अमेरिका ने उठाया सबसे बड़ा एंटी चाइना कदम, India USA Relations



#5GCongress 2021: Better opportunity to make in India now, says Cisco's Sanjay Kaul

US plans ‘China-free’ tech supply chain with allies: Can India benefit?

Govt expects ₹18,000 cr investment in electronics sector

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References -

https://telecom.economictimes.indiatimes.com/news/5gcongress-2021-better-opportunity-to-make-in-india-now-says-ciscos-sanjay-kaul/81203523

https://en.wikipedia.org/wiki/Cisco_Systems

https://www.theweek.in/news/biz-tech/2021/02/24/us-plans-china-free-tech-supply-chain-with-allies-can-india-benefit.html

https://www.businesstoday.in/technology/news/electronics-sector-welcomes-pli-scheme-hopes-local-manufacturing-boost/story/421732.html

https://www.thehindu.com/news/national/cabinet-approves-pli-scheme-for-pharmaceuticals/article33924395.ece

https://telecom.economictimes.indiatimes.com/tele-talk/pli-scheme-much-needed-propeller-for-esdm-industry/4803

https://www.livemint.com/budget/news/govt-expects-rs-18-000-cr-investment-in-electronics-sector-11612201812307.html

 जैसा की आपको अंदाज़ा होगा, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के छेत्र में सबसे ज्यादा 22 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ताइवान दुनिया का बेताज बादशाह है, लेकिन बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के अनुमान के मुताबिक हाल ही में शुरू हुए दशक के ख़तम होते होते सेमीकंडक्टर की दुनिया में तख्ता पलट हो जायेगा, यदि सब कुछ पहले की तरह चलता रहा, तो वह दिन दूर नहीं है, जब चीन ताइवान की जगह ले लेगा.




इससे पहले की कहीं देर ना हो जाये.  जापान के अख़बार निक्केई एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही अमेरिकन राष्ट्रपति एक एग्जीक्यूटिव आर्डर पर हस्ताक्षर करने वाले हैं, जिसके अनुसार अमेरिका नेशनल सप्लाई चैन स्ट्रेटेजी का विकास करेगा, ताकि सेमीकंडक्टर जैसे सुपर स्ट्रेटेजिक कॉम्पोनेन्ट के लिए अमेरिका चीन पर अपनी निर्भरता को कम कर सके. 




चाइना फ्री सप्लाई चैन के निर्माण में अमेरिका की मदद करने वाले हैं, ताइवान जापान साउथ कोरिया और भारत जैसे सहयोगी मित्र देश.



वैसे भी यह आपके लिए कोई नया आईडिया नहीं है, क्योकि आप तो इसका सपोर्ट प्रेजिडेंट ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के पहले से करते आ रहे हैं.




हालाँकि अभी हमें बाइडन सप्लाई चैन एग्जीक्यूटिव आर्डर के फाइनल होने का इंतजार करना होगा, लेकिन तब तक अच्छी बात यह है, की मोदी सर्कार हाथ पर हाथ धरकर बैठी नहीं हुई है.




अभी कल ही की तो बात है, आईटी हार्डवेयर जैसे की लैपटॉप टेबलेट सर्वर और फार्मा सेक्टर के लिए मोदी सर्कार ने PLI स्कीम को अप्रूवल दे दिया है.




साथ ही कोर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए मोदी सर्कार ने 2 हज़ार छह सो करोड़ रुपयों का बजट भी फाइनल कर दिया  है. क्योकि बजट से ही बातों में बजन आता है. 




अब आप कह सकते हैं,, की मैडम आप तो भक्त हैं, इसलिए आप मोदी नाम की माला जप रही हैं.




तो दोस्तों आज हम बात करेंगे, अमेरिकन कंपनी सिस्को की. सायद आपको पता हो, नेटवर्किंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन इक्विप्मेंट बनाने वाली दुनिया की यह एक दिग्गज कंपनी है.



मेक इन इंडिया की कांसेप्ट तो अभी अभी ताजा है ही, लेकिन सिस्को भारत में उत्पादन को लेकर हमेसा पॉजिटिव रही है, और पहले दो वार उसने बड़े स्केल पर भारत में ही उत्पादन करने की कोसिस की, लेकिन वह सफल नहीं हो पायी.




और कंपनी के ही एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, की भारत में सेमीकंडक्टर्स एंड other क्रिटिकल कंपोनेंट्स का उत्पादन करने की व्यवस्था नहीं थी, इस कारण अकेला सिस्को राह पर नहीं चल पाया.




वैसे भी यह कॉमन सेंस की बात है, बिना कंपोनेंट्स के असेंबली कैसे संभव होगी. उदहारण स्वरुप ऑटो असेंबली प्लांट के साथ साथ पूरी की पूरी ऑटो कॉम्पोनेन्ट सप्लाई चैन आस पास होनी चाहिए. 




इसलिए अब चूँकि इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की entire सप्लाई चैन के लिए मोदी सर्कार अलग अलग PLI स्कीम लॉच कर रही है, तो दो बार मुँह की खाने के बाद तीसरी बार प्रयास करने का साहस सिस्को के पास भी आ गया है. और वह बड़े पैमाने पर भारत में ही उत्पादन करने के लिए कमर कस रही है.




अब आप में से कुछ दर्शक कह सकते हैं, की मैडम इस बारे में मीडिया में तो हमने कुछ सुना ही नहीं, तो दोस्तों, अगर सिस्को ने यह कहा होता, की PLI स्कीम बकवास है, और उनकी भारत में उत्पादन करने में कोई रूचि नहीं है, तो दोस्तों हम गारंटी लेते है, सिस्को के पॉजिटिव प्लान भले ही आपको पता ना लगे हों, लेकिन सिस्को के नेगेटिव कमैंट्स जरूर आपके कानो तक पहुंच जाते.




वैसे शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं है, लेकिन फिर भी यदि आप देखना चाहें तो सारि की सारि रिफरेन्स लिंक्स आपको नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिल जाएँगी.




अंत में हम यही कहना चाहेंगे, की अगर पूरी दुनिया चाइना प्लस one , से नो to चाइना अथवा चाइना फ्री सप्लाई चैन की कांसेप्ट पर काम कर रही हो, फिर भी मेक इन इंडिया की गाडी को आगे ले जाने के लिए हम सभी को धक्का लगाना होगा.


यह अवसर कितना बड़ा है, इसका अंदाज़ा लगाने के लिए यही डेटा point काफी है, की वर्ष 2019 में भारत की टोटल सेमीकंडक्टर की consumption थी 21 बिलियन डॉलर, और यह डिमांड प्रतिवर्ष 15 फीसदी बढ़ रही है, क्रिस्टल क्लियर है, हम सेमीकंडक्टर का प्रोडक्शन करें या इम्पोर्ट करें, हमें इनकी जरूरत थी, है और रहेगी.


PLI स्कीम की कोसिस भी यही है, की लोकल प्रोडक्शन को बढ़ाया जाये, हाँ PLI स्कीम के परिणाम देखने के लिए हमें अभी और इंतजार करना होगा, यह स्कीम सफल हुई या विफल इसका निर्णय इस बात से नहीं होगा, की भारत का एक्सपोर्ट इतना बढ़ गया, अथवा कंपनियों की कमाई उतनी बढ़ गयी, बल्कि सक्सेस अथवा फेलियर का निर्णय सिर्फ इस आंकड़े से होगा, की PLI स्कीम के कारण कितने लोगों को रोजगार मिला??

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