मोदी जी ने सबके मुँह सुखाये
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Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/
References -
https://timesofindia.indiatimes.com/india/best-news-on-the-economy-pvt-investment-at-16-year-high/articleshow/87336141.cms
https://www.livemint.com/news/india/fresh-private-investments-at-16-year-low-11569991612032.html
दोस्तों, आज का वीडियो देखकर आपका दिल हो जायेगा बाग़ बाग़, क्योकि आज हम चर्चा करेंगे, की कैसे पिछल 16 सालों के बाद भारत एक बार फिर करवट बदल रहा है.
सायद आपको याद हो, जब इंडियन इकॉनमी का राकेट लांच पैड पर खड़ा था, तभी अचानक से अटल जी का कार्यकाल ख़तम हो गया, लेकिन राकेट ने उड़ान भरी और अगले कुछ सालों में भारत ने आर्थिक विकास के मामले में इतिहास के सबसे अच्छे साल देखें.
लेकिन फिर UPA के दस सालों में चुन चुन कर ऐसे कदम उठाये गए, की देश का वेडा गर्क हो गया, जिस राकेट को उड़कर चाँद तक पहुंचना था, वह हिन्द महासागर में क्रैश हो गया.
इस हताशा और निराशा के माहौल में दिल्ली की गद्दी पर विराजे मजबूत मोदी जी. तभी से लगातार वह कोसिस कर रहे हैं , उनके प्रयासों में फल लग भी रहे थे, लेकिन हर बार यही आलोचना की जाती थी, की भारत की इकॉनमी आगे बड़ तो रही है धकेल धकेल कर, सर्कार अपनी तरफ से खर्च कर तो रही है.
लेकिन प्राइवेट इन्वेस्टमेंट नहीं हो रहा है, बड़ी बड़ी कंपनियां नए प्रोजेक्ट लांच नहीं कर रही है, नई फैक्ट्री खड़ी नहीं हो रही है, जिसका दुष्परिणाम देखने को मिल रहा था, रोजगार के घटते अवसरों में.
इसी बीच साल 2019 भी आया, जब प्राइवेट इन्वेस्टमेंट ने गोता खा लिया, पिछले 16 सालों में सबसे कम निवेश निजी कंपनियों के द्वारा किया गया. यह वही दौर था, जब अखबारों में चुन चुन का मोदी जी को गलियां दी जाती थी.
लेकिन वह कहते हैं ना, कोसिस करने वालों की हार नहीं होती, काली अंधियारी रात के बाद ही रोशनी की पहली किरण फूटती है.
तो अब आप सुनिए कान खोलकर, क्योकि इस साल पिछले 16 सालों का सबसे अधिक प्राइवेट इन्वेस्टमेंट होने जा रहा है भारत में, ना केवल निवेश आ रहा है, प्रोजेक्ट की संख्या अधिक है, बल्कि प्रोजेक्ट की साइज भी बड़ी है.
मतलब अब भारतीय कम्पनिया बड़ा काम ज्यादा पैसा लगाकर कर रही है. हर वित्त वर्ष के पहले छह महीने में जब आम तौर पर कमजोर आकंड़े आते हैं, तो यह हाल है, मतलब अगले छह महीनो में तो धमाल हो जायेगा.
इसलिए हमें कोई आश्चचर्य नहीं होगा, यदि इस साल भारत में इतिहास का सबसे बड़ा प्राइवेट इन्वेस्टमेंट हो जाये, और इसका लाभ मिलेगा आम भारतीयों को, रोजगार के अवसरों और, सैलरी में बढ़ोतरी के रूप में.
कहने की जरूरत नहीं है, इन आंकड़ों के पीछे मेक इन इंडिया, PLI स्कीम, आत्मनिर्भर भारत जैसी कैंपेन ताकत लगा रही है, तो आगे से बहार से Say नो to चाइना और चाइना प्लस वन की स्ट्रेटेजी भी भारत को आगे की तरफ खींच रही है.
जब आगे से खींचा और पीछे से धक्का साथ में लगाया जायेगा, तो गाड़ी तो गड्ढे से बहार निकलेगी ही निकलेगी.
अब आप में से अधिकतर लोग कहेंगे, की हमें इस सबसे क्या लाभ, हम भला क्यों खुश हो??
तो दोस्तों, जरा आप कल्पना कीजिये, की कोई भी फैक्ट्री लगेगी तो क्या उसमे बेअरिंग नहीं लगेगी, बिना बेअरिंग के मोटर घूमेगी क्या, इसलिए आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स के अंतर्गत हमने साझा किया है टिमकेन SKF और रोलेक्स रिंग्स जैसी कंपनियों को.
जिनहे इस बढ़ते प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कैपेसिटी एक्सपेंशन से लाभ होने की सम्भावना अधिक है, अब ऐसा तो होगा नहीं, की फैक्ट्री लग गयी, और उसमे बेअरिंग की जरूरत ना पड़े,
अब यदि आपको टिमकेन SKF और रोलेक्स रिंग्स जैसी कंपनियों का टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस करना है, कैंडल चार्ट देखकर खरीदने और बेचने के मौके तलासने है,
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