भारत ने कर दिया चाइनीस माल का होलिका दहन, Indian Import

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India levies anti-dumping duty on bottle-grade PET from China

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References -

https://www.livemint.com/news/india/india-imposes-anti-dumping-duty-on-bottle-grade-pet-from-china-11616934894592.html

सायद आपको जानकारी हो, मिनरल वाटर के जार और बोतल हो, सॉफ्टड्रिंक और दवाइयों की प्लास्टिक बोतल हो, उन सबको बनाया जाता है, PET रेसिन से.


जिसका भारत में प्रमुख उत्पादन किया जाता है, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों के द्वारा. और फिर इस PET रेसिन  से दूसरी कम्पनिया बोतल बनाती है.


जबकि भारत में अपनी जरूरत का PET रेसिन प्रोडूस किया जाता है, लेकिन फिर भी चीन से चालू है PET रेसिन की डंपिंग. परिणाम स्वरुप इंडियन PET रेसिन के मार्किट में भारतीय इंडस्ट्री का हिस्सा  80% से घटकर 64 प्रतिशत हो गया.


ठीक इसी समय वित्त वर्ष 2018 और 2019 के बीच चीन से आने वाले PET रेसिन की मात्र 88 हज़ार मीट्रिक टन से बढ़कर 147 हज़ार टन तक पहुंच गयी.


साथ ही साथ अन्य देशो से इम्पोर्ट किये जाने वाले PET रेसिन की मात्रा में गिरावट दर्ज की गयी. मतलब हुआ यह है, की अन्य देशो और घरेलु PET प्रोडूसर्स का पूरा का पूरा मार्किट शेयर चाइनीस ड्रैगन खा गया.


अब आप में से कुछ लोग कह सकते हैं, की चीन से आने वाला PET रेसिन सस्ता पड़ता है. तो दोस्तों यह बात सच है भी, लेकिन बड़ा सवाल यह है, की चीन से आने वाली इस सस्ती सप्लाई का लाभ क्या कभी आम कस्टमर को मिलता है??


तो इसका जवाब मिलता है, सिर्फ ना में. वैसे भी यह ज्यादातर केस में देखा गया है, की सस्ती सप्लाई के कारण जो प्रोडक्शन कॉस्ट कम हो जाती है, उसे कंपनियां पूरी की पूरी डकार जाती है, और आम उपभोक्ता ठन ठन गोपाल बना रह जाता है.


सरल शब्दों में चीन से आने वाले सस्ते माल की मलाई मिडिल man उड़ा ले जाते हैं. 


लेकिन चूँकि चीन से आने वाले माल की बाढ़ में भारतीय कंपनियां डूब रही थे, इसलिए उन्होंने कर दी थी शिकायत, की भाई इसको रोको, नहीं तो हम कही के नहीं रहेंगे. घरेलु मार्किट तो हाथ से जायेगा ही जायेगा, साथ ही साथ फिर हम PET रेसिन को एक्सपोर्ट भी नहीं कर पाएंगे. मतलब चाइनीस हंटर की मार दोनों तरफ से भारत पर पड़ रही थी.


इस सन्दर्भ में गहराई तक जा कर इन्वेस्टीगेशन की गयी, जिसमे कन्फर्म हो गया, की चीन जान भूझकर अपने PET रेसिन को सस्ते दामों पर भारत में डंप करता है, ताकि जल्दी से जल्दी इंडियन इंडस्ट्री तबाह हो जाये ,और फिर बाद में चीन इसी PET रेसिन के भाव अनाप सनाप ढंग से बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हो जाये.


फिर क्या था, इस पुरे गोरख धंदे को बंद करने के लिए लाइव मिंट के रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय ने चीन से आने वाले PET रेसिन पर जड़ दी एंटी डंपिंग ड्यूटी. इस प्रकार होली पर भारत सर्कार ने चीन का दिवाला निकाल दिया.


चीन से आने वाले PET रेसिन की क्वालिटी के हिसाब से उसके ऊपर 60 से 200 डॉलर की एंटी dumping ड्यूटी मार दी गयी है, जिसके बाद चाइनीस PET रेसिन अब भारत में सस्ता नहीं रह जायेगा, 


निश्चित रूप से भारत सर्कार का यह कदम डूबती इंडियन PET रेसिन इंडस्ट्री के लिए तिनके का सहारा बनेगा.


आप जरा कल्पना कीजिये, की यदि भारत सर्कार ने यह कदम नहीं उठाया होता, तो कितनी बड़ी संख्या में इस इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के पेट पर लात पड़ जाती. 


हाँ यह बात जरूर है, जिस तरह चाइनीस कम्पनिया छोटी छोटी इंडियन कंपनियों को pet रेसिन सस्ती और आसान पेमेंट शर्तो के साथ सप्लाई करती है, ठीक उसी प्रकार इंडियन PET इंडस्ट्री ने भारतीय SMEs के हितों का ख्याल रखना चाहिए. नहीं तो अभी तो इंडियन PET  इंडस्ट्री केवल बड़े बड़े industrial customer को ही बेहतर सुविधाएँ मुहैया करवाती है, जो की सरासर गलत है.


हमारे कहने का मतलब सिर्फ यह है, की छोटी हो या बड़ी कंपनी हो सबको फलने फूलने का बराबर मौका मिलना चाहिए.


हाल फिलहाल तो हम भारत सरकार के द्वारा PET रेसिन की चाइनीस डंपिंग के खिलाफ एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाए जाने का दिल से स्वागत करते हैं.

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