मोदी जी ने कर दिया खाड़ी में बड़ा उलटफेर
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Saudi Arabian firm, Power For Defense Technologies Co signs agreement with Bharat Electronics
Saudi Arabian PDTC & BEL signs agreement to promote defense and aerospace technologies
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Reference -
https://www.thehansindia.com/business/saudi-arabian-pdtc-bel-signs-agreement-to-promote-defense-and-aerospace-technologies-720926
https://www.freepressjournal.in/business/saudi-arabian-firm-power-for-defense-technologies-co-signs-agreement-with-bharat-electronics
दोस्तों, हर बार हम देखा करते हैं, की दूसरे देशो से डिफेंस टेक्नोलॉजी प्राप्त करने के लिए भारत को हाथ फ़ैलाने पड़ते हैं. हम आज भी अमेरिका इजराइल फ्रांस और रूस से आग्रह करते हैं, की भाई हथियार बेचने के बजाय हमारे यहाँ ही हथियार बनाओ, टेक्नोलॉजी हमारे साथ साझा करो.
लेकिन अब हमारी तरह आपको भी जानकर ख़ुशी होगी, की किंगडम ऑफ़ सऊदी अरबिया को चाहिए भारत से डिफेंस एंड एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी.
और इसके लिए सऊदी अरब की कंपनी पावर फॉर डिफेंस टेक्नोलॉजी PDTC ने किया है एक दम तरोताजा करार, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड BEL के साथ
इस नए एग्रीमेंट के तहत PDTC और BEL मिलकर सऊदी अरब के डिफेंस इकोसिस्टम ने नए नए अत्याधुनिक प्रोडक्ट लांच करेंगे.
जो प्रोडक्ट सऊदी अरब में बेचे जायेंगे, वह ना केवल सऊदी अरब की सेना बल्कि नागरिको के भी उपयोग में आने वाले हैं, उदहारण के लिए कोस्टल राडार सिस्टम, ड्रोन प्रोटेक्शन सिस्टम दोनों कंपनियां मिलकर बनाएगी और सऊदी अरब और खाड़ी के अन्य देशो में बेचेगी.
जिस तरह भारत अमेरिका से हथियार खरीदता है, ठीक उसी प्रकार सऊदी अरब भी अमेरिका के हथियारों पर निर्भर है, इसलिए वह भारत के पीछे पीछे आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ने की कोसिस कर रहा है.
इस सन्दर्भ में सऊदी अरब की गंभीरता का अंदाज़ा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है, की भारत के साथ व्यापारिक, रक्षा और संस्कृति के छेत्र में आपसी सहयोग को और अधिक मजबूत करने के लिए ही, PDTC कंपनी की आधार शिला रखी गयी है.
और तो और PDTC और BEL के बीच हुए समझौते के साथ भारत और सऊदी अरब के बीच आपसी सम्बन्ध स्ट्रेटेजिक लेवल पर पहुंच गए हैं.
अब यह बात तो स्वाभाविक है, की बिना भारत और सऊदी सरकारों की हरी झंडी के इस लेवल का डिफेंस कोलैबोरेशन एग्रीमेंट हुआ नहीं होगा.
हम सभी लम्बे समय से बात करते आ रहे हैं, की भारत को ग्लोबल डिफेंस सप्लाई चैन का हिस्सा बनना होगा, और उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए BEL ने अब अमीर सऊदी अरब और खाड़ी के पुरे के पुरे मार्किट पर नजर टिकाई है.
सऊदी अरब के पास पैसा है, हमारे पास टेक्नोलॉजी है, चलने दो रक्षा व्यापर दबा के,
लेकिन यह बात कहना भी जरूरी है, की इस नए नए रिश्ते को मजबूत करते समय हमें भावनाओ में नहीं बहना है, विस्वास करना है, लेकिन साथ में वेरीफाई भी करना होगा.
सऊदी अरब के रस्ते हमारी टेक्नोलॉजी लीक नहीं होनी चाहिए किसी भी हालत में, हमें व्यापार बढ़ाना है, अपने पाँव पर कुल्हाड़ी नहीं चलाना है.
जब मोदी जी ने यह नया रास्ता खोला है, तो हमें पूरा भरोसा है, की इस रास्ते पर आगे बढ़ने के दौरान वह पूरी तरह से सजग और चोक्कने बने रहेंगे. इसलिए डरे और घबराये बिना BEL इस रास्ते पर आगे दौड़े, उसके लिए हमारी BEL को ढेरों शुभकामनाये हैं.
भले ही इस पुरे घटनाक्रम का महत्व हमारी मीडिया को समझ में ना आये, लेकिन यह पाकिस्तान की आंक की किरकिरी अभी तक बन चूका होगा, यह बात पक्की है.
अब आपका यह पूछना बेहद वाजिव हो सकता है, की BEL सऊदी अरब में नया धंधा करने लगे, तो हमें उससे क्या लाभ, हम क्यों बेगानी शादी में अब्दुल्ला बने.
तो दोस्तों, BEL जैसी शानदार कंपनी में निवेश के मौके पकड़ने के लिए आपको पढ़ना होगा, BEL का कैंडल चार्ट, और यदि आपने हमारा आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स ज्वाइन कर रखा होगा, तो BEL बेल का यह चार्ट देखकर अभी तक आपके दिमाग की बेल बज गयी होगी.
इसलिए दोस्तों, BEL जैसी अच्छी कंपनियों में निवेश के सुनहरे मौके पकड़ने के लिए आप भारत के सर्वश्रेस्ठ स्टॉक मार्किट कोर्स आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स में हो जाएँ जल्दी से जल्दी शामिल .
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