Top secret formula to book profit in Stocks and ETFs
हर कोई व्यक्ति सीमित मूलधन के साथ मार्किट में उतरता है, इसलिए उस मूलधन का निवेश कैसे ETF और स्टॉक में किया जाये, इसके ऊपर हमने कुछ दिनों पहले वीडियो बनाया था, यदि अपने इसे ना देखा हो, तो जरूर देख लीजियेगा, क्योकि यदि आपने इस वीडियो में बताई गयी रणनीति का इस्तेमाल किया, तो पहले तो आप हमेसा चैन की नींद सोयेंगे, और दूसरा आपके मुनाफा कमाने की सम्भावना सबसे अधिक हो जाएगी.
अब चलिए मूलधन को खर्च करके हमने ETF और स्टॉक ले तो लिए, तो सवाल उठता है, की आखिर उन्हे बेचा कब और कैसे जाए.
दोस्तों होता क्या है, की हमने पैसा लगा दिया, और यदि हमारा दाव सही पड़ा, तो हमें प्रॉफिट होने लगता है, तो अधिकतर लोग क्या करते हैं, की जैसे जैसे उनका प्रॉफिट बढ़ता है, वह और अधिक पैसा लगाते चले जाते हैं.
उदहारण के लिए यदि आपके पास निफ़्टी 50 इंडेक्स का ETF है, तो जैसे जैसे निफ़्टी 50 इंडेक्स ऊपर जाता है, लोग उसके ETF में निवेश बढ़ाते चले जाते हैं.
और यदि आप नया निवेश ना भी करें, तो चूँकि ETF का भाव चढ़ रहा है, इसलिए आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू साइज तो अपने आप बढ़ ही रही है.
अब आप बताएं, यदि आप किसी पहाड़ पर चढ़ रहे है, तो जैसे जैसे आप ऊपर जाते हैं, आप अपने पीठ पर रखे माल को उतारकर हल्का होते हैं, या उल्टा अपने सर पर और अधिक माल धर लेते हैं. स्वाभाविक है, जैसे जैसे हम ऊपर जायेंगे, हमें हल्का होना ही पड़ेगा, नहीं तो हम पूरी चढाई नहीं चढ़ पाएंगे.
लेकिन शेयर मार्किट के पहाड़ पर होता इसका उल्टा है. जब मार्किट नीचे होता है, तब डरे हुए लोग माल फेंककर हल्का होते हैं, और जब मार्किट ऊपर चढ़ता है, तब लोग लालच में आकर और माल अपने सर पर धरते चले जाते हैं.
इस गलती से बचने के लिए अच्छा होगा, की जैसे जैसे आपका प्रॉफिट बढ़ रहा है, वैसे वैसे आप धीरे धीरे किस्तों में माल बेचकर हल्का होते रहें, क्योकि असली प्रॉफिट वही होता है, जो जेब में हो.
लेकिन ध्यान रहे, चाहे कितना ही मोटा प्रॉफिट क्यों ना हो जाये, पूरा का पूरा माल हम एक ही भाव पर बेचते ही नहीं है.
हाँ उदहारण के लिए यदि हम खरीदते 5000 की क़िस्त में हैं, तो हम बेचते 10000 की क़िस्त में हैं, क्योकि मार्किट में कुछ चार्ज केवल तब लगते हैं, जब शेयर्स को बेचा जाता है. इसलिए बेचते समय किस्तों की संख्या कम हो तो ट्रांसक्शन चार्जेज में खर्चा कम होता है.
कभी कभी यदि मान लो हमने किसी एक कंपनी का शेयर लिया, और वह दुगुना हो गया , तो हम सबसे पहले क्या करते हैं, किस्तों में उसे बेचकर सबसे पहले अपना मूलधन बहार निकाल लेते हैं, ताकि हमारी रिस्क काम हो जाये, और फिर जो प्रॉफिट हुआ है, उसे हम उसके भाग्य पर छोड़ देते हैं,
शेयर का भाव बढ़ेगा गिरेगा, कभी डिविडेंड मिलेगा तो कभी बोनस, यह तो हो गयी लम्बी अवधि के निवेश की बात, लेकिन यदि हमने कोई निवेश लम्बी अवधि के लिए भी रखा है, तो भी हम समय समय पर उसमे किस्तों में प्रॉफिट बुकिंग की कोसिस करते हैं.
क्योकि कोई भी शेयर हो या ETF हो वह एक तरफा चाल में लम्बे समय तक नहीं भाग सकता है, यदि भाव ऊपर गया है, तो कभी ना कभी थोड़ा सा नीचे तो आएगा.
अब आप ही बताएं, यदि आप ऊपर के लेवल पर बेचेंगे नहीं, तो नीचे के लेवल पर खरीदेंगे कैसे??
और तो और यदि आप ऊपर लेवल्स पर किस्तों में बेचते रहेंगे, तो अचानक से आने वाली गिरावट से आपको डर भी नहीं लगेगा,
यदि आप ऊपर के लेवल पर महंगा बेचकर कॅश इखट्टा करेंगे, तो जब मार्किट में मार काट मची होगी, तो आप मुस्कुरायेंगे, उल्टा आप तो इंतजार करेंगे, की अगली गिरावट कब आने वाली है.
लेकिन यहाँ पर ध्यान रखने वाली बात यह भी है, की किसी भी स्टॉक या ETF जिसमे दम है या हमें उसके भविस्य में भरोसा है, तो हम उसे कभी भी पूरा का पूरा नहीं बेचते हैं, क्योकि यदि मार्किट अथवा शेयर नहीं गिरा, तो हमें अफ़सोस नहीं होगा, की हमने पूरा माल सस्ते में नीचे बेच दिया.
हाँ इस एप्रोच में कभी कभी हो सकता है, की आपने एक क़िस्त ऊँचे भाव में बेच दी, और शेयर के भाव में उसके बाद गिरावट आ गई और आप पूरा प्रॉफिट बुक करने से चूक गए, लेकिन इस केस में आपको दुखी नहीं होना है, बल्कि यह तो मौका है, जो मार्किट आपको दे रहा है, की ऊपर महगे बेचे गए माल को नीचे सस्ते भाव में लेने का.
हाँ यहाँ पर ध्यान रखना जरूरी है, यह पूरी स्ट्रेटेजी काम करती है, अच्छी क्वालिटी के शेयर्स और ETF पर. घटिया सड़े हुए और कब्र में लटके शेयर पर कोई स्ट्रेटेजी काम नहीं करती, वह तो विसुद्ध जुआ है साहब. लग गया तो जैकपोट, नहीं लगा तो आपका पोपट ही बनेगा.
पॉइंट सिंपल यह है, की शेयर खरीदने हो या बेचने हो, काम किस्तों में ही होना चाहिए, और ऐसी स्ट्रेटेजिक जानकारी आपको भविस्य में भी मिलती रहे, इसलिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल ETF नॉलेज शो को सर्च करके ज्वाइन कर लीजिये.
दोस्तों इस वीडियो में हमने केवल अपने विचार आपके साथ साझा किये हैं, आपको खरीदने और बेचने की सलाह नहीं दी है, शेयर मार्किट आपके लाभ का श्रेय और हानि का दोष दोनों ही पुरे के पुरे आपके सर पर होंगे.
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