के बीच 3 करोड़ नए जन धन अकाउंट खुले हैं.




अब आप ही बताएं, ये नए जन धन अकाउंट कोई टाइम पास के लिए तो खोले नहीं गए होंगे. और तो और जन धन एकाउंट्स में जमा धन में भी 11 हज़ार करोड़ रुपयों की  बढ़ोतरी नोटिस की गयी है.




जाहिर है, समाज के कमजोर तपके को जो आर्थिक मदद मोदी सर्कार ने दी है, वह जन धन अकाउंट में इकट्ठी हुई है. और उसका इस्तेमाल भी हुआ है.




ऐसा नहीं है, की जन धन अकाउंट में जमा पैसा केवल बड़ा है, जहाँ इस साल अप्रैल महीने में जन धन अकाउंट से हर महीने निकाला जाने वाला पैसा सबसे निचले स्तर पर पहुंच चूका था , कोरोना वायरस के लोक डाउन के पहले हर महीने जितना पैसा जन धन अकाउंट से निकाला जाता था, सितम्बर महीने के अंत तक अब उतना ही पैसा फिर निकाला जाने लगा है.




पॉइंट सिंपल हैं, भारतीय समाज के सबसे निचले स्तर पर इकनोमिक एक्टिविटी ने रफ़्तार पकड़ ली है, और लोग अपने अपने काम पर लग रहे हैं.




हमारा यहाँ पर यह कहना नहीं है, की भारत की हर समस्या का समाधान हो चूका है, धरती पर जन्नत उतर आयी है, हम सिर्फ यह कह रहे हैं, की ना केवल बड़े बड़े आर्थिक आकंड़ो में बल्कि जमीनी संकेतो में सुधार की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकि है.




यह बात और है, की पड़े लिखे लोग जो कल तक मजदूरों की बुरी हालत के लिए मोदी साहेब को जिम्मेदार बतला रहे थे, वह अब या तो इन आकंड़ो को नजर अंदाज़ कर देंगे, और यदि आँकड़े नेग्लेक्ट नहीं हुए , तो वह इन आकंड़ो को जाली और रिसर्च को फेक घोसित कर देंगे.




हाँ यह बात कहना बेहद जरूरी है, अभी कोरोना वायरस गया नहीं है, हमारे यहाँ तो फर्स्ट वेव ही चल रही है और पश्चिमी देशो में सेकंड वेव भी आ गयी है, इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी कितनी तेज गति से होगी, यह बहुत हद तक कोरोना वायरस और उसके खिलाफ हम सभी के द्वारा बरती गयी सावधानी पर निर्भर करेगा.




इस वीडियो के माध्यम से हमारा कहना सिर्फ इतना है, चाइनीस वायरस के कारण लगे lockdown में भारत की हालत ख़राब थी, यह तो सबको मालूम था, फिर भी उस समय बहुत से नकारात्मक लोगों ने सर्व  विनास और प्रलय की आशंका प्रकट  की थी. तो आप जैसे सकारात्मक सोच वाले लोगों ने सुधार के प्रति आशा भी प्रकट की थी.




अब जैसा की आंकड़े साफ़ दिखला रहे हैं, एक बार फिर नेगेटिव थिंकिंग के ऊपर पॉजिटिव थिंकिंग ने विजय प्राप्त की है.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हारी बाजी जीत गए मोदी जी

दर्द में हुई असली मर्द की पहचान

Well Done President Trump - America Stops WHO Funding!!