भारत के लिए ताइवान ने किया अपने एग्रीमेंट में ऐतिहासिक बदलाव
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MOU revision to help Paraguay buy Indian vaccines
Taiwan to provide financing for Paraguay to buy COVID-19 vaccines
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References -
https://www.taipeitimes.com/News/taiwan/archives/2021/04/26/2003756369
https://focustaiwan.tw/politics/202104240012
जैसा की आपके ध्यान में होगा, की इस महीने की शुरुआत में ताइवान के विदेश मंत्री ने यह उजागर किया. की जब स्वार्थी अमेरिका तक ने हाथ खड़े कर दिए, तब भारत ने ताइवान के सहयोगी देश पैरागुए को 1 लाख कोरोना वैक्सीन सप्लाई की थी.
क्योकि तब चीन ने पैरागुए को यह प्रलोभन दिया था, की वह यदि ताइवान से रिश्ते तोड़ लेगा, तो चीन उसके ऊपर कोरोना वैक्सीन की बारिश कर देगा.
परन्तु पैरागुए चीन की इन चालबाजियों का शिकार नहीं बना, और इससे पहले की कोरोना पैरागुए के हाथ मरोड़े, ताइवान को पहचान दिलाने वाले कुछ गिने चुने देशो में शामिल पैरागुए की भारत ने मदद कर दी.
इसी दौरान भारत सर्कार की तरफ से यह आधिकारिक स्टेटमेंट आया था, की भारत ने सीधा पैरागुए की मदद की है, और इस पुरे ट्रांसेक्शन में ताइवान जैसी कोई थर्ड पार्टी शामिल नहीं है. जाहिर था, तब भारत वन चाइना की पालिसी को तोड़ते हुए भी चीन को यह दिखाने की कोसिस कर रहा था, की वह ऐसा कुछ नहीं कर रहा है.
इसी दौरान भारत में भी भयंकर कोरोना विस्फोट हो गया है, और जितने कोरोना वैक्सीन की डिमांड है, उसके लिए भी सप्लाई जुटाने में हमें खासी मस्सकत करनी पड़ रही है.
लेकिन इस बैकग्राउंड में ताइवान ने अपनी और से तैयारी चालू कर दी है, ताकि जैसे ही भारत के पास जरूरत से अधिक कोरोना वैक्सीन की सप्लाई सुनिश्चित हो जाये, तब भारत को फिर पैरागुए को कोरोना वैक्सीन उपहार स्वरुप ना देना पड़े.
जी हाँ दोस्तों, ताइवान ने साल 2018 में पैरागुए के साथ किये गए एग्रीमेंट में बदलाव कर दिया है, ताकि वह वैक्सीन खरीदने के लिए पैरागुए को डायरेक्ट फाइनेंसिंग उपलब्ध करा पाए.
ताइवान के द्वारा दिए जाने वाले इन 16 .50 मिलियन डॉलर का इस्तेमाल करके पैरागुए भारत बायोटेक की Corona Vaccine खरीदेगी.
इस प्रकार पुराने घुमा फिरा कर किये गए ट्रांसक्शन को अब सीधा और साफ़ सुथरा कर दिया गया.
सरल सब्दो में इसका मतलब यह है, की ताइवान 16.50 मिलियन डॉलर देगा पैरागुए को, और फिर पैरागुए उसी पैसे का पैमेंट कोरोना वैक्सीन के लिए भारत को कर देगा.
इस प्रकार अच्छा यह होगा की अगली बार जब भी भारत को कोरोना वैक्सीन सप्लाई करनी होगी, तब बिना बात का बतंगड़ बनाये सारा काम निपट जायेगा.
सांप भी मर जायेगा और लाठी भी नहीं टूटेगी. मतलब भारत वन चाइना की पालिसी का प्रभावी ढंग से उल्लंघन भी कर देगा, और चीन को चिल्लाने का मौका भी नहीं मिलेगा.
हाँ यहाँ पर आपको यह जरूर लग सकता है, की भारत अभी भी चाइनीस ड्रैगन को भड़काने से डर रहा है,और यह सही भी है, लेकिन एन्ड रिजल्ट यही है, की पैरागुए के ताइवान के साथ सम्बन्धो को तुड़वाने में चीन पूरी तरह से नाकाम हो जायेगा. जो की किसी भी दृस्टि से कोई छोटा आउटकम नहीं है.
सिंपल सी बात यह है, चीन को हारना चाहिए, हराया कैसे जा रहा है, यह उतना महत्वपूर्ण नहीं है.
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