रूस यूक्रेन क्राइसिस से नहीं बिगड़ेगा आपके किचन का बजट
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India cuts tax on crude palm oil imports to help consumers, refiners
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कच्चा तेल हो या खाने का तेल हो, दोनों ही हमारे बजट को बेहाल कर रहे हैं. भारत अपनी जरूरत का 60 फ़ीसदी से भी अधिक खाद्य तेल जैसे की पाम आयल और सन फ्लावर आयल इम्पोर्ट करता है.
चूँकि भारत सन फ्लावर आयल रूस और यूक्रेन से इम्पोर्ट करता है, इसलिए उनके बीच चल रहे क्राइसिस के कारण कच्चा तेल छोड़िये यहाँ तक की खाद्य तेल के भाव में भी उबाल आ रहा है.
इसी बीच बढ़ती महगाई से भारतीय जनता को राहत दिलाने के लिए एक प्रमुख कदम उठाते हुए भारत सर्कार ने कच्चे पाम आयल पर इम्पोर्ट टैक्स को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 5 फ़ीसदी कर दिया है.
जिससे दो लाभ होंगे, पहला तो यह की अब रिफाइंड पाम आयल की जगह इंडियन ट्रेडर्स कच्चा पाम आयल इम्पोर्ट करेंगे, जिसे बाद में भारत में ही रिफाइन किया जायेगा. इस प्रकार लोकल पाम आयल refiners को बढ़ चढ़कर धंधा मिलेगा.
साथ में चूँकि कच्चे पाम आयल का इम्पोर्ट बढ़ेगा, इसलिए भारत में खाद्य तेल की सप्लाई बढ़ेगी, परिणामस्वरूप उनकी कीमतें नरम पड़ने की सम्भावना बढ़ जाएगी.
अरे साहब इस कदम से भले ही खाद्य तेल की कीमतें ना गिरें, यदि उनका बढ़ना भी बंद हो जाये, तो वह भी काफी राहत भरा होगा.
आपको याद हो, पाम आयल पर इम्पोर्ट टैक्स इसलिए बढ़ाया गया था, ताकि मलेशिया जिससे भारत अधिक मात्रा में पाम आयल को इम्पोर्ट करता है, उसके सर फिरे प्रधान मंत्री के होश ठिकाने पर लाये जा सके.
उस लक्ष्य को तो भारत ने प्राप्त कर लिया हैं, और अब मलेशिया में नए शांत प्रकृति के प्रधान मंत्री बैठे हुए हैं. जिनके पास दूसरे के मुद्दों पर मुँह खोलने का समय तक नहीं है.
जहाँ तक घरेलु पाम आयल प्रोडक्शन को बढाने की बात है, तो उसमे अभी समय लगेगा, इसी बीच बढ़ती तेल की कीमतों से आम जनता को बेहाल नहीं किया जा सकता है.
हाँ, यह बात सही है, की पाम आयल स्वास्थ्य के लिए अन्य तेलों की तुलना में कम लाभदायक है, और उसके कई नुक्सान भी देखे गए हैं, लेकिन यहाँ पर मोदी सरकार स्वास्थ्य और महगाई की चिंता को संतुलन में रखना चाह रही है, ताकि सबके पास अपने अपने बजट के अनुसार महंगे और सस्ते तेल को खरीदने का विकल्प रहे.
देख लीजिये, दूर दराज के रूस उक्रैन क्राइसिस के कारण पूरी दुनिया का मार्केट क्रैश हो रहा है, इस दौरान हो सकता है, आप में से कई लोग शेयर मार्केट को छोड़कर भागने की सोच रहे हों.
तो दोस्तों, अभी जबकि मार्केट एक रेंज में बुरी तरह फंसा हुआ है, तो कमाई के मौके तलासने के बजाये आप अनुभव प्राप्त कीजिये, फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस की कला सीखें ,ताकि अगली बार जैसे ही तेजी का दौर आये तो उसका लाभ उठाने के लिए आप पूरी तरह से तैयार रहें.
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