इजिप्ट बांग्लादेश अमेरिका और चीन की हलक में अटकी सांसे


#RealQuickAnalysis #IndianImport #RockPhosphateImport

'India to become Atmanirbhar in phosphatic fertilisers,' says Union Minister Mansukh Mandaviya

🔥Special Offer🔥 - अब आप हमारे अगले वीडियो को स्पोंसर भी कर सकते है, इसके लिए आप कमेंट section में अपना नाम शेयर कीजिये 200/- रुपए का आर्थिक सहयोग PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884 पर देकर स्पोंसरशिप लीजिये , ताकि एक वीडियो में हम बता सके, की आपने उसे स्पोंसर किया है! हमे सपोर्ट करने की लिए आपका धन्यवाद!

If you wish to sponsor our next video, you may please contribute only Rs 200/- at PayTM, Google Pay, Phone Pe Number - +917649046884. Please provide on your name in the comment section below, so that we can clearly mention in the video, that you have sponsored/funded it. Thank you all for supporting us always!! Please click on below link to join us on Facebook

इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे फेसबुक पर जुड़ सकते हैं. https://www.facebook.com/RealquickAnalysis/  Please click on below link to join us on Twitter इस लिंक पर क्लिक करके, आप हमसे ट्विटर पर जुड़ सकते हैं. https://twitter.com/RealQuickInfo Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/

modi latest news today,modi latest news in hindi,modi ji latest news in hindi,real quick analysis,real quick analysis youtube channel,real quick analysis chanel,real quick analysis anchor,real quick info latest,real quick info hindi

References -

https://www.timesnownews.com/business-economy/economy/article/india-to-become-atmanirbhar-in-phosphatic-fertilisers-says-union-minister-mansukh-mandaviya/777253

https://timesofindia.indiatimes.com/city/jaipur/row-over-rock-phosphate-reserves/articleshow/16909712.cms

https://economictimes.indiatimes.com/industry/indl-goods/svs/chem-/-fertilisers/govt-may-consider-import-duty-cut-on-raw-material-for-fertiliser-industry-in-budget/articleshow/73638005.cms?from=mdr

आज के इस वीडियो के स्पांसर है, संदीप दंतानी (Sandip Dantani) जी from Ahmedabad, हमें सपोर्ट करने के लिए आपको धन्यवाद.


सायद आपको जानकारी हो, हमारे यहाँ खेती में DAP फ़र्टिलाइज़र का उपयोग किया जाता है, तो की फसल को नाइट्रोजन और फॉस्पोरस प्रचुर मात्रा में उपलब्ध करवाता है.


जबकि थाली में परोसे गए भोजन के पीछे DAP की तागत होती है, DAP के उत्पादन के लिए जरूरी रॉ मटेरियल रॉक फॉस्फेट की हमारी 90 प्रतिशत जरूरत सिर्फ और सिर्फ इम्पोर्ट से पूरी होती है.


रॉक फॉस्फेट का यह आयात किया जाता है, इजिप्ट बांग्लादेश चीन अमेरिका और मिडल ईस्ट से. वह भी तब जबकि जियोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के अनुसार  हमारे पास अपने खुद के  250 मिलियन टन के रॉक फॉस्फेट के भंडार हैं, जिसमे से 150 मिलियन टन रॉक फॉस्फेट ऐसा है, जिसका उपयोग सीधा DAP के उत्पादन के लिए किया जा सकता है.


सालाना हमें 10 मिलियन टन के आस पास  रॉक फॉस्फेट की जरूरत होती है,  मोटा मोटी अनुमान के मुताबिक हमारा अपना भंडार अगले १० से 15 सालों के लिए पर्याप्त होना चाहिए


लेकिन इसके बाबजूद रॉक फॉस्फेट हमें करना पड़ता है इम्पोर्ट. जिससे ना केवल विदेशी मुद्रा की बर्बादी होती है, बल्कि Global मार्किट में रॉक फॉस्फेट की कीमतें भी ऊपर नीचे होती रहती है, मतलब रॉक फॉस्फेट के इम्पोर्ट में हमेसा टेंशन ही बनी रहती है.


अब सवाल उठता है, की जब हमारे यहाँ खुद इतने बड़े भंडार हैं, तो हम भला इन्हे इम्पोर्ट क्यों करते हैं. 


