Bangladesh reduced Import Duty to Export more from India
#RealQuickAnalysis 🔥Special Offer🔥 - अब आप हमारे अगले वीडियो को स्पोंसर भी कर सकते है, इसके लिए आप कमेंट section में अपना नाम शेयर कीजिये 100/- रुपए का आर्थिक सहयोग PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884 पर देकर स्पोंसरशिप लीजिये , ताकि एक वीडियो में हम बता सके, की आपने उसे स्पोंसर किया है! हमे सपोर्ट करने की लिए आपका धन्यवाद!
If you wish to sponsor our next video, you may please contribute only Rs 100/- at PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884. Please provide on your name in the comment section below, so that we can clearly mention in the video, that you have sponsored/funded it. Thank you all for supporting us always!! Please click on below link to join us on Facebook
इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे फेसबुक पर जुड़ सकते हैं. https://www.facebook.com/RealquickAnalysis/ Please click on below link to join us on Twitter इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे ट्विटर पर जुड़ सकते हैं. https://twitter.com/RealQuickInfo Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/
modi latest news today,modi latest news in hindi,modi ji latest news in hindi,real quick analysis,real quick analysis youtube channel,real quick analysis chanel,real quick analysis anchor,real quick info latest,real quick info hindi
References -
https://www.businesstoday.in/current/economy-politics/rice-exports-rise-43-to-1195-million-tonnes-in-october/story/423615.html
https://www.moneycontrol.com/news/business/markets/two-indian-firms-bag-bangladesh-tender-to-import-1-lakh-tonne-non-basmati-rice-6238661.html
https://www.hindustantimes.com/world-news/bangladesh-to-cut-duty-on-rice-imports-to-cool-record-domestic-prices/story-F8L6TLjkkam5lTkF4F9r6J.html
https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/foreign-trade/bangladesh-reduces-import-duty-on-rice-to-25/articleshow/79993755.cms?from=mdr
आज के वीडियो पार्टनर हैं, जनप्रीत मक्कड़ जी (Janpreet Makkar ). इस स्पॉन्सरशिप के लिए आपको धन्यवाद.
आप सभी ने नोटिस किया होगा, की हमारे यहाँ इस बात की चर्चा ज्यादा होती है, की कैसे दूसरे देश ने भारत का लाभ उठा लिया, कैसे परिस्थितिया भारत के प्रतिकूल हो गयी, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है, जब प्रतिकूल परिस्थितियां भी भारत के अनुकूल हो जाती है, और इसका भारत को जमकर लाभ होता है, इस वीडियो में हम ऐसे ही एक पॉजिटिव डेवलपमेंट की चर्चा करेंगे.
जैसा की सायद आपको पता हो, वियतनाम और थाईलैंड में पड़े सूखे और बांग्लादेश में आयी बाढ़ के कारण दुनिया भर में चावल की सप्लाई में कमी आ गयी. जिससे चावल के दामों में महगाई झलकने लगी.
लेकिन इसका indirect लाभ मिला भारत को. परिणाम स्वरुप पिछले साल की तुलना में इस साल के जनवरी से अक्टूबर महीने के बीच भारत से चावल के एक्सपोर्ट में ऐतिहासिक 43 फीसदी का उछाल आया.
आप सभी को याद होगा, की चीन में चावल की किल्लत इतनी हुई, की उसे भारत से एक लाख टन चावल को इम्पोर्ट करना पड़ गया.
यहाँ तक की बांग्लादेश जो की दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक माना जाता था, साल दर साल आयी बाढ़ के कारण उसकी चावल की फसल हो गयी बर्बाद, जिसके कारण ना केवल उसके भंडार में कमी आयी, बल्कि की कीमतें भी आसमान छूने लगी.
हालात को हाथ से निकलते देख, कुछ ही दिनों पहले बांग्लादेश ने भारत से एक लाख टन चावल खरीदने का निर्णय लिया, और इसके लिए दो भारतीय एक्सपोर्टर्स का सिलेक्शन भी किया गया. और इस राइस की डिलीवरी जनवरी महीने में complete की जानी है.
बांग्लादेश की हालत कितनी पतली हो चुकी है, इसका अंदाज़ा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है, की अब वह चावल पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी को 62.5 प्रतिशत से घटाकर 25 फीसदी करने जा रहा है, और इस बाबत अंतिम निर्णय भी ले लिया गया है.
स्वाभाविक है, इम्पोर्ट ड्यूटी कम करके बांग्लादेश न केवल जरूरी मात्रा में चावल का सेफ्टी स्टॉक मेन्टेन करना चाहता है, बल्कि यह बढ़ती कीमतों को काबू में करने की भी एक कोसिस है.
लेकिन हमारे दृस्टि कोंड से अच्छी बात यह है, इस घटना क्रम का सीधा लाभ इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स को मिलने जा रहा है. इसलिए हम सभी उम्मीद कर सकते हैं, की इंडियन राइस एक्सपोर्ट में आने वाले समय में तेजी से बढ़ोतरी होगी.
इंडियन एक्सपोर्टर्स को इस स्थिति का लाभ मिलना तो पक्का है, लेकिन यह देखने वाली बात होगी, की इसका कितना लाभ चावल उत्पादक किसानो को अगले साल ऊँची कीमतों के रूप में मिलता है.
किसानो को इसका लाभ मिलेगा की नहीं, दुर्भाग्यवश यह हमें नहीं पता, लेकिन राइस मिलिंग और एक्सपोर्टर कंपनियों के निवेशकों को तो इसका फायदा होता हुआ साफ़ साफ़ दिख रहा है.
एक और चावल का बढ़ता हुआ एक्सपोर्ट भारत को डॉलर कमाने में मदद कर रहा है, लेकिन जमीनी सच्चाई यही है, की पानी की कमी से जूझ रहा भारत चावल के एक्सपोर्ट के रूप में दुनिया को पानी ही एक्सपोर्ट कर रहा है, क्योकि आपको अच्छे से पता होगा, चावल की खेती में पानी की जरूरत ज्यादा होती है.
लेकिन अब चूँकि राइस का उत्पादन हो चुका है, इसलिए उसके एक्सपोर्ट में ही भलाई है.
यहाँ पर हम एक बात जरूर कहना चाहेंगे, की जब भी कभी घरेलु कीमतों को काबू में रखने के लिए प्याज़ के एक्सपोर्ट पर भारत रोक लगाता था, तो बांग्लादेश रोने लगता था, लेकिन आज जबकि भारत मजबूरी में फंसे बांग्लादेश की मदद कर रहा है, तो बांग्लादेश को अच्छे से समझ आ जाना चाहिए, की भारत कोई खुसी से प्याज़ के एक्सपोर्ट पर पावंदी नहीं लगाता था.
इसी बीच बांग्लादेश के लिए एक और अच्छी खबर यह है, की प्याज़ की घरेलु कीमतों में गिरावट को देखते हुए प्याज़ उत्पादक किसानो के हित में भारत ने 1 जनवरी से प्याज़ के एक्सपोर्ट पर लगी रोक को भी हटा दिया है.
पॉइंट सिंपल है, जब तक दोनों पडोसी देश एक दूसरे की मजबूरियां समझते रहेंगे, तभी तक दोस्ती में मधुरता भी बनी रहेगी.
अंत में इस वीडियो के स्पांसर जनप्रीत मक्कड़ जी को धन्यवाद देते हुए हम यह वीडियो समाप्त करते हैं.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें