यूरोप में भारत की किस्मत खुली
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Reference -
https://www.moneycontrol.com/news/business/markets/tata-steel-jsw-steel-regain-as-eu-levies-duty-on-imports-from-china-russia-us-7947281.html
चाइना प्लस वन और से नो to चाइना की स्ट्रेटेजी के कारण भारतीय टेक्सटाइल कंपनियों के दिन फिर चुके हैं. और इसका डायरेक्ट एंड फ़ास्ट लाभ उठाया है, आत्मनिर्भर इन्वेस्टर्स ने.
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आज के टॉपिक की चर्चा करते हुए, जब भी कभी सस्ते विदेशी माल से भारतीय इंडस्ट्री को राहत देने के लिए भारत सरकार एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाती है, बड़े बड़े एक्सपर्ट और एनालिस्ट चिल्ला चोट मचाने लगते हैं, की ऐसा करके भारत अपने खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है.
लेकिन अब आप सुनियेगा ध्यान से, क्योकि यूरोपियन यूनियन ने चीन, रूस और अमेरिका से आने वाले सस्ते स्टील से अपने देश की स्टील इंडस्ट्री को बचाने के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई थी साल 2016 में.
इस एंटी डंपिंग ड्यूटी की समय सीमा इस साल ख़तम होने वाली थी, लेकिन यूरोपियन यूनियन ने अपनी लोकल स्टील इंडस्ट्री के बचाव के लिए अगले पांच सालों के लिए फिर एंटी डंपिंग ड्यूटी जड़ दी है.
अब आप देख लीजिये, यूरोप से लेकर अमेरिका से लेकर भारत तक सब के सब एक्सपर्ट और एनालिस्ट अपने अपने मुँह में दही जमाये बैठे हैं.
एनीवे इन एक्सपर्ट और एनालिस्ट के पाखंड से तो हम सभी परिचित हैं, लेकिन बड़ी बात यह है, की यूरोपियन यूनियन ने इस प्रकार भारत का भला कर दिया है.
तो आप पूछेंगे कैसे, दरअसल टाटा स्टील और JSW स्टील की खुद की स्टील फैक्ट्री हैं यूरोपियन यूनियन में, इसलिए यदि यूरोपियन यूनियन के द्वारा लगाई गयी इस एंटी डंपिंग ड्यूटी का सीधा सीधा लाभ मिल रहा है, टाटा स्टील और JSW स्टील जैसी कंपनियों को.
क्योकि चीन, रूस और अमेरिका से यदि सस्ते स्टील की बाढ़ नहीं आएगी, तो टाटा स्टील और JSW स्टील यूरोपियन यूनियन में अपनी स्टील को बिना किसी प्राइसिंग प्रेशर के बेच पायेगी.
इस प्रकार देख लीजिये आप, यूरोपियन यूनियन ने चाबुक चलाया चीन, रूस और अमेरिका पर, लेकिन इसका indirect लाभ मिला है, भारतीय कंपनियों को.
इसी कारण यूरोप हो या अमेरिका हो या चीन हो, हर देश अपनी इंडस्ट्री के हितों की रक्षा करता है, इसलिए यदि भारत भी ऐसा ही कर रहा है, तो इसके लिए हमें रक्षात्मक डिफेंसिव होने की जरूरत कदापि नहीं है, भारत सरकार का यह दायित्वा है.
हमारे लिए सांत्वना इस बात की है, की मोदी सरकार अपने कर्तव्य को निभा रही है.
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