मजाक उड़ाने वाले आज खुद मजाक बन गए


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AYUSH system of medicine become popular in many countries

Why Ayurveda gained a lot of popularity since Covid-19

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References -

https://orissadiary.com/ayush-system-of-medicine-become-popular-in-many-countries/

https://timesofindia.indiatimes.com/life-style/health-fitness/health-news/why-ayurveda-gained-a-lot-of-popularity-since-covid-19/articleshow/83058289.cms

 एक साल पहले जब कोरोना की आफत हम सभी के सर पर आन पड़ी, तब ना तो दवाइयों का सहारा था, और ना ही वैक्सीन की कोई आश थी, उस दौरान रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को घर पर ही उपाय तलाशने पड़े. 


परिणामस्वरूप इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए और स्वस्थ जीवन जीने के लिए आयुर्वेद का महत्वा लोगों को समझ आया, और उसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ने लगी.


लेकिन यह ट्रेंड कोई भारत तक ही सिमित नहीं रहा, अंतरास्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेद और योग का चलन हाल के समय में बहुत तेजी से बड़ा है.


जीरो कॉस्ट पर घर पर ही कैसे निरोग रहे, इस सवाल से परेशां लोगों को समाधान मिलता है, इंटरनेशनल योग डे के दौरान जारी की जाने वाली यूनाइटेड नेशंस डिक्लेरेशन में.


हमारी तरह आपको भी जानकर खुसी होगी, की स्विट्ज़रलैंड, सऊदी अरब, UAE ओमान पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे 16 देशो में आज आयुर्वेद को सिस्टम ऑफ़ मेडिसिन के रूप में स्वीकार किया जा रहा है.


यहाँ तक की यूरोपियन यूनियन के पांच देशो ने आयुर्वेद सिस्टम को रेगुलेट करना भी चालू कर दिया है.


आयुर्वेद के साथ साथ सिद्ध और होमियोपैथी का चलन भी तेजी से फ़ैल रहा है.


और यह सब कोई जादू की छड़ी घुमाने से नहीं हुआ है, बल्कि आयुष मंत्रालय ने इसके प्रचार प्रयास के लिए प्रयास किया है, और साथ में यह कोसिस भी करि है, की लोगों को आयुष सिस्टम के बारे में सही जानकारी हो, ताकि वह उसके ऊपर विस्वास कर सकें.


उदहारण के लिए WHO के साथ मिलकर यह प्रयास चल रहा है, की आयुष के लिए ग्लोबल क्वालिटी स्टैंडर्ड्स का विकास हो.  जबकि इस छेत्र में  प्रयासों की जानकारी भारत सर्कार ने लोकसभा में जारी की है, लेकिन यहाँ पर पिछली सरकारों  को भी धन्यवाद दिया जाना चाहिए, क्योकि एक दिन में इतना सब कुछ नहीं होता है.


हाँ कोरोना ने आयुष के प्रचार प्रसार को हवा देने का काम किया है, परन्तु इस सिस्टम को दुनिया भर में फ़ैलाने के प्रयास तो बहुत लम्बे समय से चल रहे हैं.


अब जबकि हम आयुष सिस्टम के बारे में बात कर रहे हैं ,तो आप में से कुछ दर्शको का कहना हो सकता है, की आयुष बकवास है, इसमें कोई दम नहीं है.


तो दोस्तों, हम आपके विचारो का सम्मान करते हैं, लेकिन यहाँ पर मुद्दा यह है ही नहीं, की आयुष कारगर है या नहीं, पॉइंट यह है, की सबको इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए, ताकि वह अपने विवेक के अनुसार सही निर्णय ले सके.


जिसको आयुर्वेद से लाभ लेना हो, वह आयुर्वेद की शरण में चला जाये, जिसको Allopathy में भरोषा है, वह पैसा खर्च कर दवाइयां खरीद ले, और जिसको सिर्फ आयुर्वेद try करना है, वह प्रयोग कर के देख ले.


हर व्यक्ति को आजादी है, इसलिए उसके पास विकल्प होने ही चाहिए. जहाँ तक हम  समझ सकते हैं, आयुर्वेद के बारे में जानकारी को दुनिया भर में फैलाकर मोदी सर्कार बिलकुल सही काम कर रही है.


और यदि आपकी बात सही है, की आयुर्वेद रियलिटी में fraud है, तो समय की कसौटी पर वह फ़ैल हो ही जाएगा, सिंपल, इसलिए एंटी आयुर्वेद लोगों को अपना आपा खोने की कोई जरूरत नहीं है.  वैसे जिस आयुर्वेदिक ज्ञान को हज़ारों सालों में भुलाया नहीं जा सका, उसकी उपयोगिता को पूरी तरह से नकार देना भी सही नहीं है.

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