Reliance to become worlds top blue hydrogen maker
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Mukesh ambani's ril seeks to be worlds top blue hydrogen maker
Note - The video was created in the Software and includes a link to https://www.movavi.com/
Reference -
https://www.livemint.com/companies/news/mukesh-ambani-s-ril-seeks-to-be-world-s-top-blue-hydrogen-maker-11644651672921.html
जहाँ चाह वहां राह होती है, यही बात आपके मुँह से निकलेगी यह वीडियो देखकर.
सायद आपको याद हो, कुछ दिनों पहले हमने चर्चा करि थी, की रिलायंस दुनिया की सबसे सस्ती 1 डॉलर में एक किलो हाइड्रोजन का उत्पादन करने जा रही है.
जबकि पानी तोड़कर इतनी सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए टेक्नोलॉजी विकसित की जा रही है, इस दौरान रिलायंस के पास दो विकल्प थे, पहला यह, की चुपचाप इंतजार करो, और दूसरा यह की जो प्लांट और इक्विपमेंट रिलायंस के पास अभी है, क्या उनसे तुलनात्मक रूप से सस्ती हाइड्रोजन का उत्पादन हो सकता है, ऐसी सम्भावना तलासी जाये.
रिलायंस ने चुना दूसरा विकल्प, और परिणाम हमारे सामने है.
रिलायंस के पास अभी 4 बिलियन डॉलर का एक प्लांट खड़ा हुआ है, जो की पेट्रोलियम कोक यानि की सरल सब्दो में कोयले से ब्लू हाइड्रोजन का उत्पादन करता है.
ग्रीन हाइड्रोजन और ब्लू हाइड्रोजन दोनों बिलकुल एक की प्रोडक्ट है, दोनों में अंतर सिर्फ यह है, की ग्रीन हाइड्रोजन पानी को तोड़कर मिलती है, तो ब्लू हाइड्रोजन कोयले और पेट्रोलियम से प्राप्त होती है.
हाइड्रोजन ब्लू हो या ग्रीन, हमें उससे क्या मतलब, राख और धुएं की झंझट के बिना बस हमें क्लीन एनर्जी बेहद सस्ते दाम पर मिलनी चाहिए.
रिलायंस जो अपने वर्तमान प्लांट से ब्लू हाइड्रोजन का उत्पादन करने जा रहा है, उस हाइड्रोजन का एक किलो पड़ेगा 1.2 से 1.5 डॉलर में. जो की फिर भी 2.5 डॉलर के वर्तमान भाव से काफी कम है.
यहाँ पर ध्यान रखना जरूरी है, की रिलायंस यह सब कर क्यों रहा है, दरअसल वह वर्तमान Blue हाइड्रोजन कैपेसिटी का इस्तेमाल करके हाइड्रोजन इंडस्ट्री में अपनी पैठ बनाना चाहता है, ताकि बाद में जब १ डॉलर प्रति किलो की ग्रीन हाइड्रोजन बने, तो रिलायंस उसे भर भर के बेच सके. बोले तो रिलायंस का काम नहीं रुकना चाहिए..आगे बढ़ते रहो हमेसा.
कोयले से जो हाइड्रोजन रिलायंस बना रहा है, वह डायरेक्टली टक्कर देगा सऊदी अरब को, क्योकि अरबी शेख भी कच्चे तेल से ब्लू हाइड्रोजन का उत्पादन करने का सपना देख रहे हैं. कोई दिक्कत नहीं, कम्पटीशन का असली मजा ही तब है, जब वह तगड़ा हो.
जहाँ तक हम समझ सकते हैं, एक्सिस्टिंग कैपेसिटी का इस्तेमाल करके रिलायंस हाल फिलहाल जो सस्ती ब्लू हाइड्रोजन का उत्पादन करेगी, वह एक बेहद सराहनीय कदम है, जो की ना केवल रिलायंस बल्कि भारतीय हाइड्रोजन इकॉनमी और आम नागरिको के लिए लाभकारी होगी.
देख लीजिये अब आप. मोदी जी ने नेशनल हाइड्रोजन मिशन बनाया, तो मुकेश अम्बानी अब हाइड्रोजन बनाने लगे. लोहा गरम मोदी जी ने किया, मुकेश अम्बानी जी ने हथोड़ा मार दिया.
अब आप चाहें तो पप्पू पुजारियों की तरह अम्बानी अडानी को गालियां दे सकते हैं, अथवा चाहे तो उनसे सीख सकते हैं, की मोदी जी के द्वारा पैदा किये जा रहे अवसरों से प्रॉफिट कैसे कमाएं?
वह कहते है ना, नजर बदलेंगे तो नज़ारे भी अपने आप बदल जायेंगे. यदि आप मोदी जी की मेहनत का लाभ उठाने के लिए निवेश के मौके तलाश रहे हैं, तो आम इन्वेस्टर बनने से काम नहीं चलेगा, आपको बनना होगा आत्मनिर्भर इन्वेस्टर.
फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस की कला में महारथ हांसिल करने के लिए आप इसी वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दी गयी लिंक पर क्लिक करके आत्मनिर्भर इन्वेस्टर कोर्स को जितने जल्दी ज्वाइन करेंगे, उतने ज्यादा फायदे में रहेंगे. a
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