Thank You President Trump for Protecting Indian interest in Afghanistan



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References - 

 https://www.aljazeera.com/news/2020/10/26/us-says-taliban-fighters-killed-in-central-afghanistan-air-strike

https://www.dawn.com/news/1587229

https://www.dawn.com/news/1587238/india-can-use-afghan-land-to-destabilise-pakistan-imran

https://www.voanews.com/south-central-asia/us-airstrike-kills-5-taliban-fighters-afghanistan

https://www.dailysabah.com/world/asia-pacific/us-carries-out-airstrikes-against-taliban-in-central-afghanistan

https://www.khaama.com/u-s-defies-taliban-claim-of-violating-february-accord-67343/

https://tribune.com.pk/story/2269365/current-account-surplus-hits-17-year-high


आज के इस वीडियो को स्पांसर किया है, अभिषेक (Abhishek) जी ने, हमें सपोर्ट करने के लिए आपको धन्यवाद,




कल पाकिस्तान के कठपुतली प्रधानमंत्री कह रहे थे, की अफ़ग़ानिस्तान में शांति और स्थायित्वा को बनाये रखने में पाकिस्तान अपनी भूमिका निभाता रहेगा. अफ़ग़ानिस्तान में कोई भी पावर में हो, पाकिस्तान मूल रूप से अफ़ग़ानिस्तान के साथ रिस्तो को मजबूत करना चाहता है.




इतने लम्बे समय से पाकिस्तान का हमेसा कहना रहा है, की वह अफ़ग़ानिस्तान में शांति के लिए हर कुर्वानी देने के लिए तैयार है, तो सिंपल सवाल उठता है, की आजतक अफ़ग़ानिस्तान में शांति क्यों नहीं लौटी है.




इसी साल फरबरी महीने में अमेरिका और तालिबान के पीच पीस डील तो हो गयी, लेकिन आज तक अफ़ग़ानिस्तान में शांति का नामो निशान तक नहीं है.




यहाँ तक की कुछ सप्ताह पहले अफ़ग़ान सर्कार और तालिबान के बीच भी intra अफ़ग़ान टॉक्स चालू हो गयी. लेकिन इस बातचीत से भी कुछ खास अभी  तक नहीं निकला है. परिणाम स्वरुप आज भी अफ़ग़ानिस्तान में बम बन्दूक के धमाके सुनाई दे रहे हैं.




जबकि विद्वानों और एक्सपर्ट लोगों ने यह निष्कर्ष निकाल लिया था, की अमेरिका का अफ़ग़ानिस्तान से भाग खड़ा होना, अब केवल वक़्त की बात है.




फिर भी दो सप्ताह पहले अफ़ग़ान सिक्योरिटी फोर्सेज के सपोर्ट में अमेरिका ने तालिबान के ऊपर एयर स्ट्राइक कर डाली. और कल फिर अमेरिका ने सेंट्रल अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान पर एक और एयर स्ट्राइक को अंजाम दे दिया .




एक के बाद एक इन एयर स्ट्राइक के बाद तालिबान का कहना होता था, की ऐसा करके अमेरिका ने फरबरी महीने की पीस डील को तोड़ दिया है.




लेकिन इस दूसरी एयर स्ट्राइक के बाद अमेरिका की तरफ से यह साफ़ कर दिया गया, की यह एयर स्ट्राइक पुरे तरह से अफ़ग़ान पीस डील का पालन करती है,  और हमेसा की तरह अमेरिकन आर्म्ड फोर्सेज अफ़ग़ान सिक्योरिटी फोर्सेज को सिक्योरिटी और सपोर्ट मुहैया करवाती रहेगी.




जबकि अभी तक इस बात की सम्भावना बेहद कम है, की तालिबान के अफ़ग़ान सिक्योरिटी फोर्सेज पर अटैक निकट भविस्य में रुक जायेंगे, यह देखना आश्चर्यजनक होगा, की अफ़ग़ान पीस डील के मुताबिक अमेरिका मई 2021 तक अफ़ग़ानिस्तान को पूरी तरह से छोड़ दे.




अमेरिका और तालिबान के बीच इस आग में घी पाकिस्तान डाल रहा है, लेकिन इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है, आम अफ़ग़ान नागरिको को.




वैसे अफ़ग़ानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका ने मदद ली भी तो पाकिस्तान से, जो की अफ़ग़ानिस्तान में अशांति की जड़ है.




पाकिस्तान को 22 बा IMF बेलआउट नसीब हो गया है, लेकिन आज तक अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान बेलआउट के लिए तरस रहा है.




पाकिस्तान दे द्वारा जारी किये गए आकंड़ो की माने तो पाकिस्तान का करंट अकाउंट सरप्लस 17 वर्षो के उच्चतम स्तर पर पहुंच चूका है.




सरल सब्दो में करंट अकाउंट सरप्लस विदेशी मुद्रा में हुई आमदनी और खर्चे का अंतर होता है. हम सभी को याद है, कुछ महीनो पहले की बात है, जब पाकिस्तान की आमदनी अठन्नी , और खर्चा रुपैया था. 




भले ही दाने दाने को मोहताज़ पाकिस्तान को रूस से गेंहू आयात करनी पड़ रही हो, लेकिन IMF बेलआउट का असर तो दिखने लगा है, यह स्थिति कितने समय तक बनी रहेगी. यह तो आगे आने वाला समय ही बताएगा.




लेकिन कहने वाली बात यह है, की पाकिस्तान ने अपना काम तो निकाल लिया, और ट्रम्प साहब के पहले कार्यकाल के चार साल भी ख़तम होने वाले हैं.




अब यह देखना रोचक होगा, की चुनाव के बाद अमेरिका की अफ़ग़ानिस्तान निति में क्या कोई बदलाव आता है या नहीं.




IMF के 22 बेलआउट डकारने के बाद अफ़ग़ानिस्तान से बच कर निकलने के लिए अमेरिका पाकिस्तान के लिए 23 वे बेलआउट की व्यवस्था करेगा, तो कोई अचरज नहीं होगा, क्योकि जो लोग इतिहास की गलतियों से कुछ नहीं सीखते हैं, वह इतिहास की गलतियों को वर्तमान और भविस्य में दोहराते रहते हैं.




कम से कम यह अच्छी बात है, की अमेरिका अफ़ग़ान सरकार को अभी तक बीच मझदार में छोड़ कर भाग नहीं रहा है, आइये देखते हैं, राष्ट्रपति चुनाव के बाद अफ़ग़ानिस्तान के भविस्य में कोई मोड़ आता है या नहीं.

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