मोदी जी से दुश्मनी चीन पर पड़ गयी भारी
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Reference -
https://www.timesnownews.com/india/article/global-acceptance-for-make-in-india-as-philippines-okays-brahmos-anti-ship-missile-system-for-its-navy/849280
आप सभी ने हमेशा से मेक इन इंडिया फॉर the वर्ल्ड का भरपूर समर्थन किया है, वह भी तब जब मखौल उड़ाना तो छोड़ ही दीजिये, कोई ऐसी बात तक नहीं करता था.
भारत ने दुनिया के हथियार खरीदने के बजाय, दुनिया को हथियार बेचना चाहिए, आप सभी ने हमेसा ऐसा आग्रह किया है.
आज के दिन आपके सपने हो रहे हैं सफल, क्योकि फिलीपीन्स ने आधिकारिक रूप से ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम को खरीद लिया है. 374 मिलियन डॉलर की यह डील कोई अंत नहीं, यह तो बस शुरुआत है.
अटल जी के शाशन काल में जिस ब्रह्मोस प्रोजेक्ट की नीव पड़ी, मोदी जी के कार्यकाल में उसी ब्रह्मोस की वैश्विक स्तर पर पहचान बनी है. और भी सोने पर सुहागा वाली बात यह है, की यह हथियार फ़िलीपीन्स को मिला है, जो इसका इस्तेमाल करे ना करे, लेकिन इसे ख़रीदा जरूर गया है, चालू चीन को बंद करने के लिए.
इसलिए यह देखना बेहद रोचक होगा, की चीन इस डिफेंस डील को लेकर क्या प्रतिक्रिया देता है. वैसे भी चीन को बड़ा शौक है, पाकिस्तान को हथियार बेचने का, अब भारत ने चीन को उसी की दवा खिला दी है, तो चीन को मजा तो पक्के से आएगा, वह कहे या ना कहे,यह दूसरी बात है.
फिलीपीन्स ने चीन के लिए भारत से ब्रह्मोस खरीदी, तो आप में से कुछ लोग कह सकते हैं, की हमें इससे क्या मिलेगा??
अरे साहब ब्रह्मोस छोड़ दीजिये, अख़बार पकड़ लीजिये, आये दिन मोदी सर्कार भर भर के डिफेंस इक्विपमेंट का इम्पोर्ट बंद कर रही है, जब इम्पोर्ट बंद हो जायेगा, तो सप्लाई कहाँ से होगी, भाईसाहब. यह भी तो सोचिये. लोकल प्रोडक्शन से ही ना, भारतीय कंपनियों को इस प्रकार मिल रहा है बड़े पैमाने पर डिफेंस प्रोडक्शन का अवसर.
जब भारतीय कंपनियां इंडियन आर्म्ड फोर्सेज की डिमांड को पूरा करेगी, तो फिर आप कोई अचरज ना करना, हमारे यहाँ की कम्पनिया ही पूरी दुनिया में अलग अलग सस्ते और हाई क्वालिटी डिफेंस इक्विपमेंट दबा दबा के बेचेंगी, इसलिए तो ब्रह्मोस केवल शुरुआत है, पिक्चर अभी बाकी है दोस्तों.
इसलिए अब आप जरा ध्यान से सुनिए, डिफेंस सेक्टर में बड़े लेवल का एक्सपोर्ट अभी चालू हुआ है, स्पेस सेक्टर को भी मोदी जी ने खोल के रख दिया है. डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हो या स्पेस इंडस्टी हो, दोनों में ही कहने का मतलब यह है, की इन दोनों सेक्टर्स में, कई कंपनियां ऐसी है, जो की लम्बी अवधि के निवेश का सुनहरा मौका पेश करती है.
लेकिन अब आप खोलिये अपने कान, यदि आप TV यूट्यूब अख़बार टेलीग्राम इंस्टाग्राम की बातों में आकर ऐसे ही किसी भी अनाप सनाप महगी कंपनी में निवेश करेंगे, जिसकी चर्चा हो रही है, तो फिर बाद में आप अपने घाटे के लिए दुनिया को दोष देते ही रह जायेंगे. आप तय कीजिये, आपको खिसियानी बिल्ली की तरह खम्बा नोचना है, या हरे हरे गरमा गरम नोट गिनना है.
याद रखियेगा,भेड़ चाल में चलने से प्रॉफिट नहीं बनता है. पैसा कमाने के लिए ऐसी अच्छी कंपनियों की पहचान करनी होगी, जो की सस्ते दाम पर मिल रही है, और जिन्हे खरीदने का मौका आ गया है.
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