अमेरिका ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत बना उदहारण
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Australia says China warship fired laser at its patrol plane
Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/
Reference -
https://indianexpress.com/article/world/australia-says-china-warship-fired-laser-patrol-plane-7781349/
सायद आपको याद हो, साल 2018 में जिबूती में चीन ने अमेरिकन एयरक्राफ्ट के ऊपर लेज़र अटैक किआ. फिर चीन ने प्रशांत महासागर में अमेरिकन विमानों पर लेज़र फायर किया.
इसके बाद 2019 में ऑस्ट्रेलियाई हेलीकाप्टर के ऊपर चाइनीस नेवी ने लेज़र अटैक किया साउथ चाइना सी में. इन सभी घटनाक्रमों में एक बात कॉमन थी, की अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने अपने पायलट्स पर हुए हमले के खिलाफ विरोध दर्ज कराया, और चीन सिर्फ यह कहकर साफ मुकर गया, की उसने ऐसा कोई लेसर अटैक नहीं किया.
इस प्रकार हर बार चीन ने चालबाजी भरी गुस्ताखी की, और हर बार वह बिना किसी दंड के बच कर निकल गया.
परिणाम आज हमारे सामने हैं, कल तक चीन साउथ चाइना सी, जिबूती और प्रशांत महासागर में लेज़र अटैक कर रहा था, लेकिन पिछले गुरुवार को उसने लेज़र अटैक खोल दिया ऑस्ट्रेलिया के तट के आस पास उड़ रहे निगरानी रखने वाले हवाई जहाज पर.
हमेसा की तरह एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने भी औपचारिकता पूरी करते हुए, विरोध दर्ज करा दिया, की लेसर अटैक से उसके पायलट की जिंदगी पर सवालिया निशान लग गया था.
यदि किसी गलती को बार बार दोहराया जाये, तो वह बन जाती है, गुस्ताखी, यही गुस्ताखी कर रहा है, ऑस्ट्रेलिया अब.
इसलिए जब प्रयासों में कोई परिवर्तन नहीं है, तो हमें कोई उम्मीद नहीं है, की परिणामो में कोई अंतर आएगा, चीन एक बार फिर यह कह कर छूट जायेगा, की ऑस्ट्रेलिया के विमान उसके जहाजों के ऊपर मंडरा रहे थे, जो उसे बिलकुल भी पसंद नहीं था, लेकिन फिर भी चीन ने लेसर अटैक नहीं किया.
लगता है, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को अभी भी भारत से सीखना होगा, की चीन से दो दो हाथ कैसे किये जाते हैं. माना हमारे पास चाइनीस समस्या का कोई जादुई समाधान नहीं है, लेकिन कम से कम हम इस बार चीन का सामना करने के लिए नई साहसिक कोसिस कर रहे हैं, जो की अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लिए अनुकरणीय है.
यदि यह दोनों सीखेंगे नहीं, तो सुधरेंगे भी नहीं, इसलिए कुछ ही दिनों महीनो बाद फिर होगा एक और लेसर अटैक.
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