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References -

https://www.youtube.com/watch?v=nlq1ZQz7-fA

https://en.wikipedia.org/wiki/Red_Bull

https://www.redbull.com/in-en/energydrink

https://cen.acs.org/business/specialty-chemicals/Indias-time-specialty-chemicals/98/i34


आज के पाजिटिविटी पार्टनर हैं, कृष्ण सिंह रावत जी (Krishan Singh Rawat). स्पॉन्सरशिप के लिए आपको धन्यवाद.




जैसा की हम सभी देख रहे हैं, की दुनिया भर की कंपनियां आज कल चाइना प्लस one स्ट्रेटेजी पर काम कर रही है, जिसके अंतर्गत वह चीन के अलावा भारत जैसा कम से कम कोई और एक सोर्स Develop कर रही है. 




साथ ही साथ कुछ कंपनियां, Say नो To China की पालिसी को भी गले लगा रही है, जिसके अंतर्गत वह चीन से आने वाली सप्लाई को पूरी तरह बंद करके भारत जैसे अन्य किसी मित्र देश से सप्लाई चालू कर रही है.




जाहिर है, अब सवाल उठता है, की आखिर ऐसी कौन सी कंपनी है, जो की जाने अनजाने Say नो To चाइना की पालिसी का पालन करती हुई दिख रही है. तो इसका जवाब मिलता है, आज की ज़ी बिज़नेस की एक्सक्लूसिव खबर में.




हम सभी ने रेड बुल का ना सिर्फ नाम सुना है, बल्कि उसे पीकर भी देखा होगा, सायद आपको जानकारी हो, दुनिया की एनर्जी ड्रिंक मार्किट का किंग है, रेड बुल . पिछले साल रेड बुल ने दुनिया भर में 7.5 बिलियन कैन्स बेचीं थी.




सेंट्रल यूरोपियन कंपनी ऑस्ट्रिया से निकली कंपनी रेड बुल दुनिया के अलग अलग देशो में लोकल टेस्ट और  कस्टमर प्रैफरेंसेज को ध्यान में रखते हुए अलग अलग तरह की एनर्जी ड्रिंक बेचती है, जिनके इंग्रेडिएंट्स में कैफीन और शुगर के साथ साथ विटामिन्स जैसे की B3, B5, B6, B12 भी शामिल होते हैं.




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मुद्दे की बात यह है, की अभी तक रेड बुल विटामिन्स को केवल चीन से ख़रीदा करती थी. लेकिन अब Say नो to चाइना की पालिसी पर काम करते हुए, रेड बुल ने चीन से आने वाली सप्लाई को लाल झंडी दिखा दी है.




और ज़ी बिज़नेस की खबर के मुताबिक अब रेड बुल सिर्फ जुबिलेंट लाइफ साइंसेज से विटामिन नुट्रिएंट खरीदेगी. और इनका  उत्पादन होगा, जुबिलेंट लाइफ के गजरौला प्लांट में. और इस प्रकार रेड बुल  विटामिन नुट्रिएंट की चाइनीस सप्लाई को पूरी तरह से इंडियन सप्लाई से रिप्लेस करने जा रही है. और इस बारे में फॉर्मल अनोउसमेंट भी आने की सम्भावना जल्द ही है.




चूँकि रेड बुल विटामिन नुट्रिएंट की ग्लोबल सप्लाई अब भारत से करने जा रही है, तो इससे इंडियन स्पेशलिटी केमिकल सेक्टर को कितना बड़ा लाभ मिलने जा रहा है, इसका मोटा अंदाज़ा लग ही जाता है.




हालाँकि यह स्वाभाविक बात है, की जुबिलेंट लाइफ ने रेड बुल को चीन की तुलना में एक बेहतर प्रस्ताव दिया होगा, तभी तो उसे यह आर्डर मिलता हुआ दिखाई दे रहा है.




लेकिन बड़ी बात यह है, की रेड बुल जैसा ग्लोबल ब्रांड चीन की जगह भारत से सप्लाई बढ़ाने पर अब काम कर रहा है. 




रेड बुल यह आधिकारिक रूप से कहे या ना कहे, लेकिन कोरोना के कारण पैदा हुए सप्लाई चैन क्राइसिस ने रेड बुल को इस डिसिशन तक पहुंचने में मदद पक्के से की होगी.




जहाँ तक भारत का सवाल है, जब तक ग्लोबल कंपनियां सोर्सिंग चीन से बंद कर भारत से चालू कर रही है, तब तक यह हमारे लिए एक स्वागत योग्य कदम है.




हम उम्मीद करते हैं, आगे आने वाले समय में भी अन्य ग्लोबल ब्रांड चीन को छोड़कर भारत आने का ट्रेंड चालू रखेंगे.


 यदि आप शेयर मार्किट में दहाड़ लगाने वाले शेर होंगे, तो आपको इस जोर पकड़ते ट्रेंड के बारे में पहले से और पक्के से पता होगा.


आपको सायद जानकारी हो, दुनिया भर में स्पशलिटी केमिकल के मार्किट की साइज है, करीब 700 बिलियन डॉलर, जिसमे अभी चीन का 15 प्रतिशत मार्किट पर कब्ज़ा है, लेकिन भारत महज 4% से भी कम ग्लोबल डिमांड को पूरा करता है. यदि कहीं चीन से 5 प्रतिशत यानी की अराउंड 30 परसेंट चाइनीस सप्लाई भारत में शिफ्ट हो गयी, तो इंडियन सप्लाई में 100 प्रतिशत से भी अधिक का जबरदस्त इजाफा हो जायेगा.





दोस्तों, हम यहाँ पर चीन की लकीर को मिटाने की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम यह सिर्फ दर्शाना चाह रहे हैं, की हमारे सामने खड़े अवसर का आकार कितना बड़ा है.


और यह हम सभी का आम अनुभव है, की ग्लोबल इकॉनमी का विस्तार हो रहा है, इसलिए स्पेशलिटी केमिकल डिमांड का भी एक्सपेंशन होना स्वाभाविक ही है.


 पॉइंट सिंपल है, हम चीन को रिप्लेस करें या ना करें, यह तेजी से फ़ैल रहा मार्किट हमारे लिए एक खुला मैदान है, जिसमे हम अपनी महारत के दम पर सिक्का जमा सकते हैं, और जुबिलेंट लाइफ और रेड बुल का बढ़ता हुआ आपसी सहयोग यही दर्शाता है.



अंत में वीडियो पार्टनर कृष्ण सिंह रावत जी को धन्यवाद देते हुए हम यह वीडियो समाप्त करते हैं.

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