घर में आग लगने के पहले, भारत ने कुआँ खोदा
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Reference -
https://www.deccanherald.com/business/economy-business/ukraine-risks-prompt-india-to-look-elsewhere-for-sunflower-oil-1075157.html
रूस और उक्रैन से तरोताजा खबरें आ रही है, की तनातनी में कुछ गर्मी कम हुई है.
फिर भी किस पल क्या हो जाये, कुछ कहा नहीं जा सकता, इसलिए अकल्मन्द वह है, जो घर में आग लगने के पहले कुआ खोद ले.
अच्छी बात सुनिए आप, भारत अब यही कर रहा है, सायद आपको जानकारी हो, दुनिया भर में जितना भी सन फ्लावर आयल का शिपमेंट होता है, उसमे रूस और उक्रैन का हिस्सा 80 प्रतिशत है.
लेकिन भारत के साथ दिक्कत यह है, की हम 74 फ़ीसदी सन फ्लावर आयल खरीदते हैं उक्रैन से और रूस से खरीदते हैं, महज 12 प्रतिशत. मतलब हम उक्रैन पर निर्भर हैं, इसलिए हमारा शोषण भी हो सकता है.
बोले तो यदि रूस ने उक्रैन पर धावा बोल दिया, तो उक्रैन से आने वाली भारतीय सन फ्लावर आयल की सप्लाई के सर पर तलवार लटक जाएगी, इसी कारण दुनिया भर में आशंका लगाई जा रही है, की रूस उक्रैन की लड़ाई के कारण कच्चा तेल तो छोड़ दीजिये, खाद्य तेलों के भाव तक में उबाल आ जायेगा.
इन सभी दुष्प्रभावों से भारत को बचाने के लिए मोदी सर्कार आ गयी है, प्रोएक्टिव मोड में, इसलिए उसने रूस और अर्जेंटीना से भर भर के सन फ्लावर आयल अभी से आर्डर करना चालू कर दिया है.
रूस यदि उक्रैन पर हमला करता भी है, तो भी हम कम से कम अपेक्षा रख सकते हैं, की रूस भारत को सन फ्लावर आयल की सप्लाई जारी रखेगा, और यदि रूस कोई आनाकानी करे, भी तो अर्जेंटीना का ऑप्शन अपने पास है ही.
स्थिति की घंभीरता को समझते हुए भारत ने फरबरी और मार्च के लिए सन फ्लावर आयल के आर्डर तक बुक कर लिए है, ताकि बाद में कोई चिक चिक पिक पिक न हो.
हम तो चाहते हैं, की इन दोनों देशो के बीच विवाद ख़तम हो जाये, लेकिन हमारे चाहने से होता क्या है, इसलिए जहाँ तक हम समझ सकते हैं, संकट आने के पहले जो भारत उससे निपटने की कोसिस कर रहा है, वह एक दम सही है. क्योकि भगवान करे यदि कल को युद्द छिड़ गया, तो फिर भारत को सन फ्लावर आयल की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ सकता है.
इसी बीच शेयर मार्केट में एक तरफ से विदेशी निवेशक भर भर के माल बेच रहे हैं, तो दूसरी तरफ घरेलु निवेशक दबा के माल उठा रहे हैं. इसलिए कैंडल चार्ट पर लक्ष्मी जी के पहले पहले हलके हलके दर्शन भी होने लगे हैं.
यदि बजट उम्मीद के मुताबिक अच्छा आया, तो जो स्टॉक्स अभी पत्थर की तरह टूटे हैं, वही राकेट की तरह ऊपर जायेगे, और यदि बजट में कुछ भी ख़राब आया तो तो भाईसाब गयी भैस पानी में.
इन दोनों ही हालातों में तैयार रहने और रणनीति बनाने के लिए आपको बनना होगा, आत्मनिर्भर इन्वेस्टर. अनपढ़ इन्वेस्टर बने रहेंगे, तो देखते रहिएगा, टीवी ट्विटर यूट्यूब टेलीग्राम इंस्टाग्राम के एक्सपर्ट का मुँह.
आपको पैसा बनाना है, तो पड़ना भी पड़ेगा, इसलिए अनपढ़ इन्वेस्टर से आत्मनिर्भर इन्वेस्टर बनना विकल्प नहीं मजबूरी है, जल्दी ही आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स का नया बैच खुलेगा, लेकिन इस बार हमारे पास सीट्स बहुत लिमिटेड हैं, इसलिए कोर्स को जितने जल्दी ज्वाइन करेंगे, उतने ज्यादा फायदे में रहेंगे.
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