मोदी जी ने सस्ते में कर दिया महंगा काम

 

#RealQuickAnalysis #MakeInIndia #ModiLatestNews

Plan to shift inland waterways, army trucks to methanol in the works

📣आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स (Best Stock Market Course in India) को ज्वाइन करने के लिए  इस लिंक 👉🏻 ( https://atmanirbharinvestor.com/posts/5757903675736318467?hl=en ) पर क्लिक करके आप समस्त जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.धन्यवाद!!😊
Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/
Reference -

https://economictimes.indiatimes.com/industry/energy/oil-gas/plan-to-shift-inland-waterways-army-trucks-to-methanol-in-the-works/articleshow/88962490.cms?utm_source=contentofinterest&utm_medium=text&utm_campaign=cppst

अभी तीन दिन पहले ही तो हमने कवर किया था, की भारतीय कोयले से मेथनॉल बनाने वाले एक दम चकाचक प्लांट को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया है.


कोयले से निकाले गए मेथनॉल को जलाने से राख का तो नामोनिशान तक नहीं मिलता, और रही बात प्रदुषण की, तो वह भी डीज़ल की तुलना में बहुत कम होता है. और तो और सोने पर सुहागा बाली बात यह है, की डीज़ल की तुलना में मेथोल की कीमत एक तिहाई होती है. मोटे तौर पर डीजल यदि 90 रुपये का मिलता है, तो मेथनॉल एक लीटर महज 30 रुपये में मिलेगा.


कहने की जरूरत नहीं है, कोयले के भंडार हमारे देश में भर भर के पड़े हैं, कोयला ही क्यों साहब, कृषि से पैदा होने वाले बायोमास से भी तो मेथनॉल का उत्पादन किया जा सकता है. इसलिए अपने दम पर मेथनॉल का उत्पादन हम चाहे जितना कर सकते हैं. बोले तो मेथेनॉल की सप्लाई के लिए हमें खाड़ी के अरबी देशो अथवा अमेरिका रूस का मुँह तक नहीं देखना पड़ेगा.


चलो अब मेथनॉल की सप्लाई तो आने लगी, और इसे भविस्य में बढ़ना ही बढ़ना है, लेकिन अब बड़ा सवाल यह है, की सप्लाई के लिए डिमांड कहाँ से लाओगे?? कोयले से मेथनॉल तो बना लिया, लेकिन उसे जलाएगा कौन?


सप्लाई कैपेसिटी खड़ी करने के साथ साथ मोदी सरकार अब डिमांड भी क्रिएट कर रही है, इसलिए उसने डीज़ल इंजन को मॉडिफाई करने का बीड़ा उठाया है, ताकि वह मेथेनॉल पर चल सकें.


स्वीडन की टेक्नोलॉजी की मदद से पुणे की एक कंपनी ने आर्मी के डीज़ल ट्रक में सुधार करना भी चालू कर दिया है, ताकि वह डीज़ल के बजाये मेथनॉल का इस्तेमाल कर सकें.


एक बार पायलट प्रोजेक्ट सफल हो जाये, तो फिर धीरे धीर बड़ी संख्या में आर्मी के ट्रक को मेथेनॉल के लिए तैयार किया जायेगा, साथ में नदियों पर चलने वाले जहाजों और रेलवे के डीजल इंजन को भी मॉडिफाई करने पर काम चल रहा है.


बोले तो जहाँ जहाँ संभव हो, वहां वहां इम्पोर्टेड डीजल को मेड इन इंडिया मेथनॉल से रिप्लेस किया जाने का प्लान है.


अब चूँकि आर्मी की बात चली है, इसलिए कहना जरूरी है, की मोदी सरकार यह सुनिश्चित करेगी, की  मॉडिफिकेशन के बाद मेथनॉल पर चलने वाले इंजन डीज़ल इंजन से किसी मामले में उन्नीस ना हो, मतलब साब है, आर्मी को कोई टेंशन नहीं होनी चाइये, फालतू की.


धीरे धीरे मोदी सरकार महंगे कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता को ख़तम कर रही है, क्योंकि गोस्वामी तुलसीदास कह गए हैं, पराधीन सपनेउ सुख नाही . आज नहीं तो कल निर्भरता शोषण को जन्म देती ही देती है.


तो दोस्तों, आप जरा सोच के देखिये, आखिर आप कब तक म्यूच्यूअल फण्ड, बैंक, ब्रोकर, एजेंट, टीवी, यूट्यूब,ट्विटर टेलीग्राम इंस्टाग्राम के फ़र्ज़ी एक्सपर्ट पर निर्भर रहकर अपना शोषण करवाते रहेंगे.


आत्मनिर्भर इन्वेस्टर बनना विकल्प नहीं मजबूरी है, गौर से सुनियेगा अब.  चूँकि आत्मनिर्भर  इन्वेस्टर कोर्स की वैल्यू बहुत अधिक और कीमत बेहद कम है, इसलिए जल्द ही एक बार फिर हमें इस कोर्स की फीस बढ़ानी पड़ रही है.


आपको यदि आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स ज्वाइन करना हो, तो इसी वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दी गयी लिंक पर क्लिक करके ज्वाइन कर लीजिये भारत का सर्वश्रेस्ठ स्टॉक मार्केट कोर्स. 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हारी बाजी जीत गए मोदी जी

दर्द में हुई असली मर्द की पहचान

Well Done President Trump - America Stops WHO Funding!!