भारत के लिए अमेरिका करेगा अपने कानून में परिवर्तन
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References -
https://www.livemint.com/news/india/us-working-closely-with-india-to-address-covid-19-crisis-white-house-11619238670407.html
https://economictimes.indiatimes.com/news/international/world-news/us-chamber-calls-on-administration-to-distribute-vaccines-to-international-partners/articleshow/82225599.cms
https://www.indiatoday.in/india-today-insight/story/why-the-quad-has-committed-to-supplying-one-billion-covid-vaccine-doses-1780072-2021-03-16
दोस्तों, कोरोना ने हमारे चारो और कोहराम मचा रखा है, और इस दौरान हम आपकी और आपके परिवार के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं.
लेकिन लेफ्ट लिबरल गैंग, पाकिस्तान परस्त और चाइनीस चापलूस इस कोरोना की आग में अपनी अपनी रोटियां सेकने की कोसिस में लगे हुए है. पहले इन लोगों ने मोदी जी को टारगेट किया, और अब इनका पूरा का पूरा फोकस शिफ्ट हो गया है, भारत और अमेरिका के सम्बन्धो पर.
पिछले कुछ दिनों में मीडिया में और यूट्यूब पर भर भर के वीडियो डाले जा रहे है, की अमेरिका ने भारत को धोका दिया, अमेरिका का दोहरा चरित्र है. अमेरिका भारत को वैक्सीन के लिए कच्चा माल सप्लाई नहीं कर रहा है, देखो चीन पाकिस्तान तक भारत की मदद के लिए हाथ फैलाये खड़े हैं, लेकिन अमेरिका ने साफ़ मना कर दिया है.
दोस्तों, बुरा वक़्त उसी समय चालू हो जाता है, जब हम दोस्त और दुश्मन में फ़र्क़ करना भूल जाते हैं.
सबसे पहले अमेरिका ने भारत को कच्चे माल की सप्लाई रोकी, और अमेरिका स्वयं कह रहा है, की उसकी पहली प्राथमिकता अमेरिकियों को टिका लगाना है, तो भाई इसमें अमेरिका ने ऐसा क्या कह दिया, जो इतना रोया धोया जा रहा है.
बाइडेन प्रसाशन के लिए अमेरिकी जितने इम्पोर्टेन्ट है, उतने ही मोदी सरकार के लिए भारत वासी, हर देश अपना स्वार्थ देखता है, और उसे देखना भी चाहिए.
कई लोगों के पेट में बड़ा दर्द हो रहा है, की देखो अमेरिका ने कच्चे माल का एक्सपोर्ट रोक दिया, तो इन लोगों से हमारा सवाल है, की क्या इन्हे नहीं पता, की भारत ने भी वैक्सीन का इम्पोर्ट प्रभावी ढंग से अभी रोका हुआ है.
हाँ जब हालत काबू में थे, तब भारत ने जितने टीके अपने यहाँ लगवाए, उससे अधिक वैक्सीन का एक्सपोर्ट किया. लेकिन हालत बेकाबू होते ही, उसने वैक्सीन के एक्सपोर्ट को रोकने के लिए कदम उठाने चालू कर दिए, अगर आपको बिस्वास न हो तो आप गूगल पर सर्च कर लीजिए, जर्मन चांसलर इंडियन फार्मा इंडस्ट्री के खिलाफ अपनी भड़ास क्यों निकाल रही है.
कहने का मतलब यह है, की यदि वैक्सीन का एक्सपोर्ट रोककर भारत सही कर रहा है, तो रॉ मटेरियल के एक्सपोर्ट को रोकने के लिए हमें अमेरिका क्यों गलती करता नजर आ रहा है..
यहाँ तक की कल ही अमेरिका के चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने बाइडेन प्रसाशन से आग्रह किया है, की वह लाखों करोड़ों की संख्या में जो वैक्सीन अमेरिका के यहाँ स्टोर्ड है, उन्हें भारत और ब्राज़ील जैसे उन मित्र देशो को सप्लाई किया जाना चाहिए, जिन्हे इनकी अभी सबसे अधिक जरूरत है, वैसे भी जून महीने तक अमेरिका में आराम से उतना वैक्सीन का प्रोडक्शन हो जायेगा, जितना उसे जरूरत है.
साथ ही साथ कल वाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी ने भी कहा है, की एक क्वाड मेंबर के तौर पर अमेरिका भारत के साथ राजनैतिक और विशषज्ञ लेवल पर बातचीत जारी रखे हुए है, ताकि भविस्य में वैक्सीन के प्रोडक्शन एंड डिस्ट्रीब्यूशन को maitained रखा जा सके.
यह तो हो गयी भविस्य की बात, सायद आपको याद हो, पिछले मार्च महीने में ही क्वाड इनिशिएटिव के अंतर्गत अमेरिका ने ऐलान किया था, की वह भारतीय कंपनी बायोलॉजिकल E के द्वारा १ बिलियन वैक्सीन dosage के प्रोडक्शन को फाइनेंसिंग मुहैया करवाएगा. और आगामी अगस्त महीने में इस वैक्सीन के मार्किट में लॉच होने की सम्भावना है.
और तो और सायद आप ध्यान कर पाए, कोरोना क्राइसिस की शुरुआत में भारत ने अमेरिका को दवाये सप्लाई की थी, तो बदले में अमेरिका ने भी वेंटिलेटर, जरूरी सामान सप्लाई करने के अलावा भारत को 1.4 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया था, ताकि भारत वर्तमान और भविस्य की महामारी से लड़ने की छमता जुटा पाए.
यदि अमेरिका मार्च महीने तक अच्छा था, तो अब अचानक से बुरा कैसे हो गया. और यह हमारा पक्का विस्वास है, की यह केवल समय की बात है, अमेरिका से रॉ मटेरियल की सप्लाई जल्द ही चालू हो जाएगी.
इसलिए इस इंतजार के दौरान अमेरिका को गरियाने के बजाए हमने अमेरिका की गंभीर लेकिन सुधरती हुई हालत को ध्यान में रखना चाहिए, वैसे आपको भी पता है, , अमेरिका भारत के लिए वैक्सीन रॉ मटेरियल के लिए सिर्फ एक सप्लायर ही नहीं, बल्कि भारतीय माल और services सबसे बड़ा ग्राहक भी है. साहब, यह केवल भारत में ही होता है, जहाँ सबसे बड़े ग्राहक को सबसे अधिक गलियां दी जाती हैं.
और जहाँ तक ये बात हो रही है, की चीन पाकिस्तान जैसे कई देश भारत की मदद के लिए सामने आ गए हैं, तो दोस्तों, यदि इन देशो में कोरोना की हालत अमेरिका और भारत जैसी होती, तो क्या यह मदद करने का आज दिखावा कर रहे होते. और तो और क्या हम भूल गए, की कोरोना के जिन्न को किसने बोतल से बहार निकाला है.
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