अब भारत को कोई रोक नहीं सकता.

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Chipmaker AMD says Xilinx acquisition will double its presence in India

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Reference -

https://www.business-standard.com/article/companies/amd-says-xilinx-acquisition-will-double-its-presence-in-india-122021500461_1.html

 अभी दो दिन पहले ही तो हमने चर्चा करि थी. की मोदी सरकार के द्वारा लांच की गयी 76 हज़ार करोड़ की PLI स्कीम का लाभ उठाने के लिए भारत की वेदांता और ताइवान की फोक्सकोन ने हाथ से हाथ मिला लिया है.


लेकिन उससे बड़ी खबर सुनिए अब आप जरा ध्यान से.


इंटेल के साथ साथ आपने सायद अडवांस्ड माइक्रो devices AMD के बारे में सुना होगा, जो की अमेरिका की एक दिग्गज फॅब्लेस्स कंपनी है. मोटे तौर पर यह फॅब्लेस्स कम्पनिया आउटसोर्सिंग करते हुए सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन का काम दे देती हैं, फाउंड्री कंपनी को, और फेब्रिकेशन हो जाने के बाद, यह चिप डिज़ाइन,टेस्टिंग और सेल्लिंग खुद करती हैं अथवा करवाती है.


दूसरे सब्दो में जिस काम में अधिक पैसा लगता है, वह है फाउंड्री में होने वाला फेब्रिकेशन, जो की अभी दुनिया में मुख्य रूप से अमेरिका चीन और ताइवान में होता है.  इसलिए यह फॅब्लेस्स कंपनियां खुद फेब्रिकेशन करने के बजाए उसे आउट सोर्स कर देती है, और वाकी का काम खुद करती हैं.


यहाँ पर गौर करने वाली बात यह है, की मोदी जी की सेमीकंडक्टर PLI स्कीम के पहले से फॅब्लेस्स काम भारत में होता आया है, अमेरिकन फॅब्लेस्स कंपनी सिलिंक्स जिसका अमेरिका के बाद सबसे बड़ा ऑफिस भारत में हैं.


सिलिंक्स ही वह कंपनी थी, जिसने सबसे पहले इस किफायती और जल्दी से खड़ा होने वाले  फॅब्लेस्स बिज़नेस मॉडल का विकास किया था.

 

अमेरिकन कंपनी AMD ने हाल ही में 35 बिलियन डॉलर में दूसरी अमेरिकन कंपनी सिलिंक्स को खरीद लिया. यह डील कितनी बड़ी थी, यह आपको इसी बात से अंदाज़ा लग जायेगा, की यह सेमीकंडक्टर सेगमेंट में हुई अभी तक की सबसे बड़ी डील थी. जिसका मुख्या उद्देश्य AMD को Global हाई परफॉरमेंस और adaptive कंप्यूटिंग लीडर बनाना था.


अब आप गौर फरमाएं, AMD ने जैसे ही सिलिंक्स को ख़रीदा, तो उसकी भारत में हेडकॉउंट हो गयी यकायक डबल. इस प्रकार AMD जैसी दिग्गज कंपनी भारत में अपनी  उपस्थिति बड़ा रही है. ताकि अधिक से अधिक फॅब्लेस्स काम भारत में हो सके.


जब भी कभी भारत में सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन को बढ़ावा देने की बात होती थी, तो इस फील्ड के एक्सपर्ट का कहना होता था, की मोदी सरकार ने फेब्रिकेशन से अधिक भारत में पहले से ही उपस्थित फॅब्लेस्स मैन्युफैक्चरिंग को बल देना चाहिए. क्योकि फेब्रिकेशन की तुलना में हमारे लिए फॅब्लेस्स मैन्युफैक्चरिंग में जल्दी से तेज रफ़्तार में आगे बढ़ पाना संभव है.


इसलिए AMD और सिलिंग्स की यह जो डील है, वह साफ़ साफ दर्शाती है, की अमेरिकन कंपनी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है, और उसकी 35 बिलियन डॉलर की डील में खासा ध्यान भारत में अपनी प्रजेंस को बढ़ाने पर है.


यदि आप सोच रहे हो, की AMD ने इतना निवेश क्यों किया, तो आप स्वयं देख लीजिये, AMD ने 35 बिलियन डॉलर का निवेश करके अपने लिए 55 बिलियन डॉलर के नए मार्किट को जीतने की सम्भावना खड़ी कर ली है.


दोस्तों, इंडियन और ताइवानी कंपनियां ही नहीं, अब तो अमेरिकन कम्पनिया भी मोदी जी की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग स्कीम का लाभ उठा रही है. शेयर मार्किट में उतार चढ़ाव चलता रहेगा, लेकिन निवेश के आकर्षक मौके आपके सामने खड़े है, बस उन्हें देखने के लिए पारखी नजर चाहिए.


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