चीन बॉर्डर पर बिजी था,यहाँ इंडियन इंडस्ट्री ने खेला कर दिया
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Insecticides (India) to cut down dependence on China
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References -
https://www.thehindubusinessline.com/economy/agri-business/insecticides-india-to-cut-down-dependence-on-china/article34999429.ece
https://www.insecticidesindia.com/
इस वीडियो के पाजिटिविटी पार्टनर हैं, गिरीश जोइस जी (Girish Jois ), हमें सपोर्ट करने के लिए आपको धन्यवाद.
जैसा की आपको जानकारी लग गयी होगी, की इतिहास में पहली बार भारत ने चीन के प्रति अपनी रणनीति में आधारभूत परिवर्तन कर दिया है.
पहले हमेसा चीन को रोकने की कोसिस करने वाला भारत आज चीन में घुसने उसकी जमीं दाबने और अपनी जमीं वापस लेने की तैयारी कर रहा है. 74 सालों का समय बर्बाद करके और 1962 के युद्ध में मुँह की खाने के बाद अब फाइनली भारत डिफेंसिव मोड से डोवाल साहब के डिफेंसिव ऑफेंसिव मोड में आ गया है, आज यह आप सभी के विचारों की जीत हैं, जिसके अंतर्गत आपने हमेसा कहा, की हमने चीन का तुस्टीकरण छोड़ कर उसकी टांगे तोड़ने की तयारी करना चाहिए.
चीन की चापलूसी करके पाकिस्तान को काबू में करने के निर्थक प्रयासों के बाद अब भारत ने फाइनली अपनी सभी समस्याओं की जड़ पर सीधा वार किया है. वैसे भी यह है तो कॉमन सेंस की बात, की यदि हमने चीन को साध लिया, तो टेड़ा पाकिस्तान अपने आप सीधा हो जायेगा.
यहाँ पर बेहद साफ़ करना जरूरी है, की यह तैयारियां चीन से लड़ने के लिए नहीं हो रही है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए हो रही है, की हम पर लड़ाई थोपने की चीन की कभी हिम्मत ही नहीं हो. क्योकि अब हम अपनी जमीं पर तो चीन का मुकाबला करेंगे ही करेंगे, लेकिन साथ में चीन की जमीं पर चीन को भी हमारा सामना करना पड़ेगा. बोले तो अब खेल बराबरी का होगा.
लेकिन जब हम चीन से दो दो हाथ करने की तयारी कर रहे हैं, यह जमीनी कड़वी सच्चाई है, की हमारे यहाँ खेती के काम आने वाले अधिकतर एग्रो केमिकल जैसे की पेस्टिसाइड और herbicide के रॉ मटेरियल चीन से इम्पोर्ट किये जाते हैं.
उदहारण के लिए इंडियन एग्रोकेमिकल स्पेस की एक दिग्गज कंपनी इंसेक्टिसाइड इंडिया अपने कुल रॉ मटेरियल में से 35 परसेंट तक रॉ मटेरियल अकेले चीन से इम्पोर्ट करती है.
अब आप में से कुछ लोग कह सकते हैं, की हमने आर्गेनिक खेती करनी चाहिए, केमिकल का उपयोग नहीं करना चाहिए, लेकिन दोस्तों अभी समय इन आदर्शवादी बातों का नहीं है. होती रहेगी आर्गेनिक खेती लम्बे समय में, बढ़िया आईडिया है आपका, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है, की एग्रोकेमिकल रॉ मटेरियल सेक्टर में हम चीन पर ओवर डिपेंडेंट बने रहें, वैसे भी हम सभी जानते हैं, निर्भरता सिर्फ और सिर्फ शोषण को जन्म देती है.
चीन पर हम इतने डिपेंडेंट हैं, तभी तो वह यह सोचने की हिमाकत कर लेता है, की भारत कुछ भी कह ले, असल में वह कुछ नहीं कर सकता है , जरा आप ही सोचिये, की यदि चीन ने अचानक से पेस्टिसाइड के लिए रॉ मटेरियल इंटरमीडिएट्स को सप्लाई करना बंद कर दिया, तो हमारे देश में खेतों में खड़ी फसल को रातों रात कीड़े चट कर जायेंगे.
वह तो अच्छी बात यह है, की बहाने वाजी करने के बजाय अब इंसेक्टिसाइड इंडिया ने इस स्तिथि की गंभीरता को समझा है. और उन्होंने निर्णय लिया है,की वह रॉ मटेरियल के लिए चीन पर अपनी डिपेंडेंस को कम करेंगी.
इसलिए वह दो बेहद इम्पोर्टेन्ट इंटरमीडिएट्स जिनका इस्तेमाल व्यापक रूप से अलग अलग पेस्टिसाइड को बनाने में किया जाता है, उनके उत्पादन के लिए नया प्लांट लगा रही है. और यह सब हम कोई गप्प नहीं दे रहे हैं, इस साल के अंत तक इंसेक्टिसाइड इंडिया इन दो इंटरमीडिएट्स का उत्पादन भारत में चालू करने वाली है.
जिससे चीन के रॉ मटेरियल के ऊपर इंसेक्टिसाइड इंडिया की निर्भरता 8 फीसदी कम हो जाएगी. और हम उम्मीद करते हैं, की अन्य कंपनियां भी इंसेक्टिसाइड इंडिया से कुछ सीखेंगी. बोले तो कोई जरूरी नहीं है, की जब मोदी जी मुँह पर पानी मारें, तभी सबकी नींद खुलना चाहिए.
वैसे भी ना करने के लिए हज़ार बहाने मिल जाते हैं, लेकिन काम करने के लिए सिर्फ एक हाँ ही काफी होती है, अभी तो हम इंसेक्टिसाइड इंडिया को धन्यवाद देते हैं. की वह स्वेक्षा से किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी के लालच में आये बिना मेक इन इंडिया और आत्मा निर्भर भारत अभियान में अपना योगदान दे रही है.
अंत में इस वीडियो के स्पांसर गिरीश जोइस जी को धन्यवाद देते हुए हम यह वीडियो समाप्त करते हैं.
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