Australia & India to jointly set up FIRST Lithium Refinery in India


 

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References -

https://www.jagranjosh.com/current-affairs/india-first-lithiumion-battery-manufacturing-refinery-to-be-set-up-in-gujarat-1609154699-1?ref=list_ca

https://indianexpress.com/article/india/gujarat-state-to-host-indias-first-lithium-refinery-7119059/

https://www.manikaranpowerltd.in/upload/MPL-Lithium-Press-Release.pdf


आज के वीडियो पार्टनर हैं, श्रीकांत मराठे जी (Shrikant Marathe). हमें सपोर्ट करने के लिए आपको धन्यवाद.




जैसा की आप सभी को पता लग गया होगा, की मोदी सर्कार के वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी जी ने कन्फर्म किया है, की टेस्ला अगले साल भारत में विक्री चालू करने वाली है, और यदि अच्छी लोकल डिमांड मिली तो इस बात की सम्भावना भी है, की टेस्ला मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट में भी सम्मिलित हो जाये.




इस बैकग्राउंड में हमारे एक दर्शक वैभव अरोरा जी ने इस विषय पर एक वीडियो बनाने का हमसे आग्रह किया.



तो दोस्तों, टेस्ला को जब भी भारत में आना हो, उसका बहुत बहुत स्वागत है, लेकिन बड़ा सवाल यह है, की आखिर Made in India इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए लिथियम Ion Battery and लिथियम कहाँ से आएगा.




इस सवाल का जवाब हमारे पास है, क्योकि आगामी जनवरी फरबरी में टीडीएस लिथियम आयन बैटरी प्लांट में उत्पादन चालू होने जा रहा है. सायद आपको जानकारी हो, यह प्लांट जापान की ही तीन कंपनियों तोशिबा, डेंसो और सुजुकी मोटर्स ने मिलकर लगाया है, और १ हज़ार करोड़ के इस पहले भारतीय बैटरी प्लांट की आधारशिला भारत और जापान के प्रधान मंत्रियो ने साल 2017  में रखी थी.




साथ ही टाटा ग्रुप भी 4000 करोड़ का निवेश करके लिथियम आयन बैटरी प्लांट को लगाने जा रहा है, और भी देश की अन्य कम्पनिया एवं स्टार्ट अप बैटरी प्रोडक्शन की फील्ड में हाथ आजमाने की कोसिस कर रहे हैं.




कहने की जरूरत नहीं है, भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का एडॉप्शन तेजी से बढ़ रहा है, उदहारण के लिए वर्ष 2016 और 2018 के दो सालों के दौरान चीन होन्ग कोंग और वियतनाम से हमारा बैटरी इम्पोर्ट चौगुना हो गया. पॉइंट सिंपल था, की बैटरी की लोकल डिमांड है, और इसिलए उनका लोकल प्रोडक्शन चालू होना चाहिए, इस लिए मोदी सर्कार भी local Battery production को बढ़ावा देने के लिए 18 हज़ार करोड़ रुपयों की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लेकर आयी है.




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मुद्दे पर फोकस करते हुए यहाँ पर बड़ा सवाल यही है, की लिथियम बैटरी के प्लांट तो भारत में लग रहे हैं, लेकिन इन प्लांट के लिए बैटरी ग्रेड लिथियम कहाँ से आएगा. क्योकि भारत में लिथियम के भंडार बहुत कम है, और जहाँ कहीं भी लिथियम के भण्डारो का पता चल रहा है, वहां से लिथियम अयस्क को निकाला जा सकता है, लेकिन अयस्क से लिथियम मेटल को refine तो फिर भी करना पड़ेगा.




पॉइंट सिंपल है, हमारे देश में लिथियम अयस्क के भंडार हो, अथवा लिथियम अयस्क को हम इम्पोर्ट करें, दोनों ही हालत में हमारे देश में लिथियम रिफाइनरी तो होनी ही चाहिए.




और यदि हमारे देश में ना तो लिथियम अयस्क हो और ना ही लिथियम रिफाइनरी हो, तो पक्का है, आज हम लिथियम आयन बैटरी इम्पोर्ट कर रहे हैं, और कल हम लिथियम मेटल को इम्पोर्ट कर रहे होंगे.




इस स्वाभाविक समस्या का समाधान निकाला है, भारतीय Manikaran Power लिमिटेड और ऑस्ट्रेलियन कंपनी नियोमेटल्स ने. 


सायद आपको इस बारे में पहले से पता हो, की यह दोनों कंपनियां मिलकर 1000 करोड़ का निवेश करके गुजरात में लिथियम रिफाइनरी लगाने के लिए मिलकर काम कर रही है. और इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच औपचारिक एग्रीमेंट भी हो चूका है, और इस प्रोजेक्ट के लिए इस ज्वाइन वेंचर ने फिजिबिलिटी स्टडी, उपयुक्त स्थान का चुनाव और फाइनेंसिंग की व्यवस्था भी करना चालू कर दिया है.




पिछले साथ Manikaran Power लिमिटेड ने नियोमेटल्स के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया में लिथियम के भण्डारो की खोज और दोहन करने की दिशा में प्रयास किया था, और यह दोनों कम्पनिया मिलकर हमारे देश की पहली लिथियम रिफाइनरी लगाने जा रही है, जिसमे ऑस्ट्रेलिया से इम्पोर्टेड लिथियम अयस्क से भारत में लिथियम hydroxide  का उत्पादन किया जायेगा.



कहने का मतलब यह है, यदि एक बार यह बैटरी ग्रेड key मटेरियल भारत में बनना चालू हो गया, तो टाटा ग्रुप हो, TDS ग्रुप हो या टेस्ला हो, जिस किसी को भी बैटरी का उत्पादन करना हो, उसको लिथियम hydroxide का इम्पोर्ट करना नहीं पड़ेगा.



पॉइंट सिंपल है, यह एक कॉमन फैसिलिटी है, जिसका लाभ सभी बैटरी मनुफक्चरर्स को मिलने वाला है, कहने की जरूरत नहीं है, जब हमारे देश में लिथियम रिफाइनिंग और बैटरी प्रोडक्शन दोनों ही capability होगी, तो हम दुनिया में सबसे अच्छी और सस्ती लिथियम आयन बैटरी का उत्पादन कर पाने की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे.


अंत में इस वीडियो के Sponsor श्रीकांत मराठे जी को धन्यवाद देते हुए हम यह वीडियो समाप्त करते हैं.

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