पोषक अनाज बेच भारत ने बनाया प्रॉफिट
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Govt expects millet exports to increase exponentially in coming years
Exports Of Millets To Increase Exponentially As Indian Exporters Find New Markets
Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/
Reference -
https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/foreign-trade/govt-expects-millet-exports-to-increase-exponentially-in-coming-years/articleshow/89432988.cms
https://pragativadi.com/exports-of-millets-to-increase-exponentially-as-indian-exporters-find-new-markets/
मिल्लेट्स जैसी की ज्वार, बाजरा, रागी इत्यादि की पावरफुल पोषण छमता से तो आप परिचित होंगे ही, भारत में दुनिया का सबसे अधिक करीब करीब 41 फीसदी मिल्लेट्स का उत्पादन किया जाता है. सदियों से यह मिल्लेट्स हमारे भोजन का मुख्य हिस्सा रहें हैं.
लेकिन अब पूरी दुनिया में मिल्लेट्स की पोषण छमता के बारे में जागरूकता बड़ी है, और जिसके कारण इनकी डिमांड भी तेजी से बढ़ने लगी है. इंडोनेशिया, इटली, अमेरिका, ब्रिटैन, बेल्जियम, जर्मनी, मेक्सिको जैसे देशों में आज कल मिल्लेट्स की डिमांड बहुत है.
अभी तक भारत केवल अपने आस पास के देशो जैसे की नेपाल, UAE और सऊदी अरब को मिल्लेट्स का एक्सपोर्ट किया करता था. लेकिन चूँकि हमारे पास सप्लाई पहले से ही है, और डिमांड भी अब आने लगी है, इसलिए भारत ने मिल्लेट्स के एक्सपोर्ट को धक्का लगाने की कोसिस चालू कर दी है.
अभी हाल ही में पेश हुए बजट के अनुसार मिल्लेट्स के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए उनकी पोस्ट हार्वेस्टिंग प्रोसेसिंग को अब सर्कार फाइनेंसियल असिस्टेंस देगी. सरल सब्दो में इसका मतलब यह है, की फसल कटने के बाद अनाजों की वैल्यू बढ़ाने पर भारत सर्कार का पूरा फोकस है.
एक बार यदि भारतीय मिल्लेट्स ग्लोबल स्टैंडर्स का पालन करने लगी, तो फिर डिमांड तो पहले से ही खड़ी हो चुकी है.
बजट में सहायता देने के साथ साथ भारत सर्कार इंडियन एक्सपोर्टर्स और ग्लोबल इम्पोर्टर्स के बीच संपर्क संवाद और समन्वय स्थापित करने में अपनी तरफ से पूरा सहयोग कर रही है.
और ऐसा नहीं है, की यह सब कहानी अभी शुरू हुई हैं, भारत से होने वाले मिलेट एक्सपोर्ट में पिछले दो सालों में बढ़ोतरी भी आयी है. जो की अभी 27 मिलियन डॉलर के आस पास है, और यह तेजी से बढ़ भी रहा है.
आप स्वयं देखिये, जहाँ भारत में दुनिया के 40 फ़ीसदी मिल्लेट्स का उत्पादन होता है, वही ग्लोबल एक्सपोर्ट में हमारा हिस्सा महज 5% के लगभग है.
बोले तो बहुत बड़ा अवसर हमारे सामने पहले से ही खड़ा था, अब भारत सर्कार उसे भुनाने के लिए और भी अधिक मेहनत कर रही है.
कहने की जरूरत नहीं है, यदि मिल्लेट्स का एक्सपोर्ट बढ़ता है, तो इसका सीधा सीधा लाभ भारतीय किसानो को मिलेगा, यदि भाव अच्छा मिलेगा तो कोई कारण नहीं भारतीय किसान उनका उत्पादन अपने आप बढ़ाएंगे.
विदेशी ही क्यों साहब, आज कल तो मिल्लेट्स की भारत में भी लोकल डिमांड बढ़ रही है. इसलिए विदेशी के साथ साथ घरेलु डिमांड का बढ़ना तो सोने पर सुहागा कर देगा
इसी बीच हाल फ़िलहाल भारतीय शेयर मार्किट में चल रही इस उथल पुथल के कारण अब पैसा बनाना दिन प्रतिदिन कठिन होता चला जा रहा है. इस उतार चढ़ाव का मजा लेते हुए यदि आपको साथ में मुनाफा भी बांधना है, तो एक आम इन्वेस्टर बने रहने से काम नहीं चलने वाला. आपको बनना होगा, एक आत्मनिर्भर इन्वेस्टर. लिख कर रख लीजिए, यदि आप आम इन्वेस्टर बने रहेंगे तो आपका शोषण भी लगातार होता रहेगा.
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