लातों के भूत बातों से नहीं मानते

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Japan, India working on release of oil stocks after U.S. request - sources

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Reference -

https://www.reuters.com/markets/commodities/first-japan-considers-release-oil-reserves-after-us-request-sources-2021-11-22/

https://www.reuters.com/markets/commodities/oil-slumps-prospects-emergency-supply-releases-europe-covid-19-surge-2021-11-21/


कच्चे तेल की बड़ी हुई कीमतों ने  हम सभी का बजट तो काफी समय से बिगाड़ रखा है, बीच में मोदी सरकार ने भी टैक्स में कटौती करके आम जनता को राहत देने की कोसिस की है.


परन्तु यह एक जमीनी सच्चाई थी, की कच्चे तेल का भाव अभी भी सांतवे आसमान पर चढ़ा हुआ है, और भारत अमेरिका समेत सभी देशो ने कच्चे तेल के उत्पादक देशो पर दवाब डालने की भरपूर कोसिस की, ताकि जैसे जैसे कच्चे तेल की डिमांड बढ़ रही है, वैसे वैसे उसका उत्पादन भी बढ़ाया जा सके.


लेकिन कच्चे तेल के साथ साथ उसके उत्पादक देशो का गुरुर भी सांतवे आसमान पर चढ़ा हुआ है. इसी कारण उन्होंने अमेरिकन प्रेजिडेंट बाइडेन की प्रार्थना को कोई तब्बजो नहीं  दी. लेकिन इसी बीच अमेरिका के मार्किट में भी गैसोलीन की कीमतों में आग लग गयी. 


जैसे ही गैसोलीन का दाम चार डॉलर के ऊपर जाता है, अमेरिकन नेताओं की बेचैनी बढ़ने लगती है, क्योकि चुनाव का सामना तो सबको करना है. बाइडेन को दिन में तारे इसलिए भी दिख रहे हैं, की कहीं ऐसा ना हो की अगले साल होने वाले चुनावों में उनकी सरकार का अमेरिकन लोकशभा और राज्य सभा में बहुमत अल्पमत में बदल जाये.


ऐसा हुआ तो वृद्ध बाइडेन की सरकार बीच राह में लंगड़ी भी हो जाएगी, इसलिए कच्चे तेल का उत्पादन करने वाले देशो को सबक सिखाने के लिए सायद आपको पहले से जानकारी होगी, अमेरिका ने भारत जापान समेत सभी देशो से आग्रह किया था, की सभी मिलकर एक साथ अपने अपने स्ट्रेटेजिक रिज़र्व से कच्चा तेल मार्किट में सप्लाई करें.


ताकि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी लाइ जा सके, दूसरे शब्दों में कच्चे तेल के उत्पादक देशो के होश ठिकाने पर लाये जा सके, उन्हें यह भी दिखाना जरूरी है, की भारत अमेरिका और जापान जैसे देश उनकी दया पर निर्भर नहीं है.


पहले जापान और अब भारत ने मिलकर सप्लाई खोलने के अमेरिकन प्रयास को हरी झंडी दिखा दी है, कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ने के डर से उसका भाव अंतरास्ट्रीय बाजार में वैसे भी गिरने लगा है 


80 डॉलर per बैरल के ऊपर इतरा रहा कच्चा तेल आज 80 डॉलर के नीचे दया की भीख मांग रहा है, उधर यूरोप में बढ़ते कोरोना केस के कारण बढ़ती डिमांड पर भी सवालिया निशान लग गया है.


इस प्रकार कच्चे तेल उत्पादक देशो के ऊपर चौतरफा दवाब बन रहा है, देखना होगा, आखिर कब तक उन्हें यह छोटी सी बात समझ में आती है,, की वह अपनी मनमर्जी के हिसाब से दूसरे देशो का शोषण नहीं कर सकते हैं.


लेकिन जमीनी वास्तविकता यह भी है, की स्ट्रेटेजिक रिज़र्व का तेल हमने संकट काल के लिए रखा हुआ है, इसलिए उसे पूरा का पूरा मार्किट में महगे दाम पर उड़ेला नहीं जा सकता है. इसलिए अमेरिकन जनता को बढ़ती महगाई से राहत पहुचाने के चक्क्कर में भारतीय ऊर्जा सुरक्षा को दाव पर नहीं लगाया जायेगा, ऐसा हमें मोदी सरकार को लेकर विस्वास है.


जहाँ तक हम समझ सकते हैं, अमेरिका जापान के साथ मिलकर स्ट्रेटेजिक reserve खोलने की बात  message मात्र है, और उम्मीद है, कच्चे तेल के उत्पादक देश सदेश को समय पर पढ़ लेंगे, और हमें अपने स्ट्रेटेजिक reserve को बहार निकलने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.


कच्चे तेल की गिरावट के साथ साथ आज फिर शेयर मार्किट में बिकबाली हावी थी, एक और जहाँ Paytm के आईपीओ में लालची भोली भाली पब्लिक को हलाल कर दिया गया , लेकिन आपको याद होगा, जब पेटम का आईपीओ खुला था, तब हमने हाथ जोड़कर आपसे बिनती करि थी, की भाई जी ऐसे अनाप सनाप महगे दाम पर लांच किये गए आईपीओ को खरीदने से बचे.




जो हुआ सो हुआ, लेकिन दोस्तों, हम आपसे बार बार कह रहे है, मार्किट में जो गिरावट आ रही है, वह अच्छा माल सस्ते दाम पर खरीदने का सुनहरा मौका है, बस आपको चाहिए कोयले के ढेर में छुपे हीरे को पहचानने की पारखी नजर. 




तभी तो हर गिरावट पर हम भारत में निवेश करने के लिए बिलकुल तैयार बैठे हैं. जैसे ही गिरावट के बाद मजबूती का संकेत मिलेगा, कैंडल चार्ट का आदेश मिलते ही, हम ETF और हाई क्वालिटी कंपनियों के शेयर सस्ते दाम पर जमा करने के मौके तलासने बैठे हैं. 




अब दोस्तों, आप सोच रहे होंगे, की निवेश के लिए कैंडल चार्ट पर जब मजबूती का संकेत आएगा, तो आपको पता कैसे लगेगा, आप कैसे हाई क्वालिटी माल के सस्ते दाम की पहचान कर पाएंगे.








तो दोस्तों, आप हमारे एक छोटे से सवाल का जवाव दीजिये, आखिर कब तक आप यूट्यूब टेलीग्राम इंस्टाग्राम पर टिप मांगते रहेंगे. 








आपको टिप मांगने वाला नहीं, टिप देने वाला बनना है, पूछने वाला नही बताने वाला बनना है, दूसरों पर डिपेंडेंट नहीं आत्मनिर्भर बनना है. यदि आपको भारत में निवेश के मौके अपने दम पर पकड़ना है, तो आपका स्वागत है, भारत के सर्व श्रेष्ठ आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स में. जिसके बारे में समस्त जानकारी व्हाट्सप्प पर प्राप्त करने के लिए आप इसी वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दी गयी लिंक पर क्लिक कर सकते हैं.  

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