जापान की सबसे बड़ी कंपनी के लिए भारत बना सबसे बड़ा केंद्र
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India to be the biggest market for Kubota in future: Yuichi Kitao, global president
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Reference -
https://economictimes.indiatimes.com/industry/auto/auto-news/india-to-be-the-biggest-market-for-kubota-in-future-yuichi-kitao-global-president/articleshow/87875881.cms?utm_source=contentofinterest&utm_medium=text&utm_campaign=cppst
कुछ दिनों पहले हमने चर्चा की थी. की किस प्रकार जापान की सबसे बड़ी ट्रेक्टर बनाने वाली कंपनी कुबोटा कारपोरेशन भारतीय एस्कॉर्ट्स में मालिकाना हिस्सेदारी खरीदने जा रही है.
जापानी कुबोटा जबकि नौ हज़ार चार सौ करोड़ का निवेश करके एस्कॉर्ट का मालिक बन रही है, अब हम सभी के मन में जायज़ सवाल उठता है, की आखिर जापानी कंपनी भारतीय एस्कॉर्ट्स पर इतनी मेहरबान क्यों हुई. इसी का सवाल जवाब दिया है, कुबोटा के प्रेजिडेंट ने
तो दोस्तों हुआ यूँ, की यूरोप हो, अमेरिका हो कनाडा हो या एशिया के अन्य देश हो, हर जगह ऐसे एग्री इक्विपमेंट की डिमांड बढ़ रही है, जो की कम दाम में ज्यादा से काम कर सकें.
एक और जहाँ एस्कॉर्ट्स के पास सस्ते से सस्ते दाम पर पूरा का पूरा प्रोडक्ट भारत में बनाने की छमता मौजूद है, वहीँ कुबोटा के पास हाई क्वालिटी और हाई टेक प्रोडक्ट बनाने की दक्षता है, इस प्रकार यदि एस्कॉर्ट्स और कुबोटा मिल जाएँ, तो एक और एक दो नहीं ग्यारह हो जायेंगे.
हम किस लेवल की डील की बात कर रहे हैं, वह आपको इसी बात से पता लग जायेगा, की कुबोटा जो की अभी जापान की ट्रेक्टर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है, वह भारत को अपना सबसे बड़ा गढ़ बनाने जा रही है, ना केवल वह भारत के मार्किट की डिमांड को पूरा करेगी, वल्कि कुबोटा की तरफ से ग्लोबल डिमांड भी अब भारत ही पूरा करेगा.
दोस्तों, वैसे भी आम अनुभव की बात है, की यदि किसी भारतीय कंपनी को यूरोप और अमेरिका के मार्किट में सेंध मारनी है, तो उसे थोड़ी सी ज्यादा दिक्कत आती है, लेकिन जापानी ब्रांड की दुनिया में तूती बोलती है, सबको पता है, जापानी दुकान में कैसा पकवान मिलता है.
इसलिए यदि एस्कॉर्ट्स अकेला कोसिस करता तो उसकी तुलना में अब कुबोटा के साथ आ जाने से उसे आगे बढ़ने में बहुत आसानी होगी.
जापानी कुबोटा के प्रेजिडेंट की यह बात हमें सबसे अच्छी लगी, की वह भारत को अपना सबसे बड़ा मार्किट बनाने जा रहे हैं. ना सिर्फ पैसा देकर भारतीय कंपनी खरीद रहे हैं, बल्कि उसका कायाकल्प भी कर रहे हैं.
एस्कॉर्ट्स जिसके अभी हम सभी ने मुख्य रूप से ट्रेक्टर देखे हैं, वही एस्कॉर्ट्स इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर, रेलवे और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट की फील्ड में अपना धाक बढ़ाता चला जायेगा.
और दोस्तों हमें चाहिए भी ऐसे ही दोस्त , जो मिलकर काम करें, भले ही अब एस्कॉर्ट्स पर मालिकाना हक़ जापानी कुबोटा का हो रहा है, लेकिन अभी भी उसकी आत्मा में भारत बसा रहेगा, और यह बात सुनिश्चित करेगा, एस्कॉर्ट्स का नया मैनेजमेंट स्ट्रक्चर.
अभी वर्तमान में एस्कॉर्ट्स और कुबोटा जो अलग अलग भारत में काम करते हैं, उन दोनों के मिल जाने के बाद अगले पांच से दस सालो में यह कंपनी दो से तीन गुनी आकार में हो जाएगी.
कहने की जरूरत नहीं है, बढ़ते हुए रोजगार के अवसरों के साथ साथ अब भारतीय किसानो को वैल्यू फॉर मनी, सस्ते और बेहतर ट्रेक्टर भी मिलेंगे, ऐसे ट्रेक्टर जो ना सिर्फ खेतों में काम करेंगे, बल्कि किसानो के शरीर का भी ख्याल रखेंगे.
आइये देखते हैं, कुबोटा की भारत में यात्रा कैसी होती है, जहाँ तक हम समझ सकते हैं, निवेश की दृस्टि से हम एस्कॉर्ट्स के ट्रेक्टर पर सवार हो चुके हैं, यात्रा चाहे कितनी ही कठिन और उतार चढ़ाव से भरी हो, हम एस्कॉर्ट्स के ट्रेक्टर से उतरने वाले नहीं है.
अब यदि आप सोच रहे हों, की एस्कॉर्ट्स और कुबोटा की इस डील से आपको कैसे मुनाफा हो, आप तो खेती किसानी नहीं करते, तो दोस्तों, एस्कॉर्ट्स जैसे ही निवेश के मौके पकड़ने के लिए आपको सीखना होगा, कैंडल चार्ट एनालिसिस की कला.
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