तो बड़े बड़े एक्सपर्ट ज्ञान देते हैं, की हमारे यहाँ का रॉक फॉस्फेट कमजोर क्वालिटी का है, उससे फ़र्टिलाइज़र बनाने में दिक्कत आती है. लेकिन आपको भी पता है, यह सब दलालों की बहाने बाजी है. और यदि हमारे यहाँ का रॉक फॉस्फेट लौ क्वालिटी का है. तो इसका मतलब यह तो नहीं की हम उसका दोहन ही ना करे. 


जब पेट्रोल डीजल में इथेनॉल मिलाया जा सकता है, तो विदेशी हाई क्वालिटी रॉक फॉस्फेट के साथ साथ  लौ क्वालिटी Indian रॉक फॉस्फेट का इस्तेमाल क्यों नहीं हो सकता है. हो सकता है, विद्वानों के पास और कोई बड़ा कारण हो, जो उन्हें भारतीय रॉक फॉस्फेट का उपयोग करने से रोकता हो. लेकिन हम सिर्फ यह जानते हैं,की काम ना करने के हज़ार बहाने मिल जाते हैं, तो करने के लिए सिर्फ एक हाँ ही काफी होती है.


मतलब टेक्नोलॉजी का जमाना है साहब. कोसिस की जाए तो पत्थर से पानी निकाला जा सकता है.


यह तो हो गयी दिमागी पावंदी की बात, लेकिन राजस्थान गुजरात मध्यप्रदेश आंध्र प्रदेश कर्णाटक जहाँ पर भी रॉक फॉस्फेट के रिज़र्व हैं,  वहां पर अभी भी उनका दोहन सरकारी कंपनियों के हवाले है, राजस्थान जहाँ पर सबसे अधिक रॉक फॉस्फेट के डिपोसिट हैं, वह खुद भी उन्हें नहीं निकालेगा, और ना ही प्राइवेट कंपनियों को उन्हें निकालने की अनुमति देगा.



कहने की जरूरत नहीं है, जहाँ रॉक फॉस्फेट माइनिंग की शुरुआत होगी, पर्यावरण के नाम से दलाली करने वाले NGO भी राह में रोड़ा अटकाने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे, देश लुटता रहे चलेगा, लेकिन हम अपने देश के  रॉक फॉस्फेट का दोहन नहीं होने देंगे.


इस बैकग्राउंड में भला हो मोदी सर्कार का, जो उसने अब अंगद का पाँव रख दिया है, बोले तो अब भारत रॉक फॉस्फेट में आत्मा निर्भर बनकर ही रहेगा. और इसके लिए एक्शन प्लान भी तैयार हो गया है. सर्कार के सभी मंत्रालय और विभाग मिलकर काम करने वाले हैं, ताकि भारतीय रॉक फॉस्फेट का उत्पादन बढ़ाया जाये.


अब आप में से कुछ सयाने पप्पू पुजारी कहेंगे, की मोदी सर्कार अभी तक सो रही थी क्या, तो हमारा आप से सवाल है, की क्या DAP का अविष्कार मोदी जी ने किया है, मोदी जी के पहले दसको तक जिन सरकारों ने राज किया, क्या उन्हें पता नहीं था, की भारत उस रॉक फॉस्फेट का इम्पोर्ट कर रहा है, जो हमारे यहाँ पहले से ही भर भर के उपलब्ध है.


एनीवे हमें गड़े मुर्दे उखाड़ने का कोई सोंक नहीं है. मोदी सर्कार को धन्यवाद की वह देर से ही सही लेकिन दुरुस्त कदम उठा रही है. लेकिन हम अभी से बूंदी के लड्डू नहीं बाँट रहे हैं, हम इस पुरे घटना क्रम पर नजर बनाये रखेंगे, की मोदी सर्कार की यह निति कागजो से जमीं पर कब तक उतरती है, और उससे इम्पोर्ट को कम करने में कितनी मदद मिलती है.


इसलिए इस पुरे आत्मा निर्भर भारत अभियान के बारे में लेटेस्ट जानकारी और एनालिसिस को जानने के लिए आप तुरंत प्रभाव से हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिये.


अंत में स्पॉन्सरशिप के लिए अहमदाबाद के  संदीप दंतानी जी को धन्यवाद देते हुए हम  यह वीडियो समाप्त करते हैं.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हारी बाजी जीत गए मोदी जी

दर्द में हुई असली मर्द की पहचान

Well Done President Trump - America Stops WHO Funding!!