खुली सस्ते ईरानियन कच्चे तेल की सप्लाई


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 Iran Says Nations 'closer Than Ever' To Revive Nuclear Deal As Talks Continue In Vienna

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Reference -

https://www.republicworld.com/world-news/rest-of-the-world-news/iran-says-nations-closer-than-ever-to-revive-nuclear-deal-as-talks-continue-in-vienna-articleshow.html

https://www.businessinsider.in/finance/news/crude-oil-price-hits-100-a-barrel-due-to-growing-tensions-between-russia-and-ukraine/articleshow/89631242.cms


भले ही दुनिया का ध्यान रूस और यूक्रेन की नौटंकी पर केंद्रित है, लेकिन जिस घटनाक्रम  का प्रभाव हम सभी की जेब पर पड़ेगा ही पड़ेगा, वह चल रहा है, ऑस्ट्रिया में, जहाँ बात चीत हो रही है, ट्रम्प के द्वारा तोड़ी गयी ईरान नुक्लेअर डील को फिर से जोड़ने की.


दस दिनों से भी अधिक समय से चल रही बातचीत और मोलभाव के बाद अब तो ईरान भी आधिकारिक रूप से कह रहा है, की पहली बार बात बनने के इतने करीब आयी हैं, और अब बातचीत लगभग अंतिम चरण में हैं. अब सप्ताहों नहीं बल्कि बस कुछ दिनों की बात बची है. हाथी निकल गया, बस पूछ बची है.


जबकि ईरान के अनुसार अभी भी सब कुछ फाइनल नहीं हुआ है, और जब तक सभी पॉइंट्स पर सहमति नहीं बनती है, तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता है. 


ईरान जो कुछ दिनों पहले तक बाइडेन बाबू को लताड़ रहा था, वह अब यदि यह कह रहा है, की एग्रीमेंट लगभग अंतिम चरण में पहुंच चूका है, तो यह हमारे लिए निश्चित रूप से एक अच्छा संकेत हैं.


एक ओर ईरान अभी भी लास्ट के कुछ मतभेदों पर अड़ा हुआ है, तो फ्रांस जो की ईरान के साथ मोलभाव करने वाली टीम में शामिल है, उसने भी साफ़ कर दिया है, की ईरान ने बातचीत को गंभीरता से लेना चाहिए, यदि अभी भी उसने एग्रीमेंट फाइनल नहीं किया तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.  क्योकि पुरानी नुक्लेअर डील के भी ठीक विपरीत गुस्ताखी करते हुए ईरान परमाणु गतिविधियों में बराबर लगा हुआ है. 


इस प्रकार फ्रांस भी ईरान पर दवाब डाल रहा है, की भाई जल्दी करो, बाइडेन बाबू तैयार हैं, तो काहे पांव घसीट रहे हो.


यह डील कितनी महत्वपूर्ण है, यह इसी बात से समझ आ जाता है, की साल 2014 के बाद पहली बार ब्रेंट क्रूड आयल अब 100 डॉलर पर बैरल के आसपास पहुंच चूका है.


यदि ईरान नुक्लेअर डील लटकी, तो आप को अंदाज़ा लग जायेगा. की कच्चे तेल का भाव कहाँ से कहाँ पहुंच जायेगा, मौका है और दस्तूर है, की बस नुक्लेअर डील हो जाये, और रुकी हुई ईरानियन कच्चे तेल की सप्लाई फिर चालू हो जाये. तो भाई थोड़ी सी राहत मिले.


नहीं तो जैसे ही राज्यों में चल रही वोटिंग में अंतिम मत पड़ेगा, वैसे ही शाम को तुरंत पेट्रोल डीज़ल के दाम बड़ा दिए जायेंगे. अब पूरा का पूरा दारोमदार ईरानियन नुक्लेअर डील पर है. जैसा की हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं, बाइडेन बाबू को यह डील चाहिए ही चाहिए, ताकि अमेरिका में गैसोलीन के दाम कम करके बढ़ती महगाई पर काबू पाया जा सके.


इसलिए अब स्थिति तो पूरी तरह से अनुकूल बन गयी है, बस देखना होगा, की ईरानियन कच्चे तेल की सप्लाई खुलने की खुशखबरी कब तक आती है.


इसी बीच दोस्तों, शेयर मार्किट में उथल पुथल का माहौल जरूर है, फिर भी Schaeffler इंडिया ने आज ही आज में दिया है 8 से 11 फ़ीसदी का उछाल . यह है क्वालिटी का कमाल, इस कंपनी को हमने कई बार अपने आत्मनिर्भर इन्वेस्टर यूट्यूब चैनल पर भी कवर किया है.



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