भारत ने भरी होंसलों की ऊँची उड़ान
India could export $500 bn in green energy over 20 years: Reliance chairman Mukesh Ambani
It's India's Time, Likely to Become Third-Largest Economy by 2030-32: Mukesh Ambani
https://www.news18.com/news/business/its-indias-time-likely-to-become-third-largest-economy-by-2030-32-mukesh-ambani-4802507.html
https://economictimes.indiatimes.com/industry/renewables/india-could-export-500-bn-in-green-energy-over-20-years-reliance-chairman-mukesh-ambani/articleshow/89771411.cms
दोस्तों भले ही वर्तमान में हम सभी एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन इस दौरान हम सभी का हौसला बुलंद है और हम भविस्य के प्रति आशावान है.
इसी बीच हमें प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए, रिलायंस से. जैसा की हमने पहले भी चर्चा की है, मुकेश अम्बानी १ डॉलर में १ किलो हाइड्रोजन का उत्पादन करने की सोच रहे हैं, १ डॉलर में १ किलो हाइड्रोजन कंपनी को नहीं, आपको पड़ेगी, मतलब हैंडलिंग और ट्रांसपोर्ट सब शामिल हैं, १ डॉलर की कॉस्ट में.
जब इतनी सस्ती मात्रा में हाइड्रोजन का उत्पादन भारत कर सकेगा, तो कोई आश्चर्चय नहीं होना चाहिए, भारत इस सस्ती हाइड्रोजन को भर भर के एक्सपोर्ट भी करेगा.
आपको तो पता है, वर्तमान में भारत कच्चे तेल के लिए इम्पोर्ट पर निर्भर है, कोयला हमारे पास है, लेकिन उसको जलाने से प्रदुषण होता है.
लेकिन यह सभी समस्या ख़तम हो जाएगी, जब भारत बेहद सस्ते दाम पर क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी को प्रोडूस और एक्सपोर्ट करेगा.
तभी तो रिलायंस चेयरमैन का कहना है, की कच्चे तेल का इम्पोर्ट करने वाला भारत, अगले बीस सालों बाद 500 बिलियन डॉलर की क्लीन एनर्जी का एक्सपोर्ट करेगा. मतलब एनर्जी इम्पोर्टर से भारत बन जायेगा एक्सपोर्टर.
अब आपको लग सकता है, की यह सब तो शेखचिल्ली के हसीं सपने हैं, होना जाना कुछ नहीं है, तो दोस्तों, आप सही हों या ना हो, लेकिन अभी आप मुस्कराइए, क्योकि ऐसा सोचने वाले आप अकेले नहीं है. अपने देश को नीचा दिखाकर खुद को ऊपर समझने वाले लोगों से हमारा देश भरा पड़ा है.
लेकिन यहाँ पर बड़ी बात यह है, की 500 बिलियन डॉलर एनर्जी एक्सपोर्ट की बात कोई राह चलता आदमी नहीं कर रहा है, बल्कि उस कंपनी का मालिक कर रहा है, जो की इस टारगेट की प्राप्ति के लिए प्रयत्न कर रही है. अब सपना देखना ही है. तो क्यों न बड़ा सपना देखा जाये.
तभी तो मुकेश अम्बानी जी का कहना है, की भारत 3 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी से 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी भी बनेगा, और दस ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था भी बनेगा, सवाल सिर्फ इस बात का है, की यह सब कब होगा. एक दो साल ऊपर नीचे हो सकता है, लेकिन होगा जरूर.
स्वाभाविक है, यदि भारतीय इकॉनमी ग्रो करेगी, तो आम भारतीय का जीवन स्तर भी सुधेरगा.
जब इस तरह का सकारात्मक विस्वास है, तभी तो रिलायंस भविस्य के ऊपर इतना बड़ा दाव लगा रही है, भगवन करे मुकेश अम्बानी जी की बात सही हो, भारत के सितारे बुलंदी पर चमकते रहे और आगामी समय में भारत तेज रफ़्तार से ग्रो करता रहे.
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