चीन को जोर का झटका धीरे से लगा
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Japan's heavy equipment leader Kubota may raise stake in Escorts
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References -
https://economictimes.indiatimes.com/news/company/corporate-trends/japans-heavy-equipment-leader-kubota-may-raise-stake-in-escorts/articleshow/86443535.cms?utm_source=contentofinterest&utm_medium=text&utm_campaign=cppst
भले ही कृषि सुधार कानून की गाड़ी पटरी से उतर गयी हो, लेकिन फिर भी इस बात पर एक मत राय है, की भारतीय कृषि छेत्र में मशीनों का प्रयोग बढ़ना ही बढ़ना है.
कुछ सालों में आप सभी ने देखा होगा, किस तेज रफ़्तार से ट्रैक्टर्स ने बैलगाड़ियों की जगह ले ली. और ऐसा नहीं है, की यह खेती का मशीनीकरण अब ख़तम हो चूका है, अभी तो भाईसाहब शुरुआत ही हुई है.
जब किसान भाइयो को मिल रही हैं, मशीन, तो यह भी सुनिश्चित करना होगा, की उन्हें हाई टेक्नोलॉजी इक्विपमेंट मिले, जो ना केवल उनका काम करें, बल्कि उनके शरीर और स्वस्थ्य का भी ध्यान रखें.
वह दिन जल्द ही लदने वाले हैं, जब ट्रेक्टर खरीदते समय केवल उसकी मजबूती और माइलेज देखा जाता था. जो क्रांति मारुती सुजुकी कार के छेत्र में लेकर आयी, उसी क्रांति की आहट अब सुनाई दे रही है, ट्रेक्टर और फार्म मशीनरी के छेत्र में.
जी हाँ दोस्तों, आपने बिलकुल सही सुना, जापानी कुबोटा जो की सदियों से यह काम कर रही है, भारत अचानक से उसकी आँख का तारा बना हुआ है, और उसे अच्छे से समझ आ गया है, की यदि उसे व्यापर बढ़ाना है, तो भारत से सुनहरा अवसर कोई नहीं दे सकता है.
इसलिए कुबोटा ने पहले अपने छोटे ट्रेक्टर लांच किये, फिर भारी भरकम ट्रेक्टर बनाने वाली दिग्गज कंपनी एस्कॉर्ट्स में भी पिछले साल 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली.
बोले तो वह धीरे धीरे इंडियन फार्म सेक्टर को कर रहे हैं टेस्ट, और जैसे जैसे उनका विस्वास बढ़ रहा है, वह भारत में अपना विस्तार कर रहे है, बोले तो जापानी लोगों को तेजाइ नहीं रहती, वह तो हर कदम फूंक फूंक कर आगे बढ़ाते हैं. लेकिन एक बार जब उन्होंने मन बना लिया, तो भाई फिर तो उन्हें रोक पाना हो जाता है, बिलकुल असंभव.
यही देखने को मिल रहा है, एस्कॉर्ट्स के केस में, अब कुबोटा अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाने जा रही है, और कुबोटा के इरादे भी साफ़ है, वह एक ना एक दिन एस्कॉर्ट्स की मालिकाना हिस्सेदारी खरीद लेगी.
और इस प्रकार भारतीय एस्कॉर्ट्स बन जाएगी, ग्लोबल MNC कंपनी, जो फिर ग्लोबल सप्लाई चैन का हिस्सा होगी. लेकिन यह सब एक दिन में होगा नहीं, हम पहले ही बता चुके हैं, जापानियों को कोई तेजाइ नहीं है, वह अपने मौज में रहने वाले लोग है.
जब कुबोटा एस्कॉर्ट्स को खरीद रही है, तो आप चाहें तो दुःख प्रकट कर सकते हैं, की लोजी भाई, एक और कंपनी बिक गयी, लेकिन दूसरा नजरिया यह भी हो सकता है, की इस प्रकार और जापानी निवेश भारत आएगा, भारतीय किसानो को वाजिव दाम पर नए और बेहतर ट्रेक्टर एंड फार्म इक्विपमेंट मिलेंगे.
और तो और कुबोटा ना केवल एस्कॉर्ट्स को खरीदने जा रही है, वल्कि वह भारत में एक दम नया रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेण्टर भी खोल रही है. इसलिए जहाँ तक हम समझ सकते हैं, इंडियन एग्रीकल्चर सेक्टर में हम तो जापानी टेक्नोलॉजी और इन्वेस्टमेंट का स्वागत करते हैं.
अब आप में से कुछ दर्शक कहेंगे, की भाई जी हम तो खेती बाड़ी नहीं करते, हमें क्यों फालतू में यह वीडियो दिखा रही हो मैडम. तो दोस्तों, चलो आपको खेती नहीं करनी, मान लिया, लेकिन खाना तो आप भी खाते हैं. वह खाना कहाँ से आता है.
और रही बात फायदे की, तो दोस्तों, एस्कॉर्ट्स और कुबोटा के गठबंधन से आपका भला हो सके, इसलिए मई महीने में हमने इस टॉपिक को कवर किया था, और तब से लेकर आज तक एस्कॉर्ट्स ने दे डाला है. 40 प्रतिशत से भी अधिक का रिटर्न.
यह अंत नहीं शुरुआत है दोस्तों, जैसे जैसे एस्कॉर्ट कुबोटा बनती जाएगी, इसके भाग्य बदलते जायेगे, भाव ऊपर चढ़ता चला जायेगा. कहने का मतलब यह है, की इस डील से लाभ कमाने के लिए आपको खेत नहीं जोतना है. पंखे के नीचे घर बैठे आपका काम हो सकता है.
अब रही बात, एस्कॉर्ट को कब खरीदना है, कब बेचना है, इसके कैंडल चार्ट को कैसे पड़ें, तो उसके लिए आप आ जाओ आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स में. एक बार आखिरी बार आप यह कोर्स अटेंड कर लो, फिर जिंदगी भर यह नॉलेज आपके काम ना आये तो कहना .
और हाँ, जहाँ तक आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स की कॉस्ट का सवाल है, तो दोस्तों, हम आपको देते हैं, खुला चैलेंज, पुरे देश में ढूंढ लीजिये आप दिया लेकर, यदि आपको इतना व्यापक और बेहतर कोर्स इतने सस्ते दाम पर मिल जाये, तो बताइयेगा आप हमें. चैलेंज है आपको, कर लीजिये एक्सेप्ट.
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