India bought Cheaper Petrol Diesel from USA & Canada
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Share of Canada, US in Indian oil import rises to record high in January
India’s Oil Imports From North America Break Another Record
Share of Canada, U.S. in India's January oil imports surges to record high: trade
India shifts oil imports from Middle East to Africa, North America due to OPEC cuts
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References -
https://www.businesstoday.in/markets/commodities/share-of-canada-us-in-indian-oil-import-rises-to-record-high-in-january/story/431968.html
https://oilprice.com/Latest-Energy-News/World-News/Indias-Oil-Imports-From-North-America-Break-Another-Record.html
https://www.reuters.com/article/us-india-oil-imports/share-of-canada-u-s-in-indias-january-oil-imports-surges-to-record-high-trade-idUSKBN2AM0LV?rpc=401&
https://energy.economictimes.indiatimes.com/news/oil-and-gas/india-shifts-oil-imports-from-middle-east-to-africa-north-america-due-to-opec-cuts/80972786#:~:text=Oil%20%26%20Gas-,India%20shifts%20oil%20imports%20from%20Middle%20East%20to%20Africa,America%20due%20to%20OPEC%20cuts&text=India's%20refiners%20are%20turning%20to,amid%20the%20Covid%2D19%20pandemic
आज के पाजिटिविटी पार्टनर हैं, प्रवीण जी (Pravin ). स्पॉन्सरशिप के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद.
निर्भरता कैसे सिर्फ शोषण को जन्म देती है, यह समझने के लिए यदि आप पिछले महीनो के कच्चे तेल के आयत के आंकड़े देखें तो आप पाएंगे, की भारत सबसे अधिक तेल का इम्पोर्ट कर रहा है, इराक से. मतलब महीने दर महीने कंगाल इराक भारत को तेल बेचकर मालामाल हो रहा है.
इस बैकग्राउंड में इराक के अहंकारी आयल मिनिस्टर का कहना है, की जब तक भारतीय लोग प्राइवेट कार्स में यात्रा और घर में खाना पकाते रहेंगे, तब तक कच्चे तेल की कीमतें आसमान छूती रहेंगी.
जबकि इराक और सऊदी अरब दोनों को ही पता है, की तेल की कीमतों में आग किसने लगाई है. जबकि दुनिया कोरोना संकट से बहार निकल रही है, ओपेक के देशो जिनमे सऊदी अरब सबसे आगे हैं, इन्होने अपने अपने आयल प्रोडक्शन को कम कर दिया है. क्रिस्टल क्लियर है, जब डिमांड बढ़ रही है, तब यदि सप्लाई कम की जाएगी, तो कीमतें तो बेलगाम होगी ही.
एनीवे यह हम सभी को पता है, बड़ा सवाल यह है, की खाड़ी के इन घमंडी देशो की अकल कैसे ठिकाने पर लाइ जाये. कॉमन सेंस कहता है, की हमें किसी भी एक सोर्स पर अपनी ओवर dependence को ख़तम करना होगा.
और भारत कर भी यही रहा है, सायद आपको पता होगा, की पिछले कुछ समय में भारत ने खाड़ी के कच्चे तेल की खरीद करके नार्थ अमेरिका एवं अफ्रीका से क्रूड आयल इम्पोर्ट बढ़ाना चालू कर दिया है. यही देखने को मिला आंकड़ों में जब पिछले अप्रैल और जनवरी के बीच महीने दर महीने ओपेक देशो से भारत ने आयल इम्पोर्ट कम किया, जो की अब रिकॉर्ड लौ लेवल तक पहुंच चूका है.
पॉइंट सिंपल है, भारत क्रूड आयल वहां से खरीदेगा, जहाँ से हमें सस्ता तेल मिलेगा. हमारी गाड़ी सस्ते में चलनी चाहिए बस, तेल सऊदी अरब से आये या अमेरिका से, हमें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है.
यहाँ पर गौर करने वाली बात यह है, की यदि आप दिसंबर और जनवरी महीने की आयल इम्पोर्ट को देखें, तो अमेरिका और कैनेडा से इम्पोर्ट होने वाले आयल की मात्रा डबल हो गयी है.
जहाँ अमेरिकन तेल सस्ता है, वहीँ कनाडा अपने तेल पर डिस्काउंट दे रहा है, फिर क्या था, भारत ने लगा दिया मौके पर चौका.
परिणाम स्वरुप दिसंबर महीने की तुलना में जनवरी महीने में इंडियन टोटल आयल इम्पोर्ट में अमेरिका और कनाडा के हिस्से में 11 फीसदी का इजाफा हो गया.
इसका सीधा सीधा खामियाजा उठाना पड़ा खाड़ी के देशो को, क्योकि भारत ने उनके तेल के बजाय अमेरिका और कनाडा का तेल खरीद लिया.
जबकि भारत इतने हाथ पाँव मार रहा है, तब पेट्रोल डीज़ल की कीमतें सेंचुरी मार रही है. यदि कहीं भारत सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती थी, तो जरा कल्पना कीजिये, की आज हमारा बजट कितना बिगड़ जाता.
लेकिन अभी भी जमीनी सच्चाई यही है, की दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयल कंस्यूमर भारत अपनी 80 फीसदी जरूरत खाड़ी से पूरा करता है, इसलिए जब तक हम इस निर्भरता को कम नहीं करेंगे, तब तक हमारा शोषण होता रहेगा. साथ ही साथ इलेक्ट्रिक vehicle और बायो फ्यूल के इस्तेमाल को भी जितना बढ़ावा दिया जाये उतना अच्छा है, कहने का मतलब यह है, की यह इतनी जटिल समस्या है, की इसके समाधान के लिए हर विकल्प पर काम किये जाने की जरूरत है.
कैनेडा और अमेरिका से आयल इम्पोर्ट बढ़ाने के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद, लेकिन हाल फिलहाल आम आदमी को महगाई से राहत चाहिए, यहाँ तक की RBI तक ने टैक्स कटौती की वकालात की है. जब दुनिया भर में तेल फ्री में मिल रहा था, तब आम आदमी चुपचाप महंगे भाव पर टंकी फुल कराता रहा. लेकिन अब पानी सर के ऊपर जा चूका है, इसलिए हम सभी मोदी सरकार से भी अपेक्षा करते हैं, की वह अपनी कमाई और खर्च को ऐसे संतुलन में रखे, ताकि सुनिश्चित हो सके, की महगाई की मार आम आदमी की कमर ना तोड़े.
हाल ही में खबरें आयी है, की भारत ईरान और वेनजुएला से भी तेल की खरीद बढ़ाने की कोसिस कर रहा है. हम उम्मीद करते हैं, आयल प्रोडूसिंग कन्ट्रीज लालच के चक्कर में आयल कंस्यूमर कन्ट्रीज के हितों को कुर्वान नहीं करेंगे और आगामी मार्च महीने में अपने उत्पादन को बढ़ाने का निर्णय लेंगे. नहीं तो कहीं ऐसा न हो, की सोने के अण्डों के चक्कर में खाड़ी के देश मुर्गी हलाल कर बैठे.
अंत में इस वीडियो के Sponsor प्रवीण जी को धन्यवाद देते हुए हम यह वीडियो समाप्त करते हैं.
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