भारत में चालू हुआ नया कैपेक्स महोत्सव

 

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Pocketing even 1% market share from China means India gets a $10-billion opportunity in textiles, says industry
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Reference -

https://www.moneycontrol.com/news/business/kumar-mangalam-birlas-annual-reflections-capex-fest-is-coming-resilience-and-unit-economics-will-be-back-in-vogue-7998601.html

https://economictimes.indiatimes.com/small-biz/trade/exports/insights/pocketing-even-1-market-share-from-china-means-india-gets-a-10-billion-opportunity-in-textiles-says-industry/articleshow/89193697.cms

समय समय पर हमने कवर किया है, किस प्रकार अमेरिकन और यूरोपियन मार्किट में भारतीय कपड़ों की डिमांड बढ़ रही है. 


और इसका प्रमुख कारण यह है, की जो भी कंपनियां चीन से कपड़े ख़रीदा करती थी, वह अब सोच रही है, की चीन के अलावा उनके सामने एक और सप्लाई सोर्स का विकल्प होना चाहिए.


इसलिए वह भारत को एक विकल्प के रूप में डेवेलोप कर रही है, अब आपको लग सकता है, की यह सब तो बातें हैं, बातों का क्या.


तो आप जरा ध्यान से सुनियेगा, पिछले साल अप्रैल दिसंबर के बीच भारत का टेक्सटाइल एक्सपोर्ट 41 फ़ीसदी बढ़ गया है.


और अब तो इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री लीडर्स तक अनुमान लगा रहे हैं. की यदि ग्लोबल मार्किट में जितना चीन कपड़ा एक्सपोर्ट करता है, उसका एक प्रतिशत हिस्सा भी भारत के पास आ जाये, तो भारत को मिल जायेगा दस बिलियन डॉलर का एक दम नया धंधा.


पूरी दुनिया में अभी एक ट्रिलियन डॉलर के कपड़े एक्सपोर्ट होते हैं, जिसमे चीन का हिस्सा जहाँ 360 बिलियन डॉलर है, वही भारत का हिस्सा महज 40 बिलियन डॉलर के लगभग है.


भले ही चीन से पूरा टेक्सटाइल एक्सपोर्ट हमारे पास नहीं आये, महज १% चाइनीस ट्रेड भी यदि हमारे पास आ जाये, तो वह भी हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर होगा.


लेकिन यहाँ पर एक सच्चाई हम सभी को याद रखनी होगी, की चीन से जो टेक्सटाइल एक्सपोर्ट शिफ्ट हो रहा है, उस पर कब्ज़ा करने के मामले में वियतनाम और बांग्लादेश हमसे भी तेज रफ़्तार से आगे भाग रहे हैं.


इसलिए हाथो पर हाथ धरकर बैठने से कुछ नहीं होगा, अपने हिस्से के ग्लोबल टेक्सटाइल एक्सपोर्ट पर कब्ज़ा करने के लिए हमें मेहनत भी करनी होगी. अच्छी बात यही है, की मोदी सर्कार टेक्सटाइल PLI स्कीम के माध्यम से बिलकुल कर भी यही रही है.


वैसे भी टेक्सटाइल सेक्टर में भर भर के रोजगार के अवसर मिलते हैं, इसलिए इस बात की उम्मीद लगाई जा रही है, की आगामी बजट में भी टेक्सटाइल सेक्टर को लेकर कोई बड़ा अनोउसमेंट आ सकता है.


चाइना प्लस वन की स्ट्रेटेजी का एक लाभ जो भारत को टेक्सटाइल सेक्टर में मिल रहा है, उसी का दूसरा बड़ा लाभ मिल रहा है, अन्य इंडियन इंडस्ट्रीज को.


क्योकि भारतीय फैक्ट्रीज पहले से ही फुल कपसिटीज़ पर चल रही थी, लेकिन अब चीन से भागकर जो अचानक से ग्लोबल डिमांड उनके सामने आ रही है, उसी को पूरा करने के लिए बड़ी बड़ी कंपनियां नई कैपेसिटी नई फैक्ट्री नया प्लांट लगाने पर काम कर रही है.


यह बात कोई हम नहीं कह रहे हैं, आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन का कहना है, की अगले दस सालों में भारतीय कंपनियां छमता विस्तार में भर भर के निवेश करेंगी, और इसे उन्होंने नाम दिया है, Capex महोत्सव का.


आइये देखते हैं, टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी से लेकर कैपेसिटी एक्सपेंशन तक क्या क्या होता है, आशावान रहते हुए हम इसी की प्रतीक्षा करते हैं.


दोस्तों, इसी बीच एक फरबरी से आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स का नया batch ओपन हो रहा है, जिसमे होगी मात्रा साठ सीटें, इसलिए याद रखियेगा, आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स को जितने जल्दी ज्वाइन करेंगे, उतने ज्यादा फायदे में रहेंगे.

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