मुँह बाये देखते रह गए बाइडेन
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We Will Invest US$ 40 Billion In India: Blackstone Chairman Schwarzman
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References -
http://www.businessworld.in/article/We-Will-Invest-US-40-Billion-In-India-Blackstone-Chairman-Schwarzman-/24-09-2021-405949/
बिन मांगे मोती मिले और मांगे मिले ना भीख, यह कहावत कितनी सही है, वह आपको दिख जायेगा इस वीडियो में.
सायद आपने नोटिस किया हो, पाकिस्तानी प्रदानमंत्री अमेरिकी अखबारों को दनादन इंटरव्यू दे रहे हैं. अब बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन में उनकी कोई सुनता नहीं, इसलिए अख़बारों के माध्यम से वह अपनी कमजोर आवाज को बुलंद करने की फालतू फ़िराक़ में लगे हैं.
जैसे तैसे करके पाकिस्तान के विदेश मंत्री की अमेरिकन फॉरेन मिनिस्टर के साथ बातचीत का जुगाड़ हो गया, लेकिन उसमे अमेरिका ने साफ़ साफ़ कह दिया, की उसे पाकिस्तानी टट्टुओं की कथनी नहीं करनी देखनी है.
पहले पाकिस्तान आगे था, अमेरिका पीछे, अब बदल गया है, खेल, अमेरिका आगे हैं, और पाकिस्तान पीछे. अब काटे पाकिस्तान अमेरिकियों के चक्कर, कम्यूटर में एक बटन दबा के अमेरिका में पड़े अफ़ग़ानिस्तान के अराउंड 10 बिलियन डॉलर के फण्ड को बाइडेन ने कर दिया फ्रीज.
अब पाकिस्तान जमीं आसमान कर रहा है, एक. की किसी तरह से यह पैसा बहार निकल जाये, दूसरे सब्दो में मांगने पर भी उसे भीख नहीं मिल रही है.
वैसे तो पाकिस्तान और भारत की तुलना करना ही बेकार है, लेकिन चूँकि पाकिस्तानियों को भारत के साथ बराबरी करने का शोक है, इसलिए उन्हें यह जानना जरूरी है.
जहाँ पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर कुछ बिलियन डॉलर छुड़वाने के लिए दर दर की ठोकर खा रहे हैं, वही मोदी जी ने केवल मुलाक़ात ही की थी, ब्लैकस्टोन के फाउंडर से.
कुछ ही मिनट्स के भीतर, ब्लैकस्टोन ने मोदी साहेब को बता दिया, की वह अगले पांच सालों में 40 बिलियन डॉलर जी हाँ 40 बिलियन डॉलर निवेश करने जा रही है.
और तो और काले पत्थर यानि की ब्लैकस्टोन ने पहले ही भारत में 60 बिलियन का निवेश किया हुआ है, वह अब 40 बिलियन डॉलर और भारत में डालने जा रहे हैं.
भले ही हमारे यहाँ बैठे पप्पू पुजारियों को भारत का भविस्य अंधकारमय लगता हो, लेकिन अमेरिकन फण्ड यदि अगले पांच सालों में भारत में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रहा है, तो भाई जी, उन्हें कुछ तो दिख रहा होगा.
वैसे भी दोस्तों, खाली पीली बातें देने वालों की तुलना में हम ज्यादा तबज्जो देते हैं, पैसा देने वालों को. क्योकि बातों का क्या है, कल बदल जाएँगी, लेकिन जो पैसा लगा रहा है, वह रिस्क जोखिम खतरा उठा रहा है, इसलिए उसकी बात में बजन ज्यादा है.
अब आपको यदि यह अनोउसमेंट छोटा लग रहा हो, तो कुछ समय पहले तक सीपेक की बड़ी चर्चा होती थी, उस चीन पाकिस्तान इकनोमिक कॉरिडोर में चीन साठ सत्तर बिलियन डॉलर के अराउंड निवेश करने जा रहा था.
हुआ की नहीं, होगा की नहीं, कितना सच कितना झूट, हमें नहीं पता, लेकिन यदि ऐलानों को ही आँकड़ा मान लिया जाये, तो भी जितना चीन पाकिस्तान में निवेश करने की सोच रहा था, उससे तीस चालिश बिलियन डॉलर अधिक तो एक अमेरिकन फण्ड ही भारत में निवेश करने जा रहा है.
अमेरिकन इन्वेस्टमेंट ने, ताइवान जापान कोरिया वियतनाम और चीन को कहाँ से कहाँ पंहुचा दिया, वह तो आपको पता है ही, रही बात पाकिस्तान की, उसका भला क्यों नहीं हुआ, तो उसका कारण यह है, की भला आदमियों का होता है, भूतों का नहीं.
पाकिस्तान के ऊपर भारत का भूत सवार है, और वह आज भी मोहम्मद बिन कासिम और बाबर के ज़माने में जी रहे हैं, इसलिए वह केवल धोका दे सकते हैं, अमेरिकन कंपनियों को निवेश में लाभ नहीं. वैसे भी अमेरिकियों से अच्छा यह बात किसी को पता नहीं हो सकती है.
लेकिन हमें कोई गलतफहमी नहीं है, इसलिए जबकि मोदी जी अमेरिकन डॉलर को attract कर रहे हैं, हमें यह सत्य याद रखना होगा, की भले ही हमें अपनी अपनी जातियों का बड़ा गुमान होता रहे, कासिम हो या कसाब हो, उनकी नजर में हम सभी एक लाइन से काफिर थे, काफिर हैं और काफिर रहेंगे.
इसलिए मोदी जी का साथ नहीं छोड़ना है, बिलकुल हमें. नहीं तो क्या होगा, वह अफ़ग़ानिस्तान में आप देख लीजिये.
दोस्तों, अब आप कर लीजिये खरगोश की तरह कान खड़े, क्योकि अब कर रहे हैं, हम बात आपके मुनाफे की.
मोदी जी बेचने जा रहे हैं, BPCL. मोदी जी की मेहनत से निकलने वाली मलाई पर सबसे पहले हक़ है, आपका. इसलिए 12 प्रतिशत का डिविडेंड निकलने के बाद अब दोबारा BPCL में निवेश कब करना है, उसका सपोर्ट कहाँ पर हैं, रेजिस्टेंस कहाँ हो सकता है, अब यह जानने के लिए आपको नहीं होना है, किसी टीवी यूट्यूब अखबारी एक्सपर्ट पर निर्भर. वैसे भी आपको तो पता है, आज नहीं तो कल निर्भरता शोषण को जन्म देती है .
इसीलिए जब मोदी जी आत्मनिर्भर भारत बना रहें है, तो आप क्यों आत्मनिर्भर इन्वेस्टर नहीं बन रहे हो भाई जी. आप जैसे दर्शको के फीडबैक के बल पर ही हम पूरा का पूरा एक दम तरो ताजा आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स बना रहे हैं. बस आप उसका एक बार आनंद ले लीजिये. जिंदगी भर याद रहेगा आपको यह मजा.
जहाँ तक आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स की एक हज़ार रुपयों की कॉस्ट का सवाल है, तो दोस्तों, हम आपको देते हैं, एक दम खुला चैलेंज, पूरी दुनिया में ढूंढ लीजिये आप दिया लेकर, यदि आपको इतना व्यापक और बेहतर कोर्स इतने सस्ते दाम पर मिल जाये, तो बताइयेगा आप हमें. ओपन चैलेंज है आपको, कर लीजिये एक्सेप्ट.
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