भारत ने की अमेरिका यूरोप चीन सबकी बोलती बंद



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Over 50 countries interested in CoWIN, India ready to share open source software free: R S Sharma

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References -

https://telecom.economictimes.indiatimes.com/news/over-50-countries-interested-in-cowin-india-ready-to-share-open-source-software-free-r-s-sharma/83942180 

https://redingtongroup.com/india/overview/


आज के इस वीडियो के स्पांसर है, पियूष कामदार (Piyush Kamdar) जी from बोरीवली ईस्ट मुंबई, हमें सपोर्ट करने के लिए आपको धन्यवाद.


अभी तीन चार दिन पहले ही हमने एक वीडियो में चर्चा की थी. एक तरह भारत में लोग अफ़सोस प्रकट करते रहते हैं, की हमारे यहाँ गूगल फेसबुक ट्विटर जैसे एप्प क्यों नहीं बन रहे  है, तो दूसरी तरफ जबकि हम सभी cowin प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे हैं, फिर भी बहुत से कम लोगों को अंदाज़ा है, की भारत ने यह क्या कमाल की चीज़ बना दी है.


इस महीने G7 की समिट में मोदी जी ने दुनिया के धनाढ्य देशो को Cowin प्लेटफार्म के बारे में बताया, और अब अगले सप्ताह भारत पूरी दुनिया को आधिकारिक रूप से बताने वाला है, की Cowin प्लेटफार्म को कैसे बनाया गया, यह किस प्रकार काम करता है, और इसके क्या क्या फीचर्स और फायदे हैं.


और हमारी तरह आपको भी जानकर खुसी होगी, की कनाडा मेक्सिको UAE वियतनाम उक्रैन जैसे 50 देशो ने Cowin जैसे सिस्टम को अपनाने में रूचि दिखाई है. 


जरा आप स्वयं कल्पना दीजिये, यदि हम फॉर्म एप्लीकेशन पेन पेपर के झंझट में पड़े रहते, तो कैसे 130 करोड़ लोगों के लिए कोरोना का टीकाकरण कार्यक्रम मैनेज किया जाता??


आप चाहे तो घर बैठे अपना अपॉइंटमेंट बुक कर लें, उसे मॉडिफाई कर लें अथवा कैंसिल कर लें, और यदि आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना तो सीधा वक्सीनशन सेण्टर पर चले जाएँ वहां इस एप्प में आपको रजिस्टर किया जा सकेगा. और फिर आपके टीकाकरण से सम्बंधित सभी जानकारी एक ही जगह पर सुरक्षित Cowin प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहेगी.


देख लीजिये दोस्तों, हम ना केवल वैक्सीन को एक्सपोर्ट कर रहे हैं, बल्कि अब हम वक्सीनशन प्रोग्राम को मैनेज करने वाले सॉफ्टवेयर को भी एक्सपोर्ट कर रहे हैं.


लेकिन मोदी साहेब ने साफ़ साफ़ कर दिया है, की हम इस पुरे सिस्टम से पैसा कमाने की फ़िराक में नहीं है, बल्कि यह पूरा सिस्टम फ्री में सबके लिए उपलब्ध रहेगा. मतलब कोई भी देश भारत के सिस्टम का आर्किटेक्चर और कोड देख ले, उसका इस्तेमाल करके अपनी जरूरतों के हिसाब से जैसा अच्छा लगे वैसा सिस्टम तैयार कर ले. इसे कहते हैं, परोपकार की असली भावना.


बड़े बड़े अमीर देशो के दिल कितने छोटे हैं, गूगल फेसबुक पर जरा सा  जायज टैक्स लगाने की बात मोदी जी ने क्या कही, वाइट हाउस ईर्ष्या से जलकर ब्लैक हाउस बन गया. सबके पेट में गुड़ गुड़ होने लगा. और अब देख लो, भारत अपने सिस्टम को फ्री में सबको बाँट रहा है. ना तो कोई रॉयलिटी चाहिए और ना ही कोई licensing फीस.


अब आप में से कुछ लोग कह सकते हैं, की जब ट्विटर जैसा दो कोंडी का एप्लीकेशन भारत में इतनी नौटंकी कर रहा है, तो भारत ने Cowin प्लेटफार्म फ्री में नहीं बाँटना चाहिए. भले ही Cowin में फ्री में उपलब्ध टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, सिर्फ आईडिया ही हमारा है, लेकिन असली कीमत तो आईडिया की ही होती है, वह भी हमें अच्छे से पता है.  लेकिन दोस्तों, यहाँ पर भारत बड़ी लकीर खेंचने की कोसिस कर रहा है. इसलिए जहाँ तक हम समझ सकते हैं, भारत सर्कार जो कर रही है, वह एक दम सही है,


आपकी अनुमति से टॉपिक से थोड़ा हटते हुए दोस्तों, मोदी जी के काम से हम सभी का मुनाफा हो, इसी एक उद्देस्य से , हमने आज रेडिंगटन इंडिया लिमिटेड पर अपना पूरा एनालिसिस अपने टेलीग्राम चैनल ETF नॉलेज शो पर साझा किया है. ऐसी ही काम की जानकारी के लिए आप भी हमारे फ्री टेलीग्राम चैनल ETF नॉलेज शो को तुरंत ज्वाइन कर लीजिये.


दोस्तों, रेडिंगटन इंडिया लिमिटेड  एप्पल जैसी कंपनियों के इलेक्ट्रॉनिक्स मोबाइल लैपटॉप इत्यादि प्रोडक्ट्स का भारत में डिस्ट्रीब्यूशन करती है.  PLI स्कीम के तहत इन प्रोडक्ट का उत्पादन हमारे देश में बड़ा तो इस कंपनी को लाभ मिल सकता है. 


साथ ही साथ सप्लाई चैन सलूशन प्रोवाइड करने वाली यह कंपनी 11.6  रुपयों के डिविडेंड का भी ऐलान कर चुकी है. मतलब FD के लगभग डिविडेंड देने वाली इस प्राइवेट कंपनी का भविस्य भी हमें उज्जवल दिखाई पड़ता है.


लेकिन मार्किट में किसी चीज़ की कोई गारंटी नहीं होती है, इसलिए जबकि आज ही हमने रेडिंगटन इंडिया लिमिटेड में छोटी छोटी किस्तों में निवेश करना चालू किया है, फिर भी हम इसमें निवेश करने की सलाह राय अथवा टिप किसी को नहीं दे रहे हैं.


अंत में स्पॉन्सरशिप के लिए बोरीवली ईस्ट मुंबई के पियूष कामदार जी को धन्यवाद देते हुए हम  यह वीडियो समाप्त करते हैं.

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