भारत ने कर दिखाया, हम किसी से कम नहीं
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Zen Technologies Limited secures its first export order in Live Simulation worth approximately Rs. 35 Crores
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Reference -
https://www.zentechnologies.com/tacsim-tactical-engagement-simulator.php
https://www.equitybulls.com/admin/news2006/news_det.asp?id=302904
याद होगा आपको, कोई बहुत पुरानी बात नहीं है, जब अपने सैनिको के लिए जूते से लेकर टेंट तक भारत विदेशो से इम्पोर्ट करता था. हर बार लॉजिक यही होता था, की विदेशी माल अच्छा है, हमारे यहाँ लोगों को आता नहीं है, यह सामान बनाना, इसलिए आयात करना पड़ता है.
लेकिन अब आप देखिये, अमेरिका और यूरोप की बड़ी बड़ी कंपनियों को ग्लोबल कम्पटीशन में हराकर भारतीय कंपनी जेन technology ने एक्सपोर्ट आर्डर जीता है. और वह भी हाई टेक सिम्युलेटर्स का.
अब आपका यह सवाल वाजिब है, की यह सिम्युलेटर्स होते क्या है, तो दोस्तों, बेहद सरल सब्दो में यह नकली युद्द लड़ने में मदद करते हैं ,ताकि असली युद्ध में सैनिक अपने नुकसान को कम से कम रखते हुए दुश्मन को अधिक से अधिक नुकसान पंहुचा सकें.
उदहारण के लिए जेन टेक्नोलॉजी का लाइव सिम्युलेटर ऐसा है, जिसे किसी भी राइफल अथवा अन्य किसी हथियार पर लगाया जा सकता है, लेकिन अब जब फायर खोला जायेगा, तो राइफल से गोली नहीं लेज़र निकलेगी, और लेज़र के माध्यम से ऑटोमेटिकली पता लग जायेगा, की यदि लेज़र की जगह गोली निकलती, तो टारगेट हिट होता या नहीं, और यदि होता भी तो दुश्मन को कितना नुकसान पहुँचता.
नकली ऑपरेशन में शामिल सभी सैनिको के द्वारा क्या क्या किया गया, वह सब कमांडर को फाइनली दिख भी जायेगा. मतलब वीडियो गेम से बेहतर होता है सिमुलेशन, जिसमे आप एक्चुअली पूरा ऑपरेशन कर सकते हैं, बस कोई खून खराबा नहीं होगा. किसी को कुछ नुकसान नहीं होगा.
लेकिन इस लाइव सिमुलेशन के माध्यम से सैनिको का युद्ध कौसल बढ़ जायेगा, और फिर अचानक से आये मौके पर प्रभावशाली ढंग से काम करने में वह कामयाब होंगे.
कहने का तात्पर्य यह है, की यह लेज़र बेस्ड सिमुलेशन सिस्टम कोई वीडियो गेम नहीं है, इसके युद्ध के मैदान में लाभ अनेक है, तभी तो जेन टेक्नोलॉजी पहली बार मिडिल ईस्ट कस्टमर को यह सिस्टम एक्सपोर्ट कर रही है.
यदि डील साइज को आप देखेंगे, तो कुल मिलाकर पैंतीस करोड़ का यह प्रोजेक्ट आपको छोटा ना के बराबर लग सकता है, लेकिन दोस्तों गौर फरमाएं, इस छोटे प्रोजेक्ट के लिए भी जेन टेक्नोलॉजी को यूरोप और अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनियों से दो दो हाथ करने पड़े.
अभी जेन टेक्नोलॉजी को सिस्टम सप्लाई करके अगले चार सालों तक उनके ऑपरेशन एंड मैंटेनस का काम देखना है, हमारे लिए बड़ी बात यह है, की यह छोटी सी भारतीय कंपनी अब बड़े बड़े धुरंधरों को धुल चटा रही है.
ड्रोन हो या सिमुलेशन हो, इनका उपयोग बढ़ना ही बढ़ना है, इसलिए अभी हमें पूत के पाँव पालने में देखने होंगे, वह दौड़ क्यों नहीं रहा है, यह सोचकर अपना ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ाना है.
हालाँकि इस आर्डर की जीत के लिए हम जेन टेक्नोलॉजी को बधाई देते हैं, लेकिन यहाँ पर हाईलाइट करना जरुरी है, जेन टेक्नोलॉजी का शेयर अभी बेहद महंगे अनाप सनाप दाम पर मिलता है. इसलिए इन्वेस्टमेंट के लिए यह कंपनी अभी निवेश का सुनहरा मौका नहीं दे रही है.
और इसके टेक्निकल कैंडल चार्ट पर भी कम से कम मजबूती से भरा खरीदने का संकेत तो अभी नज़र नहीं आ रहा है. लेकिन कंपनी अच्छी है, भविस्य भी उज्जवल है, बस शेयर का भाव थोड़ा सा कम हो जाये, वैसे भी दोस्तों अच्छा माल सस्ते दाम पर मिले तभी तो खरीदने का मजा आएगा.
अब आप कह सकते हैं, की जेन टेक्नोलॉजी जैसी ही होनहार कंपनियों में निवेश के मौके आपको भी पकड़ने है, तो आपको यह सब कैसे पता लगेगा. तो दोस्तों, आपका स्वागत है, भारत के सर्वश्रेष्ठ आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स में, जिसके माध्यम से आप अच्छा माल पहचाने और चार्ट पर सिग्नल पकड़ने में हो जायेगे माहिर.
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