बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा
#RealQuickAnalysis #Indiandefensenews #MakeInIndia
India receives extreme cold weather clothing from America for troops deployed on China border
DRDO gives tech of extreme cold clothing system to 5 Indian firms
💥🔥📣आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स को ज्वाइन करने के लिए इस लिंक 👉🏻 ( https://local.google.com/place?id=16866896519534394514&use=posts&lpsid=CIHM0ogKEICAgICmlNP7gAE) पर क्लिक करके आप समस्त जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.धन्यवाद!!😊
Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/
Reference -
https://www.business-standard.com/article/current-affairs/drdo-gives-tech-of-extreme-cold-clothing-system-to-5-indian-firms-121122800880_1.html
https://timesofindia.indiatimes.com/india/india-receives-extreme-cold-weather-clothing-from-america-for-troops-deployed-on-china-border/articleshow/79018116.cms
आपको भी याद होगा और हम भी भूले नहीं है, पिछले साल जब भारत और चीन के बीच लद्दाक सीमा विवाद सुलझने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे थे, तब भारत को मजबूरी में यह निर्णय लेना पड़ा, की चाहे कितना ही ठंडा वातावरण क्यों न हो, भारतीय सैनिक अग्रिम पहाड़ी चौकियों पर बढ़ी हुए संख्या के साथ तैनात रहेंगे.
हाड़ कपाने वाली सर्दी में 60 हज़ार भारतीय सैनिक डटे रहें, तो उनके लिए जरूरी कपड़ों और साजों सामान की हमारे पास उपलब्धतता थी, लेकिन शर्दी के मौसम में चीन के साथ ऐसी गरमा गर्मी बढ़ी हुई थी, की भारत को तीस हज़ार और सैनिको के लिए एक्सट्रीम कोल्ड weather क्लोथिंग की व्यवस्था करनी पड़ी.
चूँकि जरूरत अचानक से सर पर आन पड़ी, इसलिए भारत को अमेरिका से अनाप सनाप दाम पर यह सब सामान खरीदना पड़ा, और ऊपर से अमेरिका को धन्यवाद भी देना पड़ गया, क्योकि वह कम से कम जरूरत के समय हमें चलो supply देने को तैयार तो हो गया.
वैसे भी निर्भरता शोषण को ही जन्म देती है. यह सत्य तो हम सभी को पता है, लेकिन हमारा दुःख तब और भी बढ़ जाता है, जब हमें पता चलता है, की भारतीय संस्थान जैसे की DRDO के पास एक्सट्रीम कोल्ड weather क्लोथिंग को बनाने की टेक्नोलॉजी पहले से है.
मतलब हमारे पास टेक्नोलॉजी थी, लेकिन उसके बल पर उत्पादन करने के लिए प्रोडक्शन कैपेसिटी का आभाव था.
रिसर्च इंस्टिट्यूट और इंडस्ट्री के बीच गहरी खाई थी, और उसकी खाई की मलाई उड़ाते रहे अमेरिका जैसे देश.
यहाँ अमेरिका जैसे किसी भी मित्र देश से हमें कोई बुराई नहीं है, गलती उनकी है ही नहीं , यह तो हमारी खुद की कमी थी, जब अपना सिक्का ही खोटा हो, तो किसी को क्या दोष दें.
लेकिन दुःख देने वाली यह बात अब भूतकाल का हिस्सा बनने वाली है, जी हाँ, क्योकि DRDO ने एक्सट्रीम कोल्ड weather क्लोथिंग का प्रोडक्शन करने की टेक्नोलॉजी एक बार में ही पांच कंपनियों को दे दी है.
बोले तो करो सब मिलकर एक्सट्रीम कोल्ड weather क्लोथिंग का भारत में ही उत्पादन, ताकि अगली बार जब भारतीय सेना को इस तरह के कपड़ो की जरूरत पड़े, तो उन्हें सप्लाई भारत से ही मुहैया करवाई जा सके.
कम से कम इंडियन आर्म्ड फोर्सेज के पास एक्सट्रीम कोल्ड weather क्लोथिंग के सस्ते सुन्दर और टिकाऊ भारतीय विकल्प होने चाहिए, ताकि वह उनकी विदेशी विकल्पों के साथ तुलना करके अपने लिए उचित निर्णय ले सकें.
इसलिए अपनी सीक्रेट टेक्नोलॉजी शेयर करने के लिए DRDO को साधुबाद, और हम पांच भारतीय कंपनियों को शुभ कामनाएं देते हैं, ताकि वह भारतीय सैन्य बलों की अपेक्षाओं पर खरी उतरें.
एक्सट्रीम कोल्ड weather क्लोथिंग के मामले में भारत ने दूसरे देशो के ऊपर अपनी निर्भरता ख़तम करने की कोसिस चालू कर दी है, लेकिन दोस्तों, निवेश के मामले में आप आखिर कब तक बैंक ब्रोकर म्यूच्यूअल फण्ड टीवी यूट्यूब टेलीग्राम इंस्टाग्राम के तथाकथित experts पर निर्भर बने रहेंगे, शोषण होने के पहले या बाद में इस बात का जवाब आपको ढूंढ़ना ही ढूढ़ना होगा.
इस सवाल पर सोचने का आपको समय मिले ना मिले, लेकिन अब ध्यान से सुनियेगा, अगले महज 3 दिनों के बाद १ जनवरी को आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स की फीस अपने आप पचास फ़ीसदी बढ़ जाएगी, इसलिए इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दी गयी लिंक पर क्लिक करके आप भारत के सर्वसिष्ठ स्टॉक मार्केट कोर्स को अभी के अभी ज्वाइन कर लीजिये.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें