तीन तीन महासागरों में चलेगा अकेले भारत का सिक्का

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PM Modi-US President Biden meeting impact: India to join US-led Combined Maritime Force in Bahrain

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References - 

https://www.timesnownews.com/india/article/pm-modi-president-biden-meeting-impact-india-to-have-closer-naval-ties-with-united-states/827013


ठीक एक महीने पहले मोदी साहेब गए थे अमेरिका, तब बाइडेन बाबू से उनकी मीटिंग से कुछ खास निकल कर नहीं आया. तब तो ऐसा लगा मानो की जैसे पटाखा फुस निकल गया.


लेकिन उस मीटिंग में क्या माहौल बना, वह आँखें खोलकर अब देखिये आप.


क्योकि भारत ने निर्णय ले लिया है, की वह अमेरिका के नेतृत्वा वाली कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स को ज्वाइन करने जा रहा है. इस फाॅर्स में एक दो नहीं, 34 जी हाँ 34 देश, अमेरिका के सभी यूरोपियन और एसियन सहयोगी शामिल हैं.


 कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स का काम पर्शियन गल्फ, अरब सागर और हिन्द महासागर में पायरेसी और नारकोटिक्स के खिलाफ कारवाही करना है.  और इस फाॅर्स के पास होती है, इस पुरे इलाके में हो रहे हर घटनाक्रम के पल पल की जानकारी.


शुरुआत में भारत ने अपना एक अधिकारी  कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स में तैनात कर दिया है, कोई जंगी जहाज इस फाॅर्स में देने का निर्णय नहीं लिया गया है अभी.


हम चूँकि नई राह पर चल रहे हैं, इसलिए हर कदम फूंक फूंक कर रखना होगा. वैसे तो लगता है, की  कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स  एक और सिस्टम है, लेकिन आप इसका आकार देखिये ना. कितने बड़े लेवल पर यह काम कर रहा है.


और तो और  इन 34 देशो को असली खतरा है, सिर्फ एक चीन से, इसलिए जिस बात का जिक्र कोई करना नहीं चाहता, वह यह है, की  कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स  चाइनीस कबाब में हड्डी का काम कर रही है, इससे पहले की चीन अपने युद्द पोत परमानेंटली हिन्द महासागर में डेप्लॉय करे,  कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स  को मजबूत सिस्टम का निर्माड करना ही होगा. 


अभी भारत ने जो  कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स  को ज्वाइन कर लिया है, उससे चलो यह तो तय हो गया, की उनके पास जो हमारे काम की इनफार्मेशन होगी, वह समय पर हमें मिल जाएगी, वैसे भी सारा खेल सुचना का ही तो है. यदि आपको हवा लग जाये पहले तो बड़े से बड़े हमले को टाला जा सकता है.


इसलिए जहाँ तक हम समझ सकते हैं, भारत का  कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स को ज्वाइन करना एक दम सही निर्णय है, यह बात और है, की गुट निरपेक्षता का भूत अभी भी हमारे सर चढ़कर बोल रहा है, तभी तो पिछले कुछ सालों से यह प्रस्ताव दिल्ली में धुल खा रहा था, लेकिन बाइडेन बाबू से मिलने के बाद मजबूत मोदी जी ने अंगद का पेअर जमीं पर रख दिया. की भारत  कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स ज्वाइन कर रहा है, मतलब ज्वाइन कर रहा है.


वैसे भी 1962 गवाह है, जब हम पर मार पड़ी थी, तो गुटनिरपेक्षता का गुट हमारे क्या काम आया, हम अकेले पिटते रहे, साथ में चीन ने हमारी जमीं भी दबा ली सो वह अलग. इसलिए अकेले पिटने में कोई अक्लमंदी नहीं है.


वैसे भी जंगल का पुराना नियम है, जो जानवर झुण्ड से अलग चलता है, सबसे पहले शिकार वही बनता है, इसलिए चूँकि हम लोकतान्त्रिक हैं, इसलिए लोकतान्त्रिक देशो की  कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स  में शामिल होने से हमें डरना नहीं चाहिए.


डरने का सोचने विचारने का काम आप चीन को करने दीजिये, हमने तो करके दिखा दिया, और यदि चीन ने कोई उलटी सीधी हरकत की, तो  कंबाइंड मेरीटाइम फाॅर्स  को छोड़ने की बात तो छोड़ दीजिये, उल्टा भारत उसमे अपने जंगी बेड़े भी allocate कर देगा, फिर देखते हैं हम,चीन कितना बड़ा चौधरी है.आ जाये चीन. लड़ ले 34 देशो के साथ. चीन का चमन ना उजाड़ दिया, तो हमारा नाम भी भारत नहीं.


इसी बीच जबकि हम बात कर रहे है, की भारत में निवेश का मौका सामने खड़ा है, आप में से कुछ लोगों को लग सकता है, की मार्किट में तो मातम का माहौल है, तो फिर हम क्यों बन्दर की तरह इतने उछल कूंद रहे हैं.


दोस्तों, रोने धोने का टेंशन लेने का काम ट्रेडर्स करते है, हम कोई रोज रोज कुआ खोदने की बात नहीं कर रहे हैं, हम बात कर रहे हैं, इन्वेस्टर्स की. 


और निवेश का सदियों पुराना नियम है, की जब सब डरकर बेचें, तो हिम्मत के साथ खरीदो. बस तो हम इसी सिद्धांत का पालन करने वाले लोगों में से हैं, ले आओ आप मार्किट को नीचे, अच्छा माल सस्ते दाम में खरीदने के लिए हम बैठे हैं ना.


भारत में भरोषा है, तो भरोषा अटल होना चाहिए, अब आपको अच्छे और सस्ते माल की मौके पर पहचान करनी है, तो आप दाएं बाएं ना देखो, सीधा काले घोड़े की तरह दौड़ते आ जाओ आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स में.


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याद रखियेगा दोस्तों, मार्किट में जब गिरावट आये तो वही होता है, असली मौका. इस बार फिर मौका मत चूकियेगा, हमारा आपसे यही निवेदन हैं.

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