मोदी जी एक अमेरिकन तीर से किये तीन शिकार
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Canada scraps export permits for drone technology to Turkey, complains to Ankara
Cicilline and Bilirakis lead Congressional drive to block transfer of US drone technology to Turkey
Hindu American body opposes joint production of drones by Pakistan, Turkey and Russia
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References -
https://www.outlookindia.com/newsscroll/hindu-american-body-opposes-joint-production-of-drones-by-pakistan-turkey-and-russia/2128721
https://armenianweekly.com/2021/07/25/cicilline-and-bilirakis-lead-congressional-drive-to-block-transfer-of-us-drone-technology-to-turkey/
https://economictimes.indiatimes.com/news/defence/canada-scraps-export-permits-for-drone-technology-to-turkey-complains-to-ankara/articleshow/82047753.cms?from=mdr
जैसा की हम सभी को पता है, अर्मेनिआ हो सीरिया हो, या लीबिया हो, हर जगह से एक ही तरह की खबरे आयी है, की किस प्रकार आर्म्ड ड्रोन्स का इस्तेमाल करके टर्की ने पूरा खेल ही पलट दिया.
यहाँ तक की इस तरह की नई रिपोर्ट भी आती रहती है, की टर्की ड्रोन्स भारत के दुश्मन पाकिस्तान को सप्लाई कर रहा है, एवं टर्की पाकिस्तान और रूस मिलकर ड्रोन्स और एंटी ड्रोन डिफेंस सिस्टम का जॉइंट प्रोडक्शन करने जा रहे हैं. इन खबरों में कितनी सच्चाई है, हमें नहीं पता
लेकिन बड़ा सवाल यह है, की अचानक से टर्की को ड्रोन की फील्ड में इतनी बड़ी छमता कैसे हांसिल हो गयी??
तो सायद आपको जानकारी हो, अमेरिका ने टर्की को ड्रोन टेक्नोलॉजी का एक्सपोर्ट लाइसेंस दे रखा है, यहाँ तक की कनाडा ने भी ऐसा ही एक्सपोर्ट लाइसेंस दिया हुआ था.
लेकिन जैसे ही कनाडा को पता चला की उसके कंपोनेंट्स जैसे की कैमरा सिस्टम का उपयोग उन ड्रोन्स में किया गया था, जिनका प्रयोग अर्मेनिआ के नागरिको के खिलाफ किया जा रहा है. तब जाकर कनाडा की नींद टूटी.
परिणाम स्वरुप अप्रैल महीने में सब कुछ लुटाने के पहले जागते हुए कनाडा ने टर्की को ड्रोन टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट लाइसेंस ही स्क्रैप कर दिया.
अब यह बात और है, की टर्की सायद ही यह कभी स्वीकार करे, और मीडिया में कभी यह छपे, की कनाडा और अमेरिका के कॉम्पोनेन्ट की तागत घमंडी टर्की के ड्रोन्स की सफलता के पीछे काम कर रही है.
और तो और टर्की की तरफ अमेरिका और कनाडा जैसे देशो को धन्यवाद देने की बात तो छोड़ ही दीजिये, साहब, उल्टा टर्की की ओर से मीडिया में हवा बनाई जाती है, की देखो देखो अमेरिका के खिलाफ खड़े होकर टर्की ने कैसे अकेले अपने दम पर ड्रोन की फील्ड में महारथ हांसिल कर ली है.
अब जबकि कनाडा ने अपनी भूल सुधार ली, अमेरिका भी इस तरह की इन्वेस्टीगेशन कर रहा है, ताकि पता लगाया जा सके, की टर्की के ड्रोन्स शांति और स्थयित्वा के लिए कितना बड़ा खतरा है.
और इसी दौरान अमेरिका की दोनों पार्टियों के नेताओं ने मिलकर अमेरिकन विदेश मंत्री से गुहार लगाई है, की कनाडा की तरह ही अमेरिका ने टर्की को दिया हुआ US ड्रोन टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट लाइसेंस ख़तम कर देना चाहिए.
जिन जिन लोगों के खिलाफ टर्की ने अपने ड्रोन डेप्लॉय किये हैं, उन उन लोगों के समूहों ने अमेरिका में आवाज़ उठानी भी चालू कर दी है, की अमेरिकन ड्रोन टेक्नोलॉजी का यह दुरुपयोग रुकना ही चाहिए.
उदहारण के लिए हिन्दू अमेरिकन बॉडी ने भी इस मांग का समर्थन किया है, और रूस टर्की और पाकिस्तान के द्वारा किये जाने वाले किसी भी प्रकार के जॉइंट प्रोडक्शन का विरोध किया है.
भले ही अमेरिका को होश बाद में आये, की टर्की के रुप में उन्होंने किस भस्मासुर को पाल रखा है, सायद इसी लिए थोड़े बहुत व्यापर के लालच में वह हमेसा की तरह लगातार टर्की का तुस्टीकरण करने में लगे हुए हैं.
अमेरिका की अकल जब ठिकाने आएगी तब आएगी, लेकिन इस हालत को भगवान के भरोसे भी नहीं छोड़ा जा सकता है, इसलिए आवाज तो उठानी ही होगी.
अब चूँकि सयोंगवश अमेरिकन विदेश मंत्री भी भारत आने वाले हैं, तो उम्मीद हैं, की भारत सर्कार भी US ड्रोन टेक्नोलॉजी के इस गैर कानूनी इस्तेमाल को रोकने का मुद्दा उठाएगी.
क्योकि American drone टेक्नोलॉजी यदि टर्की पाकिस्तान के हाथ लग गयी, तो एक ना एक दिनवह चीन रूस तालिवान और अन्य आतंकवादियों तक पहुंच ही जाएगी, और अंत में जाकर उसका इस्तेमाल अमेरिका उसके सहयोगियों और मित्रों के खिलाफ ही किया जाने वाला है.
इसलिए समय रहते कुम्भकरण अमेरिका जाग जाये, ऐसा प्रयास मोदी सर्कार करती रहेगी, ऐसी हम अपेक्षा करते हैं.
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