Reliance to make India Hydrogen Hub for the world


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 Reliance's $75 billion plan aims to make India a hydrogen hub
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Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/
Reference -

https://www.business-standard.com/article/companies/reliance-s-75-billion-plan-aims-to-make-india-a-hydrogen-hub-122013000170_1.html

हिम्मत और होंसले की उड़ान किसे कहते हैं, वह आपको समझ आ जायेगा यह वीडियो देखकर.


सायद आपके ध्यान में हो, भारत की सबसे दिग्गज कंपनी रिलायंस ने पिछले महीने ऐलान किया था, की वह 75 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी ऊर्जा के नए श्रोतों को डेवेलप करने में.


दूसरे शब्दों में मोटा मोटी रिलायंस पांच से छह लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसमे अधिकांश इन्वेस्टमेंट को डेप्लॉय किया जायेगा हाइड्रोजन के ऊपर,


हम सभी ने स्कूल में पढ़ा है, पानी को तोड़ने पर मिली हाइड्रोजन गैस को यदि जलाया जाये, तो फिर बदले में मिलता है, शुद्ध पानी और ऊर्जा, बोले तो ना राख और ना ही धूए का झंझट.


हाइड्रोजन की इस महिमा से तो हम सभी परिचित बचपन से हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल करने में सबसे बड़ी दिक्कत यह आती थी, की हाइड्रोजन का उत्पादन महंगा पड़ता था.


लेकिन अब रिलायंस ने इस महँगी हाइड्रोजन को सस्ते में पैदा करने का बीड़ा उठाया है, हमारी तरह आपको भी जानकर हैरानी होगी, की रिलायंस भविस्य में १ डॉलर यानी 70-75 रुपये के दाम पर १ किलो हाइड्रोजन का उत्पादन करेगी.


जो की वर्तमान में पैदा होने वाली हाइड्रोजन से 60 फ़ीसदी सस्ती होगी, एक बार इस सस्ती हाइड्रोजन का उत्पादन चालू हो गया है, तो रिलायंस इसकी जितनी सप्लाई करेगा उससे ज्यादा डिमांड अपने आप खड़ी हो जाएगी.


अरे साहब मोटर गाड़ी और वाहन छोड़ दीजिये, सीमेंट और स्टील की फैक्ट्रियो में जहाँ अभी कोयला धोंका जाता है, वहाँ इस हाइड्रोजन की खासी डिमांड रहने वाली है.


कारण यह है, की आज कल बड़े बड़े निवेशक मांग करते हैं, की हम तो ऐसी कंपनी में ही निवेश करेंगे, जो प्रदुषण ना फैलाये, मतलब जो कंपनी कोयले के जगह हाइड्रोजन का इस्तेमाल करेगी, उसे निवेश आकर्षित करने में आसानी होगी.


इस प्रकार यदि रिलायंस बड़े पैमाने पर सस्ती हाइड्रोजन की सप्लाई खड़ी कर रहा है, तो यह बात साफ हो जाती है, की डिमांड पहले ही उपलब्ध है. सस्ती हाइड्रोजन की हालत एक अनार सौ बीमार वाली होने वाली है.


अब यदि आपको लगे, की यह काम तो बड़ा मुश्किल है, यह दिक्कत आएगी वह दिक्कत आएगी, तो आप याद कीजिये आज से बीस पच्चीस साल पहले इस देश में मोबाइल से फ़ोन उठाने तक के पैसे लगते थे, वह रिलायंस ही था, जो की मोबाइल फ़ोन कालिंग को पोस्टकार्ड से सस्ता बना पाया.


और आज तो जिओ ने फ़ोन कालिंग को फ्री ही करवा दिया, बड़े पैमाने पर सस्ते में काम करने में रिलायंस को महारत प्राप्त है, इसलिए हमें कोई शक नहीं है, इस प्रोजेक्ट में थोड़ा बहुत समय ज्यादा लग सकता है, लेकिन मुकेश भाई को सफलता हांसिल होगी.


वैसे रिलायंस कोई अकेली नहीं है इस फील्ड में, सरकारी BPCL IOCL और NTPC सब के सब हाइड्रोजन उत्पादन में कमर कसके लग हुए हैं.


साथ ही साथ कुछ ही दिनों में मोदी सर्कार अपनी हाइड्रोजन पालिसी को कागजी रूप देने वाली है, कल तक जिस हाइड्रोजन पालिसी की बातों बातों में चर्चा होती थी, जल्द ही इस पालिसी का खाका और रूप रेखा हम सभी के सामने होगी.


सफलता कब तक दूर रहेगी आप ही बताएं, प्राइवेट और सरकारी कंपनियां यहाँ तक की सर्कार तक हाइड्रोजन के पीछे हाथ धोकर पड़ी है. इसलिए समय लग सकता है, लेकिन सफलता हमारी ही होगी.


दोस्तों, आप यदि आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स में रूचि रखते हों, तो ध्यान से सुनियेगा, १ फरबरी से नया बैच खुलने जा रहा है, इसलिए याद रखियेगा, इस कमाल के कोर्स को आप जितने जल्दी ज्वाइन करेंगे, उतने ज्यादा फायदे में रहेंगे.

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